SN Medical College में पुलिस बनाम जूनियर डॉक्टर का विवाद: इमरजेंसी में हंगामा और लाइन हाजिर अभद्र दरोगा अंकुर राठी
SN Medical College , [Agra] – रविवार शाम को एसएन मेडिकल कॉलेज की पुरानी इमरजेंसी तिराहे पर एक ऐसा विवाद सामने आया जिसने अस्पताल प्रशासन और पुलिस विभाग दोनों को हिला कर रख दिया। जानकारी के अनुसार, जूनियर डॉक्टर विनेश कुमार और चाैकी प्रभारी अंकुर राठी के बीच हुए विवाद ने इमरजेंसी वार्ड में हंगामा पैदा कर दिया।
घटना रविवार रात लगभग 7 बजे की है। पुलिस का दावा है कि वे चेकिंग अभियान चला रहे थे, लेकिन इस दौरान जूनियर डॉक्टर के साथ अभद्रता हुई। आरोप है कि दरोगा अंकुर राठी और उनके साथी सिपाही ने बाइक पर जा रहे डॉक्टर को रोक कर अभद्र व्यवहार किया।
जूनियर डॉक्टर की शिकायत और सहकर्मियों की प्रतिक्रिया
जूनियर डॉक्टर ने इस घटना की सूचना अपने सहकर्मियों को दी। जैसे ही खबर फैली, बड़ी संख्या में जूनियर डॉक्टर थाने पहुंच गए और पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे। जब थाने में सुनवाई नहीं हुई, तो डॉक्टरों ने रात 8 बजे एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी पर हंगामा शुरू कर दिया।
डॉक्टरों ने नारेबाजी की, पोस्टर लगाए और पुलिस प्रशासन के खिलाफ अपने गुस्से का इज़हार किया। इससे न सिर्फ इमरजेंसी वार्ड की स्थिति तनावपूर्ण हो गई, बल्कि आने-जाने वाले मरीज और उनके परिजन भी दहशत में आ गए।
डीसीपी सिटी का मौके पर पहुंचना और कार्रवाई
घटना की गंभीरता को देखते हुए डीसीपी सिटी सोनम कुमार तुरंत मौके पर पहुंचे और उन्होंने एसीपी कोतवाली शेषमणि उपाध्याय को जांच के लिए भेजा। प्रारंभिक जांच में आरोप की पुष्टि होने पर दरोगा अंकुर राठी को लाइन हाजिर कर दिया गया। डीसीपी ने इस मामले में विभागीय जांच के आदेश भी दिए हैं।
पुरानी इमरजेंसी तिराहे पर विवाद की पूरी कहानी
जानकारी के अनुसार, पुरानी इमरजेंसी तिराहे पर अंकुर राठी अपनी टीम के साथ चेकिंग कर रहे थे। उसी समय जूनियर डॉक्टर विनेश कुमार बाइक से जा रहे थे। पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोक लिया और उनका परिचय माँगा। जब डॉक्टर ने अपनी पहचान बताई, तो दरोगा अंकुर राठी ने अभद्रता शुरू कर दी। विरोध पर उनके साथी भी शामिल हो गए।
इस घटना के बाद जूनियर डॉक्टरों ने अपने साथियों को बुला लिया और कार्रवाई की मांग तेज कर दी। रात के 8 बजे डॉक्टर एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी पहुंचे और हंगामा शुरू कर दिया।
इमरजेंसी में हंगामा: मरीजों और स्टाफ पर असर
इमरजेंसी में हंगामे के दौरान, वहां मौजूद मरीज और स्टाफ भी तनाव में आ गए। कुछ मरीजों के परिजनों ने इस घटना को सोशल मीडिया पर साझा कर दिया। डॉक्टरों का कहना था कि इस तरह का व्यवहार अस्पताल की इमरजेंसी में कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
साथ ही, जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि पुलिसकर्मियों की यह कार्रवाई पेशेवर नहीं थी और इसे सख्त कार्रवाई की जरूरत है।
पुलिस विभाग की प्रतिक्रिया और भविष्य की कार्रवाई
डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने कहा कि जूनियर डॉक्टर के आरोपों की प्रारंभिक जांच में पुष्टि हुई है। इसलिए अंकुर राठी को लाइन हाजिर किया गया और विभागीय जांच का आदेश दिया गया।
एसीपी कोतवाली शेषमणि उपाध्याय ने बताया कि मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है और जांच रिपोर्ट आने के बाद आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
एसएन मेडिकल कॉलेज की प्रतिक्रिया और डॉक्टरों की सुरक्षा
एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रशासन ने कहा कि जूनियर डॉक्टरों की सुरक्षा प्राथमिकता है। प्रशासन ने डॉक्टरों से अनुरोध किया कि वे शांतिपूर्वक कार्रवाई के लिए पुलिस प्रशासन से संपर्क करें। साथ ही, डॉक्टरों ने यह भी कहा कि अस्पताल में किसी भी प्रकार की हिंसा या अभद्रता स्वीकार्य नहीं है।
जूनियर डॉक्टर बनाम पुलिस: भविष्य के लिए सबक
यह घटना यह दर्शाती है कि पुलिस और मेडिकल स्टाफ के बीच संवाद और पेशेवर व्यवहार का कितना महत्व है। डॉक्टर और पुलिसकर्मियों के बीच भरोसे और सम्मान की कमी भविष्य में इस तरह की घटनाओं को जन्म दे सकती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में तत्काल जांच और पारदर्शी कार्रवाई बेहद जरूरी है ताकि डॉक्टर और मरीज दोनों सुरक्षित महसूस करें।
जांच की दिशा और प्रशासनिक कार्रवाई
प्रारंभिक जांच के अनुसार, दरोगा अंकुर राठी ने अभद्रता की पुष्टि होने पर उन्हें लाइन हाजिर किया गया। विभागीय जांच के बाद कठोर कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन यह सुनिश्चित करना चाहता है कि अस्पताल और पुलिसकर्मियों के बीच भरोसे का माहौल बना रहे।
एसएन मेडिकल कॉलेज की पुरानी इमरजेंसी में हुए इस विवाद ने पुलिस और जूनियर डॉक्टरों के बीच तालमेल की कमी को उजागर किया है। घटना के बाद डीसीपी सिटी ने तुरन्त कार्रवाई की और आरोपी दरोगा को लाइन हाजिर किया। विभागीय जांच जारी है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।

