North Korea Nuclear अलर्ट: 200 किमी रेंज मिसाइल का सफल परीक्षण, किम जोंग उन ने बेटी संग परमाणु पनडुब्बी का किया निरीक्षण, अमेरिका-एशिया में बढ़ा तनाव
North Korea Nuclear गतिविधियों ने एक बार फिर पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। उत्तर कोरिया ने एक ही समय पर दो मोर्चों पर सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करते हुए यह साफ संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में वह दबाव की राजनीति को और तेज करने वाला है।
देश के सर्वोच्च नेता Kim Jong Un ने जहां एक ओर 200 किलोमीटर रेंज वाली नई सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल के सफल परीक्षण की निगरानी की, वहीं दूसरी ओर अपनी बेटी के साथ एक विशाल परमाणु-संचालित पनडुब्बी के निर्माण कार्य का निरीक्षण भी किया।
इन दोनों घटनाओं को अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान के लिए एक साथ भेजा गया सख्त और बहुस्तरीय संदेश माना जा रहा है।
200 किमी रेंज की मिसाइल टेस्टिंग, एयर डिफेंस में बड़ी छलांग
उत्तर कोरियाई सरकारी मीडिया के मुताबिक, बुधवार को देश के पूर्वी तट के पास की गई इस टेस्टिंग में 200 किलोमीटर दूर हवा में मौजूद लक्ष्यों को सटीकता के साथ नष्ट किया गया।
यह परीक्षण नई हाई-एल्टीट्यूड एयर डिफेंस मिसाइल तकनीक को परखने के लिए किया गया था, जो भविष्य में हवाई हमलों और रणनीतिक ठिकानों की सुरक्षा में अहम भूमिका निभा सकती है।
North Korea Nuclear रणनीति के तहत यह मिसाइल सिस्टम न केवल दुश्मन के फाइटर जेट्स, बल्कि लंबी दूरी के मिसाइल और निगरानी प्लेटफॉर्म को भी निशाना बनाने में सक्षम मानी जा रही है।
दक्षिण कोरिया ने की पुष्टि, सेना पहले से थी अलर्ट पर
दक्षिण कोरिया की Joint Chiefs of Staff ने भी इस मिसाइल लॉन्च की पुष्टि की है।
सियोल की ओर से कहा गया कि उत्तर कोरिया की गतिविधियों को देखते हुए सेना पहले से हाई अलर्ट पर थी और लॉन्च के तुरंत बाद उसकी ट्रैकिंग की गई।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह परीक्षण केवल तकनीकी अभ्यास नहीं, बल्कि क्षेत्रीय ताकत संतुलन को प्रभावित करने वाला कदम है।
8,700 टन की परमाणु पनडुब्बी, समुद्री परमाणु क्षमता की तैयारी
मिसाइल परीक्षण के समानांतर North Korea Nuclear कार्यक्रम का दूसरा बड़ा संकेत उस समय सामने आया, जब किम जोंग उन एक अलग स्थान पर बन रही 8,700 टन वजनी परमाणु-संचालित पनडुब्बी के निर्माण स्थल पर पहुंचे।
सामने आई तस्वीरों में साफ दिखाई देता है कि पनडुब्बी का ढांचा काफी हद तक तैयार हो चुका है।
दक्षिण कोरियाई और अंतरराष्ट्रीय रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, इसके हुल (ढांचे) को देखकर संकेत मिलते हैं कि इसमें न्यूक्लियर रिएक्टर पहले ही लगाया जा चुका है और यह जल्द ही समुद्री परीक्षण के लिए तैयार हो सकती है।
समुद्र से परमाणु हमला करने की क्षमता, खतरे का नया स्तर
विश्लेषकों का कहना है कि यह पनडुब्बी—
सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें
सतह से सतह में मार करने वाली मिसाइलें
दागने में सक्षम हो सकती है।
अगर ऐसा होता है, तो North Korea Nuclear क्षमता में समुद्री परमाणु आयाम जुड़ जाएगा, जिससे उसकी सेकंड-स्ट्राइक क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी।
यह स्थिति अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के लिए रणनीतिक रूप से बेहद चुनौतीपूर्ण मानी जा रही है।
किम जोंग उन का बयान: दुनिया शांत नहीं, परमाणु ताकत जरूरी
पनडुब्बी निरीक्षण के दौरान किम जोंग उन ने कहा—
“आज की दुनिया बिल्कुल भी शांत नहीं है। ऐसे हालात में नौसेना का आधुनिकीकरण और परमाणु ताकत का विस्तार उत्तर कोरिया के लिए जरूरी और अपरिहार्य है।”
उन्होंने दक्षिण कोरिया और अमेरिका के बीच बढ़ते सैन्य सहयोग पर भी नाराजगी जताई, खासकर उस योजना को लेकर जिसके तहत सियोल परमाणु-संचालित पनडुब्बी विकसित करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।
अमेरिकी परमाणु पनडुब्बी की मौजूदगी पर भड़का प्योंगयांग
उत्तर कोरिया ने हाल ही में दक्षिण कोरिया के बुसान बंदरगाह पर एक अमेरिकी परमाणु पनडुब्बी के पहुंचने को भी क्षेत्रीय तनाव बढ़ाने वाला कदम बताया है।
प्योंगयांग का दावा है कि ऐसे कदम उसे जवाबी कार्रवाई और अपनी सैन्य क्षमताओं को तेजी से बढ़ाने के लिए मजबूर कर रहे हैं।
इसके साथ ही उत्तर कोरियाई मीडिया ने जापान पर भी आरोप लगाया है कि वह धीरे-धीरे परमाणु हथियार हासिल करने की दिशा में बढ़ रहा है।
किम जोंग उन की बेटी की मौजूदगी, सत्ता उत्तराधिकार के संकेत?
North Korea Nuclear घटनाक्रम में एक और अहम पहलू किम जोंग उन की बेटी का लगातार सैन्य निरीक्षणों में नजर आना है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह केवल प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि भविष्य की नेतृत्व संरचना की ओर इशारा भी हो सकता है।
रणनीतिक हथियारों और परमाणु कार्यक्रम से जुड़े निरीक्षणों में बेटी को साथ दिखाना, सत्ता के उत्तराधिकार की तैयारी के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।
एशिया-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ता तनाव, नई हथियार दौड़ का खतरा
उत्तर कोरिया की ये ताजा गतिविधियां ऐसे समय में सामने आई हैं, जब अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान अपने सैन्य सहयोग को और मजबूत कर रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि North Korea Nuclear कार्यक्रम का यह नया चरण एशिया-प्रशांत क्षेत्र में हथियारों की नई दौड़ को जन्म दे सकता है।

