गोवध निवारण संशोधन अध्यादेश 2020 को मंजूरी-कठोर सजा का प्रावधान
प्रदेश सरकार ने गोकशी को लेकर बने कानून को और सख्त करते हुए आरोपियों की सजा को न सिर्फ बढ़ा दिया है बल्कि गोवंश को शारीरिक नुकसान पहुंचाने पर भी सजा मिलेगी। इसके लिए 1 साल से सात साल तक की कठोर सजा का प्रावधान किया गया है।
इसके लिए मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उतर प्रदेश गोवध निवारण संशोधन अध्यादेश 2020 को मंजूरी दे दी गई।
लखनऊ: योगी कैबिनेट ने आज उत्तर प्रदेश में गो वंश की रक्षा करने और गोवध को रोकने के लिए गोवध निवारण (संशोधन) अध्यादेश,2020 पर मुहर लगाई। अब से अंग-भंग करने पर 1-7 साल की जेल और 1-3 लाख रु. तक जुर्माना और गोवध करने वालों को3-10साल की जेल और 5लाख रु. तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। pic.twitter.com/XhsUdlMrZ9
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 9, 2020
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि राज्य विधान मंडल का सत्र न होने तथा शीघ्र कार्रवाई किए जाने के मद्देनजर अध्यादेश पारित करने का निर्णय लिया गया है।
इसका उद्देश्य उतर प्रदेश गोवध निवारण अधिनियम 1955 को और अधिक प्रभावी बनाना और गोवंशीय पशुओं की रक्षा व गोकशी की घटनाओं को पूरी तरह से रोकना है।
गोकशी की घटनाओं के लिए सात साल की अधिकतम सजा का प्रावधान है। ऐसी घटनाओं में शामिल लोगों की जमानत होने के मामले बढ़ रहे हैं और जमानत मिलने के बाद दोबारा ऐसी घटनाओं में शामिल होने के मामले भी सामने आ रहे हैं।
ऐसे में गोकशी की घटनाओं पर अब सजा कम से कम 3 साल और अधिकतम 10 साल कर दी गई है। वहीं जुर्माना भी कम से कम 3 लाख और अधिकतम 5 लाख रुपये कर दिया गया है।
अगर एक ही अपराध दो बार किया जाता है तो अभियुक्त को दोहरे दंड से दंडित किया जाएगा।