दुनिया का सबसे लंबा धरना: भ्रष्टाचार व भू माफियाओं के विरुद्ध मास्टर विजय सिंह अहिंसात्मक सत्याग्रह पर
मुजफ्फरनगर। भ्रष्टाचार व भू माफियाओं के विरुद्ध मास्टर विजय सिंह का धरने आज २५ वर्ष पूरे कर दुनिया का सबसे लंबा धरना (अहिंसात्मक सत्याग्रह) बन गया है। इस दौर में सबसे बड़ा सवाल यह कि सरकारों का ध्यान भीड़ तंत्र व हिंसात्मक आंदोलनों पर ही जाता है?
अहिंसात्मक आंदोलन नजर अंदाज कर किए जा रही है जिसका उदाहरण मास्टर विजय सिंह का २५ साल का आंदोलन है आंदोलन यह धरना २६ फरवरी १९९६ से जिलाधिकारी कार्यालय मुजफ्फरनगर से प्रारंभ हुआ था, जिसकी आज २६ फरवरी २०२१ को रजत जयंती मन रही है।
२५ साल के अंतराल में वर्तमान सरकार वे पूर्व सरकारे कई जांच करा चुकी है जांच रिपोर्टों में मास्टर विजय सिंह के आरोप सही पाए गए। ८ अक्टूबर २०१९ को मास्टर विजय सिंह ने जनपद शामली में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सभा में ज्ञापन दिया था जिस पर योगी ने अधिकारियों को निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई करने के आदेश दिए थे तथा इनके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गृहमंत्री अमित शाह वह रक्षा मंत्री राजनाथ को भी ज्ञापन प्रेषित किए थे
जिन पर जिलाधिकारी शामली ने उप जिला अधिकारी ऊन के द्वारा जांच की गई जांच रिपोर्टों में मास्टर विजय सिंह के आरोप सही पाए गए । बकौल मास्टर विजय सिंह भू माफिया जिस पार्टी की भी सरकार सत्ता में आती है उसी में चले जाते हैं फल स्वरूप राजनीतिक दबाव व भ्रष्टाचार व रिश्वतखोरी के कारण अधिकारी कार्रवाई नहीं कर पाते जांच रिपोर्ट ठंडे बस्ते में पड़ी रहती है । गौरतलब है कि मास्टर विजय सिंह ने अपने गांव चौसाना की ४ हजार बीघा सार्वजनिक भूमि व अन्य सम्पत्ति (अनुमानित कीमत ६०० करोड़ रूपये ) पर शोध कर जनहित में घोटाला खोला है तथा जनपद शामली व मुजफ्फरनगर की छह लाख बीघे सार्वजनिक भूमि (तालाब, वन, ग्राम सभा तथा अन्य भूमि) को अवैध कब्जे से मुक्त कराने की मांग कर रहे हैं।
दुखद यह है कि दबंगों व भूमाफियाओं ने गांव, टाउन एरिया व नगर पालिका में सार्वजनिक भूमियों पर अवैध कब्जा कर रखा है जिसे मुक्त कराने के लिए मास्टर विजय सिंह आन्दोलन चला रहे हैं।
विभिन्न जांचों में मास्टर विजय सिंह के आरोप भी सही पाये गये जिसमें ३०० बीघा भूमि प्रशासन द्वारा भूमाफियाओं के अवैध कब्जे से मुक्त कराई गई। ३२०० बीघा भूमि पर जाँच रिपोर्टां में घोटाला साबित हो चुका है तथा १३६ मुकदमे भी राजस्व अभिलेखों में हेरा-फेरी के दर्ज हुए तथा ८१ हजार रुपये दण्ड स्वरूप राजकोष में जमा हुए। राजनीतिक हस्तक्षेप व भ्रष्टाचार के कारण भूमाफियाओं पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई जिसकी वजह से मास्टर विजय सिंह पिछले २५ सालों से जद्दोजहद कर रहे हैं।
धरना स्थानांतरण-१८ सितम्बर, २०१९ को जिलाधिकारी ने राजनीतिक दबाव में मास्टर जी के धरने को समाप्त कराने के लिए दबाव बनाया। जिस कारण मास्टर विजय सिंह ने कचहरी छोड़कर अपना धरना शिव चौक पर स्थानान्तिरत कर दिया था।
मास्टर जी के विरुद्ध कचहरी में अन्डरवियर सुखाने का मुकदमा भी दर्ज किया गया था। जिसके विरुद्ध सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्रों में व्यापक निंदा हुई थी है। बाद में प्रशासन की किरकिरी होने के उपरान्त पुलिस ने यह मुकदमा निरस्त कर दिया था।
केन्द्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान व राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने मास्टर विजय सिंह के धरने पर आकर मास्टर विजय सिंह का समर्थन किया था तथा राज्यमंत्री विजय कश्यण को भूमि घोटाले प्रकरण पर निर्णय लेने के लिए कहा था।
मामला अभी विचाराधीन
मास्टर विजय सिंह की लखनऊ व दिल्ली पैदल यात्रा-दिल्ली व लखनऊ शासन व प्रशासन तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए मास्टर विजय सिंह ने मुजफ्फरनगर से २ अक्टूबर २०१९ को शामली, बडौत व बागपत होते हुए दिल्ली राजघाट तक पैदल यात्रा कर अहिंसात्मक ढंग से उपवास किया और सार्वजनिक भूमि को अवैध कब्जों से मुक्त कराने की मांग की।
इससे पूर्व मास्टर विजय सिंह ने दिंनाक ३० मार्च २०१२ को मुजफ्फरनगर से लखनऊ मा. मुख्यमंत्री निवास तक १९ दिन मे ६०० कि०मी० की पैदल यात्रा कर २८ अप्रैल २०१२ को मा. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात कर सरकारी भूमि से अवैध कब्जा हटाने की मांग की।