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अब घुटने रोबोटिक तकनीक से बदले जायेंगेः डा. मुकेश जैन

मुजफ्फरनगर। महावीर चौक स्थित वर्धमान हास्पिटल में प्रसिद्ध शल्य चिकित्सक डा. मुकेश जैन व उनके पुत्र अनुभव जैन ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि पूर्व में भारत में घुटने और कूल्हे बदलने की तकनीक पुराने तरीके से चल रही थी जिसके तहत उनके अस्पताल में अब तक दस हजार लोगों के कूल्हे और घुटने प्रत्यारोपित किये जा चुके है लेकिन समय के साथ अब तकनीक बदल गयी है अब कम्प्यूटर विधि से नेविगेशन का कार्य किया जायेगा जिसके तहत रोबोटिक तकनीक इस्तेमाल में लायी जा रही है।
डाक्टर अनुभव जैन ने बताया कि पिछले हफ्ते उत्तर प्रदेश और पडौसी राज्य के दो मरीजों की पहली बार रोबोटिक्स असिस्टिड टोटल नी रिप्लेसमेंट (घुटना बदलना) सर्जरी की गयी। ये सर्जरी छ।टप्व् रोबोटिक्स यूएसए सर्जिकल सिस्टम, नी रिप्लेसमेंट में नवनीतम और सबसे उन्नत रोबोट प्रणाली (यूएसए में निर्मित) का उपयोग करके की गयी थी। जिन मरीजों के आपरेशन किये गये थे वह दोनों 65 वर्षीय महिला थी इन आपरेशन में मरीज सर्जरी के दिन ही बिना किसी दर्द के चलने में सक्षम भी हुई और तीन दिनों के भीतर ही दोनों मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी।

आर्थोपेडिक्स के क्षेत्र में रोबोटिक्स एक नया अध्याय है और भारत इस टैक्नोलोजी को शुरू करने वाला अमेरिका के बाद दुनिया का दूसरा देश है। यह एक 3डी तकनीक है जो कम्प्यूटर प्लेटफार्म पर आधारित होती है जिसमें सर्जन द्वारा दिये गये डेटा के आधार पर सर्जरी की योजना कम्प्यूटर करता है और फिर सर्जरी को रोबोटिक आर्म द्वारा पूर्णता निष्पादित किया जाता है। रोबोट द्वारा हड्डी को काटकर तैयार किये जाने पर कोई भी सर्जिकल स्टेप गलत होने की कोई सम्भावना नहीं है। इससे सर्जरी की सटीकता बढ़ जाती है कार्यात्मक परिणाम मिलते है ओर रोगी की संतुष्टि और खुशी में सुधार होता है।
प्रसिद्ध आर्थोपेडिक सर्जन और वर्धमान हास्पटल के निदेशक डा. मुकेश जैन कहते है कि यह घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी के इतिहास में एक उल्लेखनीय उपलब्धी है उन्होंने कहा तकनीक लगातार आगे बढ रही है और हमारे लिए यह आवश्यक है कि हम रोगी को अधिकतम संभव लाभ देने के लिए नई तकनीकों को शामिल करे। डा. मुकेश जेन ने 20 साल पहले घुटना बदलने की सर्जरी शुरू की थी और इसे लगातार विकसित होते देखा है। वह यह साझा करने में गर्व महसूस करते है कि कम्प्यूटर असिस्टेड सर्जरी की तकनीक जो हम पिछले दस वर्षो से कर रहे है उनसे हमने रोगियों को अत्याधिक लाभ और बेहतर परिणाम दिये है निश्चित रूप से एक 3डी तकनीक के साथ रोबोटिक्स के और भी बेहतर परिणाम होंगे।
पारपंरिक घुटना बदलने की सर्जरी में रोबोटिकस के कई लाभ है। यह हड्डी संरक्षण तकनीक है और यह प्राकृतिक शरीर रचना विज्ञान को संरक्षित करने में मदद करता है। रोबोटिक्स मानवीय त्रृटि की संभावनाओं को कम करता है और सही एलाइमेंट सुनिश्चित करता है। यह सर्जन को सटीकता के साथ संचालित करने और सभी रोगियों में दोहराव परिणाम देने में सक्षम बनाता है। कम नरम ऊतक आघात, कम रक्त हानि, कम दर्द, रोगी के लिए तेजी से और बेहतर सर्जरी के बाद के परिणामों के लिए अग्रणी है। डा. जैन ने बताया कि पारंपरिक घुटने बदलने की सर्जरी की तुलना में रोबोटिक सर्जरी सफल परिणाम देने में अधिक सक्षम है।

वर्धमान अस्पताल, मुजफ्फरनगर उत्कृष्ट रोगी देखभाल देने में हमेशा शीर्ष पर रहा है। यह मुख्यरूप से यूपी, हरियाणा, उत्तराखंड, पंजाब और दिल्ली एनसीआर से आने वाले देशभर के रोगियों के लिए हड्डी रोग और स्त्री रोग में उत्कृष्टता का केंद्र है। रोगी की सुरक्षा और परिणाम हमेशा हमारी प्राथमिकता रहे है और हम मानते है कि तनकीकी हमे उस लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करती है। क्षेत्र में पहली बार रोबोटिक्स को जोडना यह सुनिश्चित करेगा कि हमारे रोगियों को दुनियाभर में सबसे अच्छा इलाज उपलब्ध हो।

 

 

News Desk

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