वैश्विकदिल से

Hawaii: विलुप्त हो रहे पक्षियों को बचाने के लिए आसमान में छोड़े जा रहे Mosquitoes

Hawaii, संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रशांत महासागर में स्थित एक प्रान्त है जिसे अपनी प्राकृतिक सुंदरता और वन्यजीवों के लिए प्रसिद्धा है। लेकिन आधुनिक विकास की राह में वनों की कटाई और प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक उपयोग ने इसे बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। आज हवाई नामक इस प्रांत के सामने क्लाइमेट चेंज, वनों की कटाई और वन्यजीवों पर प्रतिकूल प्रभावों की वजह से विपदाओं का सामना करना पड़ रहा है।

वनों की कटाई और प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक उपयोग

वनों की कटाई और प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक उपयोग ने यहां के वन्यजीवों पर गंभीर प्रभाव डाला है। वनों की इस कटाई ने हवाई के वन्य प्राणियों के परिवारों पर भारी प्रतिकूल प्रभाव डाला है, जिसके परिणामस्वरूप अब विश्वभर में पक्षियों की अनेक जातियां विलुप्त हो रही हैं। विलुप्त हो रहे पक्षियों को बचाने के क्रम में हवाई ने अनोखी पहल की है।

मच्छर से हनीक्रीपर की सुरक्षा

हवाई ने विलुप्त हो रहे हनीक्रीपर पक्षियों को बचाने के लिए हेलीकॉप्टरों से लाखों मच्छर छोड़ने का कार्य किया है। यह मच्छर प्राकृतिक रूप से विलुप्त हो रहे हनीक्रीपर पक्षियों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि इस प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई तो हनीक्रीपर की कई प्रजातियां अत्यधिक खतरे में हैं और एक साल के भीतर विलुप्त हो सकती हैं।

नैतिकता और सामाजिक प्रभाव

इस प्रयास से हवाई ने न केवल वन्यजीवों की संरक्षा में एक नई दिशा दिखाई है, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण संदेश भी दिया है कि हमारे प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा में हमारा सकारात्मक योगदान अत्यंत आवश्यक है। हमें यह सिखाता है कि हमारी जिम्मेदारी है कि हम पृथ्वी के संतुलन को बनाए रखें और उसकी संसाधनों का सही तरीके से उपयोग करें।

नीतियां और समाधान

हवाई में इस प्रकार के प्रयास से न केवल स्थानीय वन्यजीवों को संरक्षित किया जा रहा है, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण संदेश भी देता है कि हमें अपने प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा में सकारात्मक योगदान देना है। इसका सफलतापूर्वक कार्यान्वयन और अनुसंधान हमें एक और सबक सिखाता है कि हम अपनी प्राकृतिक विविधता को बचाने और उसकी रक्षा करने के लिए सक्रिय योगदान दे सकते हैं। आधुनिक मानव प्रगति के मार्ग में आगे बढ़ने की अंधी दौड़ में प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करने में भी पीछे नहीं रहा है. जिसकी वजह आज उसके सामने क्लाइमेट चेंज जैसी अनेक चुनौतियां खड़ी हो गई है. वनों की कटाई और प्रकृति के दोहन ने यहां रहने वाले जीवों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है, जिसके परिणाम स्वरूप अब दुनियां भर मे पशु पक्षियों की अनेकों जनजातियां विलुप्त हो रही है. विलुप्त हो रहे पक्षियों को बचाने के क्रम में हवाई ने आगे कदम बढ़ाए है.

Hawaii ने विलुप्त हो रहे दुर्लभ पक्षियों को बचाने के लिए एक अनोखी तकनीक अपनाई है. देश में हेलीकॉप्टरों से लाखों मच्छर छोड़े जा रहे हैं. प्राप्त जानकारी के मुताबिक यहां रहने वाले हनीक्रीपर पक्षी, 1800 के दशक में पहली बार यूरोपीय और अमेरिकी जहाजों द्वारा लाए गए मच्छरों द्वारा लाए गए मलेरिया से मर रहे हैं. इनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित नहीं होने के कारण, पक्षी केवल एक बार संक्रमित मच्छरों के काटने के बाद मर सकते हैं.

बता दें कि इस देश में हनीक्रीपर की तैंतीस प्रजातियां पहले ही विलुप्त हो चुकी हैं और जो 17 बची हैं. उनमें से कई अत्यधिक खतरे में हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि यदि कोई कार्रवाई नहीं की गई तो कुछ एक साल के भीतर ये पूरी प्रजाति विलुप्त हो सकती हैं. इसी का परिणाम है कि आज हनीक्रीपर को बचाने के लिए देश में हफ्ते में एक हेलीकॉप्टर से 250,000 नर मच्छरों को प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले जीवाणु के साथ सुदूर द्वीपसमूह के द्वीपों पर छोड़ा जा रहा है. ये मच्छर जन्म नियंत्रण के रूप में कार्य करता है. इससे पहले ही 10 मिलियन मच्छर छोड़े जा चुके हैं.

 

 

Dr. Abhishek Agarwal

Dr. Abhishek Agarwal पोर्टल के संपादकीय बोर्ड के सदस्य हैं। वे एक प्रसिद्ध शिक्षाविद और शोधकर्ता हैं, जिनके लेखन में सामाजिक मुद्दों, वैश्विक रणनीतियों, संबंधों, और शिक्षा विषयों पर गहरा अध्ययन और विचार प्रकट होता है। उन्हें समाज के विभिन्न पहलुओं को समझने और लोगों की जागरूकता में मदद करने में उत्साह मिलता है। यहाँ कुछ सामग्री को अधिक प्रभावी संचार प्रदान करने के लिए संग्रहित किया गया हो सकता है। किसी भी सुझाव के मामले में, कृपया [email protected] पर लिखें

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