दिल से

पत्रकारिता का गिरा स्तर: सस्ती लोकप्रियता और चाटुकारिता ने ले ली जान

राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद त्यागी ने कहा कि किसी भी पत्रकार द्वारा किसी की मजबूरी का फायदा उठा कर सनसनी फैलाने वाली घटना बनाकर प्रस्तुत करना पूरी तरह गलत हैं उन्होंने यह बयान प्रयागराज हाइकोर्ट की लखनऊ पीठ द्वारा एक पत्रकार की जमानत याचिका खारिज करने पर दिया।

उल्लेखनीय हैं कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने पत्रकार शमीम अहमद की जमानत याचिका ख़ारिज करते हुए कहा है कि पत्रकार से यह अपेक्षा नहीं है कि वह सनसनीखेज वारदात का जानबूझ कर नाटक करने को कहें और अंजाम देने वाले की स्थिति को दुर्दशा पूर्ण बताते हुए उस पर खबर लिखे।

जैसा कि आरोप हैं कि पत्रकार शमीम अहमद और नौशाद अहमद ने लखनऊ के एक किरायेदार को उकसाया था कि बेदखली से बचने के लिए वह विधान भवन के सामने आत्मदाह करने का नाटक करे, हम फोटो खींचकर अख़बार में छापेंगे तो मकान मालिक और शासन पर दबाव बनेगा जिससे उसकी बेदखली रुक जायेगी।

पत्रकारों के बहकाये जाने पर किरायेदार ने विधानभवन के सामने आग लगा कर मरने का नाटक किया किन्तु दुर्भाग्य से नाटक असलियत में तब्दील हो गया और 24 अक्टूबर 2020 को उसकी अस्पताल में मृत्यु हो गई।

हाईकोर्ट की टिप्पणी आदर्श पत्रकारिता तथा पत्रकारिता में आई नैतिक मूल्यों की गिरावट को रेखांकित करती है। अख़बार और टी.वी चैनल सनसनी फैलाने से बाज नहीं आते। तिल को ताड़ बनाने का मुहावरा पुराना पड़ गया है; अब तो टी.वी चैनल टी.आर.पी बढ़ाने के लिए हवा में गांठ लगाते हैं।

इसी प्रकार पिछले दिनों नितान्त बेबुनियाद और सौ फीसद झूठी ख़बर इस तरह हवा में उछली गई मानो योगी आदित्यनाथ का मुख्यमंत्री पद से पत्ता कटने वाला है। इस बेपर की फर्जी ख़बर को चैनलों ने खूब घुमाया और जब कुछ न हुआ तो यह कह कर पीछा छुड़ाया- ‘लो बच गए योगी जी।’

इसी प्रकार प्रिंट मीडिया भी सनसनी फैला कर धंधा चलाती हैं। घेराव, रास्ता-जाम, हिंसा-तोड़फोड़ करने वालों के कारनामों के फोटो पूरे पृष्ठ पर छाप कर अख़बार का सर्कुलेशन बढ़ाया जाता है तो सरकार पर दबाव डाल कर कई-कई पृष्ठों के करोड़ों रुपयों के विज्ञापन झटक लिए जाते हैं।

यह सब सनसनीखेज पत्रकारिता के दम पर हो रहा है किंतु सरकारें, भारतीय प्रेस परिषद, सर्वोच्च तथा उच्च न्यायालय इस पर रोक लगा नहीं पाते। इसी से आदर्श पत्रकारिता का पतन होता जा रहा हैं।

जिस पर प्रभावी ढंग से कारवाही की जानी आवश्यक है नहीं तो सनसनी फैलाने के नाम पर ना जाने कितने मासूमों की जान के साथ खिलवाड़ किया जाएगा।

News Desk

निष्पक्ष NEWS,जो मुख्यतः मेन स्ट्रीम MEDIA का हिस्सा नहीं बन पाती हैं।

News Desk has 6031 posts and counting. See all posts by News Desk

Avatar Of News Desk

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

fourteen − 12 =