Muzaffarnagar में ईंख के खेतों में चली गोलियाँ: 10,000 के इनामी ट्रांसफॉर्मर चोर अलीशेर मुठभेड़ में घायल, गिरोह का बड़ा राज़ खुला
Muzaffarnagar जिले में अपराधियों पर पुलिस का शिकंजा दिन-प्रतिदिन कसता जा रहा है। ताज़ा मामला मुकुंदपुर झाल क्षेत्र का है, जहाँ चेकिंग के दौरान पुलिस का सामना एक शातिर ट्रांसफॉर्मर चोर अलीशेर से हुआ।
अलीशेर पर 10,000 रुपये का इनाम घोषित था और वह यूपी समेत कई जिलों में चार दर्जन से अधिक चोरी के मामलों में वांछित चल रहा था।
पुलिस द्वारा रोके जाने पर उसने भागने की कोशिश की और बाद में ईंख के खेतों में छिपकर पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। इस मुठभेड़ ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी और पुलिस ने फौरन जवाबी कार्रवाई की।
चेकिंग के दौरान संदिग्ध बाइक सवार पर शक — भागकर खेतों में लिया छिपने का सहारा
थाना पुलिस टीम नियमित चेकिंग अभियान चला रही थी। इसी दौरान एक संदिग्ध मोटरसाइकिल सवार को रोकने का इशारा किया गया।
लेकिन पुलिस के संकेत को अनदेखा कर वह तेज़ी से खेतों की ओर भागा और मोटरसाइकिल छोड़कर ईंख के घने खेतों में घुस गया।
पुलिस टीम भी उसके पीछे खेतों में उतरी, तभी अचानक आरोपी ने 315 बोर के अवैध तमंचे से पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी।
अचानक हुई गोलीबारी के बावजूद पुलिसकर्मियों ने साहस दिखाते हुए घेराबंदी जारी रखी।
जवाबी फायरिंग में अलीशेर घायल — मौके से मिला अवैध असलहा
पुलिस की सीमित और सावधानीपूर्वक जवाबी कार्रवाई के दौरान अलीशेर के पैर में गोली लगी, जिसके बाद वह वहीं गिर पड़ा और पुलिस ने उसे काबू कर लिया।
मौके से पुलिस ने बरामद किया—
315 बोर का अवैध तमंचा
एक खोखा
दो जिंदा कारतूस
अलीशेर को तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ उसका उपचार जारी है।
अलीशेर—ट्रांसफॉर्मर चोरी गिरोह का मास्टरमाइंड, चार दर्जन मुकदमों में वांछित
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार अलीशेर का नाम विद्युत ट्रांसफॉर्मर चोरी गिरोह के सबसे सक्रिय सदस्यों में शामिल है।
उसके खिलाफ—
ट्रांसफॉर्मर चोरी
बिजली उपकरण काटने
अवैध हथियार रखने
चोरी के माल की बिक्री
सहित चार दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं।
वह लंबे समय से पुलिस की पकड़ से बचता रहा, और चोरी के मामलों में उसकी भूमिका अक्सर मास्टरमाइंड जैसी होती थी।
प्रारंभिक पूछताछ में अलीशेर ने स्वीकार किया कि वह बड़े गिरोह का हिस्सा है, जो ट्रांसफॉर्मर को तोड़कर कॉपर और कीमती इलेक्ट्रिकल पार्ट चोरी करता है और उन्हें काले बाज़ार में बेचता है।
वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में ऑपरेशन—पुलिस टीम की सूझबूझ से मिली बड़ी सफलता
पूरी कार्रवाई वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा के निर्देशन में चल रही थी।
इसके साथ पुलिस अधीक्षक ग्रामीण आदित्य बंसल, क्षेत्राधिकारी फुगाना रूपाली राव, और थानाध्यक्ष पवन कुमार现场 पर लगातार स्थिति की मॉनिटरिंग कर रहे थे।
चेकिंग टीम की सतर्कता और तेज़ प्रतिक्रिया के चलते यह Muzaffarnagar encounter पूरी तरह सफल रहा।
पुलिस का कहना है कि अलीशेर की गिरफ्तारी से गिरोह के कई और सदस्यों के नाम सामने आ सकते हैं।
अलीशेर के बयान से खुल सकता है बड़ा नेटवर्क—पुलिस कई जिलों में भेजेगी टीम
पुलिस अब अलीशेर की कॉल डिटेल, संपर्क सूची और पिछले मामलों की फाइलें खंगाल रही है।
संदेह है कि उसका नेटवर्क—
मुज़फ्फरनगर
शामली
मेरठ
सहारनपुर
और हरियाणा के कुछ हिस्सों तक फैला हुआ है।
गिरोह ट्रांसफॉर्मर काटने के बाद कॉपर कॉयल और अन्य सामग्री को अलग-अलग जिलों में बेचता था।
अलीशेर इस पूरे गैंग का प्रमुख लिंक माना जा रहा है।

