उत्तर प्रदेश

Hardoi: बैंक से ऋण लेने के बाद महिला सिपाही को धमकाने वाला सिपाही गिरफ्तार, वायरल करने की दी थी धमकी!v

Hardoi/गोंडा: पुलिस विभाग में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने पुलिसिंग की गरिमा को शर्मसार कर दिया। यह घटना एक सिपाही से जुड़ी हुई है, जिसने अपनी निजी जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंक से ऋण लिया और फिर वह इस ऋण को अदा करने के लिए एक महिला पुलिस कर्मी से पैसे उधार मांगने में संकोच नहीं किया। हालांकि, जब महिला सिपाही ने उसे उधार दी गई रकम वापस मांगी, तो उस सिपाही ने न केवल पैसे लौटाने से इंकार किया, बल्कि उसकी तस्वीर से छेड़छाड़ कर उसे वायरल करने की धमकी भी दी। यह मामला गोंडा जिले का है, जहां महिला सिपाही ने पुलिस अधीक्षक से शिकायत दर्ज कराई और अब आरोपित सिपाही को गिरफ्तार कर लिया गया है।

सिपाही ने उधार मांगी रकम वापस करने से किया इनकार

यह मामला गोंडा जिले के उमरी बेगमगंज थाना क्षेत्र के आदमपुर गांव से जुड़ा हुआ है। यहां के निवासी और हरदोई जनपद के कासिमपुर थाना में तैनात सिपाही विनय कुमार ने बैंक से ऋण लिया था। उसे इस ऋण की अदायगी के लिए पैसे की जरूरत थी, जिसके बाद उसने अपनी एक परिचित महिला पुलिस कर्मी से पैसे उधार मांगे थे। महिला सिपाही, जो पुलिस अधीक्षक कार्यालय में तैनात थीं, ने विनय कुमार को उसकी परिचित होने के नाते रुपये उधार दे दिए।

विनय को उधार की रकम लौटाने के लिए कहा गया, तो वह न केवल पैसे लौटाने में आनाकानी करने लगा, बल्कि उसने महिला सिपाही को धमकी दी कि यदि वह उधार की रकम वापस मांगती है, तो उसकी एडिटेड तस्वीर वायरल कर देगा। इस धमकी के बाद महिला सिपाही ने पुलिस अधीक्षक एसपी नीरज कुमार जादौन से शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पूरे मामले की जांच शुरू की गई।

जांच में खुलासा, अन्य महिला पुलिस कर्मियों को भी दी थी धमकी

पुलिस अधीक्षक ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सीओ शिल्पा कुमारी से मामले की जांच कराई। जांच में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि सिर्फ महिला सिपाही को ही नहीं, बल्कि विनय कुमार ने चार अन्य महिला पुलिस कर्मियों को भी इसी तरह से धमकाकर पैसे वसूलने की कोशिश की थी। सभी महिला पुलिस कर्मियों की एडिटेड तस्वीरें बनाई गई थीं और उन्हें धमकी दी गई थी कि इन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया जाएगा, अगर वे पैसे नहीं देंगी।

यह देखकर पुलिस महकमे में हलचल मच गई। एसपी ने तुरंत ही मामले की गहराई से जांच कराई और आरोपित सिपाही के खिलाफ साइबर थाने में मामला दर्ज किया।

सिपाही को गिरफ्तार किया और निलंबित किया गया

फाइनली, शुक्रवार की देर रात पुलिस ने विनय कुमार को गिरफ्तार कर लिया। सीओ सिटी अंकित मिश्रा ने पुष्टि की कि आरोपित सिपाही के खिलाफ साइबर क्राइम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। विनय कुमार के खिलाफ आरोपित सिपाही को पुलिस विभाग ने निलंबित भी कर दिया। गोंडा पुलिस की यह कार्रवाई इसलिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि यह घटना पुलिस बल की विश्वसनीयता को चुनौती देने वाली थी।

साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों पर सवाल

यह मामला साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों को भी उजागर करता है, जहां आम लोग और अब पुलिस अधिकारी भी इसका शिकार हो रहे हैं। तस्वीरों से छेड़छाड़ और सोशल मीडिया के जरिए किसी की निजी जानकारी का दुरुपयोग कर उसे धमकाना एक गंभीर अपराध बन चुका है। सिपाही द्वारा की गई यह हरकत साइबर क्राइम और ब्लैकमेलिंग के तहत आती है, जिसमें आरोपी ने न केवल महिला सिपाही का मानसिक शोषण किया, बल्कि उसके सम्मान को भी चुनौती दी।

यह घटना यह भी दर्शाती है कि अगर पुलिस विभाग के अंदर ऐसे अपराधियों की मौजूदगी है, तो सामान्य नागरिक कितने सुरक्षित होंगे। पुलिस महकमे को चाहिए कि इस तरह के मामलों में कठोर कार्रवाई कर यह सुनिश्चित करे कि विभाग के भीतर इस तरह की अनियमितताएं न हों।

पुलिस की कार्रवाई पर सवाल

इस पूरे मामले में पुलिस की त्वरित कार्रवाई और गंभीर जांच की सराहना की जानी चाहिए, लेकिन सवाल यह भी उठता है कि क्या विभाग में अन्य ऐसे मामले पहले भी सामने आ चुके हैं, और क्या इस तरह के मामलों के लिए पहले से कोई सख्त दिशा-निर्देश मौजूद थे। पुलिस विभाग की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने अधिकारियों को सख्त अनुशासन में रखे और इस तरह के किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए समय-समय पर उन्हें ट्रेनिंग दे।

भविष्य में क्या कदम उठाए जाएंगे?

पुलिस विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह घटना एक चेतावनी है और भविष्य में ऐसे मामलों को लेकर सख्त दिशा-निर्देश तैयार किए जाएंगे। पुलिस बल में ऐसे तत्वों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, साइबर क्राइम से संबंधित मामलों में लोगों को जागरूक करने और ऐसे अपराधों के खिलाफ कड़ी सजा की व्यवस्था पर भी विचार किया जा सकता है।

हालांकि यह घटना पुलिस विभाग की छवि को नुकसान पहुँचाने वाली है, लेकिन इसका एक सकारात्मक पहलू यह भी है कि अपराध के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई को लेकर जागरूकता बढ़ी है और ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई की उम्मीद की जा सकती है।

News-Desk

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