संत Premanand Maharaj की पदयात्रा अस्थाई रूप से रोकने से भक्तों में मायूसी, सेवादारों ने की धैर्य रखने की अपील
मथुरा के प्रसिद्ध संत Premanand Maharaj की पदयात्रा, जो हर दिन उनके भक्तों के लिए एक अद्भुत अनुभव और भक्ति का साधन बन चुकी थी, फिलहाल अस्थाई रूप से रोक दी गई है। पिछले कुछ दिनों से महाराज जी के दर्शन को लेकर उनके अनुयायी मायूस नजर आ रहे हैं। संत की पदयात्रा की वजह से श्रद्धालु रात-रात भर इंतजार करते थे, लेकिन अब ये यात्रा रुकी हुई है, जिससे भक्तों में निराशा का माहौल बना हुआ है।
महाराज की पदयात्रा का महत्व और भक्तों की श्रद्धा
संत प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा का आयोजन मथुरा में रोजाना होता था। वह श्रीकृष्ण शरणम् सोसाइटी से लेकर श्री हित राधा केली कुंज आश्रम तक की यात्रा करते हुए अपने भक्तों को दर्शन देते थे। यह पदयात्रा रात 2 बजे से शुरू होती थी और उसके बाद महाराज जी के दर्शन पाने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती थी। हर दिन, भक्तों का एक बड़ा समूह इस यात्रा के दौरान संत के दर्शन पाने के लिए घंटों इंतजार करता था। यह यात्रा ना सिर्फ आध्यात्मिक शांति का अनुभव देती थी, बल्कि भक्तों के लिए एक अद्भुत आशीर्वाद का प्रतीक थी।
पद्यात्रा के रोकने का कारण और भक्तों की निराशा
बीते दो दिनों से संत प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा स्थगित होने के कारण भक्तों में मायूसी और निराशा का वातावरण है। महाराज जी की एक झलक पाने के लिए भक्त सुबह तक इंतजार करते हैं, लेकिन अब ये स्थिति बदल गई है। संत के दर्शन ना होने से उनके अनुयायी परेशान हैं और उनके दिलों में कई सवाल उठ रहे हैं। कई भक्त तो मंदिर के बाहर घंटों खड़े रहते थे, केवल एक बार महाराज जी के दर्शन के लिए।
#Mathura प्रेमानंद महाराज ने अपनी रोज़ाना होने वाली पद यात्रा को स्वास्थ्य कारणों के चलते अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया है. हर सुबह 4 बजे श्री कृष्ण शरणम् कॉलोनी से राधा केली कुंज तक की इस यात्रा में हजारों भक्त दर्शन के लिए रास्ते में खड़े रहते थे. सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए… pic.twitter.com/AMIeUSkQzm
— News & Features Network | World & Local News (@newsnetmzn) October 4, 2025
इस अचानक हुए बदलाव से भक्तों में चिंता का माहौल भी बन गया है, लेकिन आश्रम के सेवादारों ने भक्तों से अपील की है कि वे धैर्य रखें और संत प्रेमानंद महाराज के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए समझदारी से काम लें। सेवादारों ने यह भी कहा कि स्थिति सामान्य होने के बाद पदयात्रा फिर से शुरू की जाएगी।
आश्रम की ओर से धैर्य रखने की अपील
आश्रम के सेवादारों ने भक्तों से यह भी अपील की है कि वे संत महाराज जी की स्थिति को समझें और धैर्य रखें। उन्होंने यह कहा कि भक्तों की भक्ति और प्रेम के बिना संत का कार्य अधूरा रहेगा, लेकिन उनका स्वास्थ्य सबसे पहले है। इसलिए जब तक संत प्रेमानंद महाराज पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हो जाते, तब तक पदयात्रा का आयोजन अस्थाई रूप से रोक दिया गया है।
इसके साथ ही, आश्रम ने भक्तों को आश्वस्त किया कि जैसे ही संत का स्वास्थ्य बेहतर होगा, यात्रा फिर से शुरू हो जाएगी। इस समय के दौरान, भक्तों को अपने घरों में रहकर शांति से प्रार्थना और ध्यान करने की सलाह दी गई है।
संत प्रेमानंद महाराज के भक्तों की भक्ति
संत प्रेमानंद महाराज के भक्तों की भक्ति जगत में अनोखी मानी जाती है। वे अपने गुरु और भगवान श्री कृष्ण के प्रति पूरी श्रद्धा और प्रेम रखते हैं। महाराज जी के साथ उनकी यात्रा के दौरान भव्य और आत्मिक अनुभव होते थे, जो भक्तों के दिलों में हमेशा के लिए एक यादगार बन जाते थे। उनका हर एक शब्द और दर्शन भक्तों को जीवन की सच्चाई और प्रेम के मार्ग पर अग्रसर करता है।
संत प्रेमानंद महाराज के अनुयायी केवल मथुरा में नहीं बल्कि देशभर के विभिन्न हिस्सों में फैले हुए हैं। हर दिन होने वाली पदयात्रा में श्रद्धालु बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं और संत से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। उनकी यात्रा ना सिर्फ आध्यात्मिक आशीर्वाद का प्रतीक है, बल्कि यह भक्तों के बीच सामूहिकता और एकता का संदेश भी देती है।
भविष्य में पदयात्रा की पुनरारंभ की संभावना
हालांकि, फिलहाल पदयात्रा अस्थाई रूप से रुक गई है, लेकिन भक्तों में उम्मीद जिंदा है कि जल्द ही यह यात्रा फिर से शुरू होगी। संत प्रेमानंद महाराज के स्वास्थ्य में सुधार होते ही भक्तों का यह प्यारा आयोजन एक बार फिर से उनके जीवन का हिस्सा बन जाएगा।
संत के भक्तों ने हमेशा उनकी भक्ति के माध्यम से शांति, प्रेम और सद्गुणों की प्राप्ति की है। ऐसे में यह समय केवल एक अस्थायी ठहराव है, और संत प्रेमानंद महाराज की उपस्थिति में उनका आशीर्वाद फिर से भक्तों को मिलेगा।
संत प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा अस्थाई रूप से रोकने के बावजूद, भक्तों में उनका आशीर्वाद पाने की उम्मीद और विश्वास बरकरार है। जैसे ही महाराज जी का स्वास्थ्य सुधरेगा, पदयात्रा फिर से शुरू होगी और भक्तों को जीवन में नए आशीर्वाद मिलेंगे।