संत कबीर नगर: भाकियू के पूर्व जिलाध्यक्ष की हत्या- एक घन्टे तक लोगों को धमकाता रहा अजय राय,
यूपी के संत कबीर नगर जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आयी है जहां मामूली विवाद के चलते एक व्यक्ति ने भारतीय किसान यूनियन के पूर्व जिला अध्यक्ष की धारदार हथियार से गला रेत कर हत्या कर दी। हत्या के बाद हत्या करने वाला अभियुक्त घंटों तक धारदार हथियार को ग्रामीणों के उपर दवाब बनाने के लिए हवा में लहराता रहा।
बखिरा थाना क्षेत्र के एक गांव में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के पूर्व जिलाध्यक्ष की गांव के ही एक युवक ने सरेशाम धारदार हथियार से हमला करके नृशंस हत्या कर दिया। हत्या के बाद आरोपित धारदार हथियार (बांकी) को कुछ देर हवा में लहराकर स्थानीय लोगों को डराता रहा। बाद में वह मौके से फरार हो गया। घटना की सूचना मिलने के बाद बखिरा पुलिस मौके पर पहुंच गई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लिया है। हत्या की इस घटना से समूचे बखिरा थाना क्षेत्र में दहशत का माहौल कायम है।
भारतीय किसान यूनियन के पूर्व जिलाध्यक्ष लक्ष्मण पांडेय (50) पुत्र रघुनंदन निवासी बौरव्यास शनिवार शाम 7 बजे अपने गांव से थोड़े दूर बखिरा- सहजनवा मार्ग पर किसी काम से गए हुए थे। गांव में ही किराना की दुकान चलाने वाले अजय राय पुत्र हरिराम मौके पर पहुंचे और उन्होंने धारदार हथियार (बांकी) से लक्ष्मण पांडेय पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया। गले व सिर में गंभीर चोट लगने के कारण लक्ष्मण पांडेय की मौके पर ही मौत हो गई।
घटना को अंजाम देने के बाद आरोपित अजय राय बांकी लेकर लगभग एक घन्टे तक लोगों को धमकाता रहा। मामले की सूचना बखिरा पुलिस को मिली। थानेदार मनोज कुमार सिंह मय फोर्स मौके पर पहुंचे तब तक आरोपित मौके से फरार हो गया। पुलिस ने शव को कब्जे में लिया है। आरोपित की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की गठित टीम संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। सरेशाम हत्या की इस वारदात से बौरब्यास सहित समूचे बखिरा थाना क्षेत्र में दहशत का माहौल कायम है।
मृतक लक्ष्मण पांडेय किसान यूनियन के पुराने नेता माने जाते हैं। वह लगातार जनहित के कार्यों को लेकर संघर्ष भी करते रहे। किसान यूनियन के नेता की हत्या से भाकियू संगठन के लोगों में भी आक्रोश कायम है। घटना के बाद मौके पर मृतक के स्वजन पहुंच गए। रोने- बिलखने की आवाज से माहौल गमगीन हो गया। स्वजनों की तरफ से रात 10 बजे तक कोई तहरीर पुलिस को नहीं दी गई थी। जिसके कारण मुकदमा पंजीकृत नहीं किया जा सका था।