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अंतरिक्ष के रहस्यमयी ‘अवारा’ ग्रह: Aliens और नई दुनिया की खोज

हाल ही में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के वैज्ञानिकों ने यूक्लिड स्पेस टेलिस्कोप से सात नए ‘अवारा’ ग्रहों की खोज की है। ये ग्रह हमारे सौरमंडल की तरह अपने सूर्य की परिक्रमा नहीं करते, बल्कि ब्रह्मांड में स्वतंत्र रूप से तैरते रहते हैं। इन ग्रहों पर कभी दिन नहीं होता और हमेशा अंधेरा छाया रहता है।

अवारा ग्रह और Aliens जीवन

वैज्ञानिकों का मानना है कि इन ग्रहों पर जीवन की संभावना हो सकती है, या फिर यहाँ पहले से भी जीवन मौजूद हो सकता है, यानी कि Aliens जीवन का अस्तित्व। ये ग्रह पृथ्वी से लगभग 1500 प्रकाश वर्ष दूर स्थित हैं और इनके बारे में जानकारी मिलना हमारे लिए बेहद रोमांचक है।

अनूठी विशेषताएँ

इन अवारा ग्रहों में से प्रत्येक का द्रव्यमान बृहस्पति से चार गुना अधिक है। लंदन के क्वीन मैरी विश्वविद्यालय के खगोलशास्त्री गेविन कोलमैन और स्पेनिश खगोलशास्त्री एडुआर्डो मार्टिन ने इन ग्रहों के बारे में कई दिलचस्प जानकारियाँ दी हैं। मार्टिन ने कहा कि इन ग्रहों का आकार किसी आईसबर्ग के ऊपरी भाग जैसा होता है, जो बेहद अनोखा है।

बाइनरी सिस्टम और संभावित जीवन

कोलमैन के अनुसार, ये सभी अवारा ग्रह अकेले नहीं होते, बल्कि बाइनरी सिस्टम में रहते हैं, जिसमें दो ग्रह एक-दूसरे की परिक्रमा करते हैं। ऐसे ग्रहों पर इंसानों के रहने योग्य वातावरण और बाहरी जीवन की खोज में महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है।

भीतर से ठंडे और ऊर्जा स्रोत

ऐसा माना जा रहा है कि ये ग्रह भीतर से ठंडे होते हैं और इनमें जीवन को सहारा देने वाली ऊर्जा किसी तारे से नहीं, बल्कि उनके भीतर से आती है। जैसे कि पृथ्वी पर भूतापीय छिद्र हैं, जो अंधेरे में जीवन को पनपने में मदद करते हैं, वैसे ही इन अवारा ग्रहों पर भी बैक्टीरिया और माइक्रोबियल जीवन को बढ़ावा मिलने की संभावना है।

रहस्यमयी दुनिया का अनावरण

इन अवारा ग्रहों की खोज हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि ब्रह्मांड में कितनी अनजानी और रहस्यमयी दुनिया हो सकती है। ये ग्रह हमारे लिए नई खोजों और संभावनाओं के द्वार खोल सकते हैं, जहां पर जीवन के नए रूप और ब्रह्मांड के रहस्य हमारे सामने आ सकते हैं।

अंतरिक्ष विज्ञान की यह नई खोज हमें यह सिखाती है कि हमारे आस-पास का ब्रह्मांड कितना विशाल और रहस्यमयी है। एलियंस के संभावित अस्तित्व और नए ग्रहों की खोज ने हमारे विज्ञान और ज्ञान की सीमाओं को और भी बढ़ा दिया है। यह समय है कि हम इन खोजों से प्रेरणा लेकर ब्रह्मांड के और भी गहरे रहस्यों को समझने की कोशिश करें।

दीपांशु सैनी

इं0 दीपांशु सैनी (सहारनपुर, उत्तर प्रदेश) उभरते हुए कवि और लेखक हैं। जीवन के यथार्थ को परिलक्षित करती उनकी रचनाएँ अत्यन्त सराही जा रही हैं। (सम्पर्क: 7409570957)

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