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Muzaffarnagar रोहाना में मुठभेड़ का रोमांचक घटनाक्रम: गौकशी के आरोपी मुन्ना उर्फ मुरसलीन की गोलीबारी से थर्राया इलाका, पुलिस की सूझबूझ से टली बड़ी वारदात

Muzaffarnagar रोहाना कस्बे में बीती रात एक बार फिर कानून और अपराध के बीच आमने-सामने की भिड़ंत देखने को मिली। थाना कोतवाली नगर प्रभारी बबलू कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम ने गौकशी के कुख्यात आरोपी मुन्ना उर्फ मुरसलीन को पकड़ने के लिए जाल बिछाया था। पुलिस को पहले से ही सूचना थी कि आरोपी चोरी की गायों को काटने और मांस की तस्करी के इरादे से पानीपत-खटीमा हाइवे के पास काली नदी पुल के समीप खाली प्लॉटिंग क्षेत्र में पहुंचने वाला है।

जैसे ही पुलिस टीम उस स्थान पर पहुंची, आरोपी मुन्ना ने खुद को बचाने के लिए पहले पुलिस की पकड़ से छूटने की कोशिश की और फिर अचानक अपने छिपे हुए तमंचे से पुलिस टीम पर जानलेवा फायरिंग शुरू कर दी।


गोलीबारी से हड़कंप, पुलिस ने दिखाई त्वरित कार्रवाई

गोलीबारी की आवाज सुनते ही आस-पास के इलाकों में हड़कंप मच गया। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों अनिल कुमार (चौकी प्रभारी रोहाना), उप निरीक्षक विक्रांत कुमार, उप निरीक्षक पवन कुमार, कांस्टेबल मुनेंद्र सिंह, सनी सिंह और रहीस आजम ने तत्काल मोर्चा संभाला।

पुलिस टीम ने पहले आरोपी को आत्मसमर्पण करने के लिए चेताया, लेकिन मुन्ना उर्फ मुरसलीन ने जवाब में एक और फायर झोंक दिया। यह गोली बेहद नजदीक से चली, जिससे पुलिस टीम बाल-बाल बची।

स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस ने सूझबूझ और पेशेवर अंदाज में जवाबी कार्रवाई की। आत्मरक्षार्थ की गई सूक्ष्म जवाबी फायरिंग में आरोपी मुन्ना के पैर में गोली लगी और वह घायल होकर गिर पड़ा।


गौकशी के उपकरण और अवैध हथियार बरामद

घायल मुन्ना से पूछताछ करने पर पुलिस ने घटनास्थल से अवैध शस्त्र, गोली के खोखे, और गौकशी में इस्तेमाल होने वाले धारदार उपकरण बरामद किए।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, मुन्ना उर्फ मुरसलीन पिछले कई महीनों से गौकशी के मामलों में सक्रिय था और उसके खिलाफ पहले से कई मुकदमे दर्ज हैं। बताया जा रहा है कि वह चरथावल कस्बे के जामा मस्जिद मोहल्ला शेखजदगान का निवासी है और लंबे समय से फरार चल रहा था।


जिला अस्पताल में कराया गया इलाज, पुलिस सतर्क

मुठभेड़ में घायल होने के बाद आरोपी को तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका उपचार जारी है। पुलिस ने बताया कि मुन्ना का क्रिमिनल रिकॉर्ड लंबा है और वह पहले भी गौकशी और हथियारों की तस्करी में शामिल रहा है।

थाना प्रभारी बबलू कुमार ने बताया कि पुलिस की फुर्ती और संयम ने एक बड़ी वारदात को टाल दिया। उन्होंने कहा,

“हमारे जवानों ने बेहद पेशेवर अंदाज में स्थिति को संभाला। अगर मुन्ना की गोली सही जगह लगती, तो गंभीर जानहानि हो सकती थी।”


स्थानीय लोगों में राहत और चर्चा का माहौल

मुठभेड़ की खबर जैसे ही फैली, स्थानीय लोगों में राहत और संतोष दोनों की भावना दिखी। कई निवासियों ने पुलिस की तत्परता की सराहना की और कहा कि ऐसे अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।

