Muzaffarnagar में क्रांतिसेना का धुआंधार सदस्यता अभियान: हिंदुत्व और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर जमकर लगी गूंज
Muzaffarnagar में हाल ही में क्रांतिसेना का सदस्यता अभियान जोर-शोर से चल रहा है। आज पूरे जिले में विभिन्न स्थानों पर बैठकों का आयोजन किया गया, जिसमें 50 से अधिक युवाओं ने क्रांतिसेना से जुड़कर संगठन के विचारधारा को अपनाया। यह अभियान शहर के प्रसिद्ध प्रकाश चौक स्थित पार्टी कार्यालय से लेकर बुढ़ाना क्षेत्र के छाजपुर और सदर क्षेत्र के वहलना गांव तक फैला रहा। क्रांतिसेना का मानना है कि वे हिंदुत्ववादी सोच और भ्रष्टाचार मुक्त समाज के विचार के सबसे बड़े पैरोकार हैं और इसी मंशा को लेकर वे पूरे जिले में कार्यरत हैं।
क्यों युवा जुड़ रहे हैं क्रांतिसेना से?
इस अभियान का नेतृत्व करते हुए क्रांतिसेना के मंडल अध्यक्ष शरद कपूर, जिलाध्यक्ष मुकेश त्यागी, प्रबुद्ध प्रकोष्ठ के मंडल अध्यक्ष आलोक अग्रवाल, जिला संगठन मंत्री संजय आर्य और जिला उपाध्यक्ष संजीव वर्मा ने बैठक में कहा, “आज का युवा वर्ग समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार, रोजगार की कमी और अन्य सामाजिक समस्याओं से जूझ रहा है। ऐसी स्थिति में क्रांतिसेना का उद्देश्य केवल हिंदुत्व को बुलंद करना ही नहीं बल्कि आम जनता और ग्रामीण युवाओं की समस्याओं का समाधान करना भी है।”
क्रांतिसेना के नेताओं का मानना है कि उन्होंने पार्टी के जरिये ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं में जोश और नेतृत्व क्षमता का विकास किया है। वे दावा करते हैं कि भाजपा की नीतियों से नाराज़ युवा तेजी से उनके संगठन की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
हिंदू-मुस्लिम मुद्दों पर बीजेपी की आलोचना
क्रांतिसेना के नेताओं ने खुलकर भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि वर्तमान समय में बेरोजगारी और आर्थिक समस्याओं ने हिन्दू युवा वर्ग को मुश्किलों में डाल दिया है। पार्टी नेताओं ने कहा कि एक तरफ बीजेपी सरकार की नीतियों से हिंदू समुदाय के गरीब और मध्यवर्गीय परिवार परेशान हैं, जबकि मुस्लिम समाज को बीजेपी शासन में सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक रूप से सहूलियतें मिल रही हैं। इस चर्चा में ये बातें भी सामने आईं कि क्रांतिसेना उन मुद्दों को सामने लाने और हल करने की पूरी कोशिश करेगी, जिन्हें अन्य राजनीतिक पार्टियाँ नजरअंदाज करती हैं।
सदस्यता ग्रहण करने वालों की लंबी सूची
आज की बैठकों में बड़ी संख्या में लोगों ने क्रांतिसेना की सदस्यता ग्रहण की, जिनमें शहर से लेकर गांवों तक के लोग शामिल रहे। पार्टी के कार्यालय पर बिजेंद्र कुमार, आकाश कुमार, रविन्द्र सिंह, विकास कुमार, अनुज कश्यप और लीलू सिंह ने क्रांतिसेना में अपनी सदस्यता दर्ज कराई। इसके अलावा छाजपुर से महेंद्र सिंह, अनुज पाल, सावन कुमार, गौरव मालिक, शिवम, आशीष कुमार, विशाल कुमार और वहलना के ऋषि पाल, अनुज, शिवकुमार, अंकित, पिंटू, राकेश जैसे कई नए नामों का नामांकन किया गया।
बैठकों में शामिल लोगों ने क्रांतिसेना के एजेंडा का समर्थन करते हुए यह विश्वास व्यक्त किया कि वे संगठन के साथ मिलकर भ्रष्टाचार और अन्य सामाजिक मुद्दों पर ठोस कदम उठाएंगे।
क्रांतिसेना का उद्देश्य: सिर्फ हिंदुत्व ही नहीं, भ्रष्टाचार का विरोध भी
क्रांतिसेना के पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य केवल हिंदुत्व को आगे बढ़ाना ही नहीं बल्कि समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना भी है। क्रांतिसेना के जिला उपाध्यक्ष संजीव वर्मा ने कहा कि संगठन का कार्य आम लोगों की समस्याओं को सरकार के सामने रखना और उनका समाधान करना है। उन्होंने इसे वास्तविक हिंदुत्ववादी संगठन बताया जो समाज में वंचित वर्ग के हितों के लिए काम करने को प्रतिबद्ध है।
ग्रामीण क्षेत्रों में क्रांतिसेना का बढ़ता प्रभाव
आज की बैठकों के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि क्रांतिसेना का प्रभाव सिर्फ शहरों में ही नहीं, बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी तेजी से बढ़ रहा है। संगठन के नेता इस बात पर गर्व करते हैं कि उनकी पार्टी युवाओं को जागरूक करने और समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने में सफल हो रही है। ग्रामीण इलाकों में संगठन के प्रति बढ़ते समर्थन को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि यह संगठन भविष्य में बड़े पैमाने पर प्रभावशाली भूमिका निभा सकता है।
क्रांतिसेना का भविष्य: क्या बनेगी मुख्य विपक्ष?
क्रांतिसेना द्वारा भाजपा के खिलाफ उठाए गए मुद्दे और संगठन में शामिल होते युवाओं की बढ़ती संख्या इस बात का संकेत देती है कि आने वाले समय में यह संगठन मुख्य विपक्षी ताकत बन सकता है। जहां भाजपा को केवल उच्च वर्ग और साधन संपन्न लोगों का समर्थन प्राप्त है, वहीं क्रांतिसेना ने मध्यम और निम्न वर्गीय हिंदू युवाओं में अपनी मजबूत पकड़ बना ली है। संगठन के नेताओं का मानना है कि यह वही युवा वर्ग है जो भविष्य में एक महत्वपूर्ण शक्ति बन सकता है।
साम्प्रदायिक मुद्दों पर संगठन का रुख
क्रांतिसेना के नेताओं ने साम्प्रदायिक मुद्दों पर भी खुलकर अपनी बात रखी। उनका कहना था कि समाज में शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए जरूरी है कि सभी वर्गों की समस्याओं को समान रूप से देखा जाए। नेताओं का मानना है कि बीजेपी के शासन में मुस्लिम समुदाय को विशेष सहूलियतें दी जा रही हैं, जबकि हिंदू समाज में बेरोजगारी और आर्थिक तंगी जैसी समस्याओं का समाधान नहीं किया जा रहा है।
मुज़फ़्फ़रनगर में क्रांतिसेना का यह सदस्यता अभियान हिंदुत्व और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर आम जनता को आकर्षित करने में सफल हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते समर्थन और युवाओं की भागीदारी से यह साफ है कि क्रांतिसेना एक मजबूत संगठन के रूप में उभर रही है।

