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शर्मनाक! Mississippi की महिला ने किया कुत्तों के साथ घिनौना कांड, वीडियो वायरल होने के बाद हुई जेल

हैटीसबर्ग, Mississippi : अमेरिका के मिसिसिपी राज्य से बेहद शर्मनाक और विचलित कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां 21 साल की एक महिला, डेनिस फ्रेजियर, को कुत्तों के साथ अनैतिक हरकतें करने और उनके साथ अप्राकृतिक संबंध बनाने के आरोप में चार साल की जेल की सजा सुनाई गई है।

यह मामला सामने आने के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी। पुलिस द्वारा बरामद वीडियो में फ्रेजियर को कई कुत्तों के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देखा गया। इन चौंकाने वाले वीडियो के चलते लोगों में गुस्से की लहर दौड़ गई, और आखिरकार अदालत ने इस अपराध पर सख्त कदम उठाते हुए उसे 24 जनवरी, 2025 को दोषी करार दिया

कैसे हुआ मामला उजागर?

यह पूरा मामला 2023 में उस वक्त सामने आया जब पुलिस को एक गुप्त सूचना मिली थी कि एक महिला जानवरों के साथ अनैतिक कृत्य कर रही है और इसका वीडियो बना रही है। जब अधिकारियों ने जांच की, तो उन्हें कई वीडियो सबूत मिले, जिनमें से एक चर्च के बाहर फिल्माया गया था।

विशेष रूप से, एक वीडियो स्नैपचैट पर अपलोड किया गया था, जिससे यह मामला तेज़ी से सुर्खियों में आ गया। इस खबर ने अमेरिका समेत दुनियाभर में पशु प्रेमियों को झकझोर दिया।

पहले भी हो चुकी थी गिरफ्तार!

डेनिस फ्रेजियर का यह पहला अपराध नहीं थाअप्रैल 2023 में भी उसे जोन्स काउंटी में जानवरों के प्रति क्रूरता और अप्राकृतिक अनाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

अधिकारियों को उस समय भी कई आपत्तिजनक वीडियो मिले थे, जिनमें वह अलग-अलग कुत्तों के साथ अमानवीय हरकतें करती नजर आई थी।

पुलिस का कहना है कि 2023 के फरवरी महीने में 23 से 28 तारीख के बीच ये वीडियो फिल्माए गए थे। हलफनामे में दर्ज विवरण के अनुसार, फ्रेजियर खुद अपने मोबाइल फोन से इन गंदे कृत्यों के वीडियो बनाती थी।

महिला ने दी थी हैरान करने वाली सफाई

जब पुलिस ने फ्रेजियर को गिरफ्तार किया, तो उसने कहा कि उसे “ऐसा करने की धमकी दी गई थी” और कुछ लोगों ने उसे पैसे देने का लालच देकर यह कृत्य करने के लिए मजबूर किया।

लेकिन जांच के दौरान ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला, जिससे यह साबित हो कि फ्रेजियर को जबरदस्ती ऐसा करने पर मजबूर किया गया था। इसलिए पुलिस ने उसकी सफाई को झूठ करार दिया और उसे दोषी माना।

वीडियो में दिखी घिनौनी हरकतें, पुलिस भी रह गई हैरान

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जब उन्होंने बरामद वीडियो देखे, तो वे भी दंग रह गए।

जोन्स काउंटी शेरिफ विभाग के सार्जेंट जेडी कार्टर ने कहा,
“मेरे 17 साल के करियर में, यह अब तक का सबसे ज्यादा परेशान करने वाला मामला है।”

इन डिफेंस ऑफ एनिमल्स की जस्टिस फॉर एनिमल्स यूनिट की डॉल स्टेनली ने कहा,
“यह सजा न्याय की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन यह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है।”

कोर्ट का सख्त फैसला: चार साल की जेल और भारी जुर्माना

24 जनवरी 2025 को कोर्ट ने फ्रेजियर को चार साल जेल की सजा सुनाई और साथ ही पांच साल तक निगरानी में रहने का आदेश दिया।

उसे 2,615.51 डॉलर (करीब 2 लाख 27 हजार रुपए) का जुर्माना भी भरना होगा।

कुत्तों को किया गया रेस्क्यू

वीडियो सामने आने के बाद पुलिस और एनिमल वेलफेयर संगठनों ने सभी कुत्तों को बचा लिया और उन्हें पशु चिकित्सकों के हवाले कर दिया।

इस घटना के बाद कई पशु अधिकार संगठनों ने सरकार से ऐसे अपराधों के लिए और सख्त कानून बनाने की मांग की है।

पशु क्रूरता के बढ़ते मामले: अमेरिका में कानून सख्त लेकिन अपराध जारी

अमेरिका में पशु क्रूरता के मामलों पर कड़ी सजा का प्रावधान है, लेकिन फिर भी हर साल हजारों मामलों की रिपोर्ट आती है।

2019 में FBI ने एनिमल एब्यूज (पशु उत्पीड़न) को गंभीर अपराधों की सूची में शामिल किया था, जिसके तहत अपराधियों को कड़ी सजा दी जाती है।

लेकिन इसके बावजूद, ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिससे यह साफ हो जाता है कि कानूनों को और भी कड़ा करने की जरूरत है।

सोशल मीडिया पर गुस्सा, लोगों ने की सख्त कार्रवाई की मांग

इस घिनौने अपराध के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा भड़क उठा।

  • ट्विटर पर लोगों ने #JusticeForAnimals ट्रेंड करवाया और आरोपी को कड़ी सजा देने की मांग की।
  • कई पशु संगठनों ने अमेरिका सरकार से ऐसे अपराधों के लिए आजीवन कारावास जैसी सजा का प्रावधान करने को कहा।
  • इंटरनेट पर इस मामले को लेकर बड़ी संख्या में मीम्स और प्रतिक्रियाएं वायरल हो रही हैं।

अंततः न्याय मिला, लेकिन कड़े कानूनों की जरूरत

मिसीसिपी की यह घटना पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा सबक है।

  • जानवरों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर सरकारों को ज्यादा सख्ती दिखाने की जरूरत है।
  • सोशल मीडिया पर पशु अधिकारों को लेकर जागरूकता फैलाने की जरूरत है।
  • पशु क्रूरता के मामलों में आजीवन कारावास जैसी सजा का प्रावधान किया जाना चाहिए।

यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि पशु भी इंसानों की तरह ही भावनाओं को महसूस करते हैं, और उनके अधिकारों की रक्षा करना हर नागरिक का कर्तव्य है।

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