लोगों का कहना है कि हाल के दिनों में गौकशी के मामलों में वृद्धि से ग्रामीणों में गुस्सा था। अब पुलिस की इस कार्रवाई ने समाज में कानून की साख को मजबूत किया है।


उत्तर प्रदेश में बढ़ते गौकशी मामलों पर बढ़ी सख्ती

यह घटना अकेली नहीं है। पिछले कुछ महीनों में उत्तर प्रदेश पुलिस ने गौकशी और मवेशी तस्करी के मामलों पर कड़ा रुख अपनाया है। मेरठ, मुज़फ्फरनगर, शामली, और सहारनपुर जिलों में भी ऐसे कई गैंग सक्रिय पाए गए हैं।

राज्य सरकार के आदेश के बाद, पुलिस अब गौकशी से जुड़े अपराधों पर ‘ज़ीरो टॉलरेंस नीति’ अपना रही है। इस नीति के तहत ऐसे अपराधों में लिप्त लोगों के खिलाफ NSA (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत कार्रवाई भी की जा सकती है।


पुलिस की रणनीति और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल

पुलिस सूत्रों ने बताया कि मुठभेड़ से पहले आरोपी की लोकेशन साइबर टीम की मदद से ट्रैक की गई थी। इसके बाद स्पेशल ऑपरेशन टीम (SOT) और स्थानीय थाना पुलिस ने मिलकर यह जाल बिछाया था।

साइबर निगरानी और स्थानीय मुखबिरों के जरिए मिले इनपुट के कारण पुलिस को ठोस जानकारी मिल पाई। यही वजह रही कि आरोपी के फायरिंग करने के बावजूद पुलिस ने किसी भी नागरिक या पुलिसकर्मी को चोट नहीं लगने दी।


गांवों में मवेशी सुरक्षा के लिए नए कदम

मुठभेड़ के बाद प्रशासन ने मवेशी चोरी और अवैध कटाई रोकने के लिए गांवों में निगरानी बढ़ाने का निर्णय लिया है।
अब हर थाना क्षेत्र में ‘गौसुरक्षा निगरानी टीम’ बनाई जाएगी, जिसमें स्थानीय नागरिकों की भी भागीदारी होगी।

इसके अलावा, पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत सूचना दें।


समाज में संदेश – अपराधी चाहे जो भी हो, बख्शा नहीं जाएगा

पुलिस अधिकारियों ने कहा कि यह मुठभेड़ एक सख्त संदेश है कि कोई भी व्यक्ति अगर कानून को चुनौती देगा तो उसे कानूनी अंजाम भुगतना पड़ेगा।
पुलिस के मुताबिक, मुन्ना जैसे अपराधी सामाजिक समरसता और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं, इसलिए ऐसे मामलों में कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।


लोगों की प्रतिक्रिया और सोशल मीडिया पर चर्चा

यह खबर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। फेसबुक और व्हाट्सएप ग्रुपों में लोग पुलिस की बहादुरी की तारीफ कर रहे हैं। कुछ लोगों ने इसे “कानून की जीत” बताया है, जबकि कुछ ने इस बात पर जोर दिया है कि समाज में ऐसी घटनाओं को स्थायी रूप से रोकने के लिए सख्त कदम जरूरी हैं।


पुलिस विभाग की प्रशंसा और आगामी कार्रवाई

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने इस ऑपरेशन में शामिल टीम की प्रशंसा की है और कहा कि सभी पुलिसकर्मियों को प्रशस्ति पत्र और इनाम देने की अनुशंसा की जाएगी।पुलिस अब आरोपी के नेटवर्क का पता लगाने में जुट गई है ताकि यह समझा जा सके कि गौकशी के धंधे के पीछे कौन-कौन से लोग सक्रिय हैं।


रोहाना मुठभेड़ ने एक बार फिर साबित कर दिया कि जब पुलिस अपनी जिम्मेदारी और कर्तव्य के प्रति सजग रहती है, तो अपराधी चाहे कितना भी चालाक क्यों न हो, कानून के शिकंजे से बच नहीं सकता। यह घटना न केवल पुलिस की सफलता है, बल्कि आम जनता के मन में सुरक्षा और विश्वास का प्रतीक भी बनी है।

 

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