धान की फसल सड़ जाने के बाद अब आलू की खड़ी फसल में चेचक रोग के फैलाव से किसान हैरान
रामनगर बाराबंकी। तहसील क्षेत्र में तराई के किसानों की मुश्किलें कम होती नहीं दिखती हैं।बाढ़ में धान की फसल सड़ जाने के बाद अब आलू की खड़ी फसल में चेचक रोग के फैलाव से किसान हैरान परेशान हैं।
घाघरा नदी के तटवर्ती गांव गणेशपुर में सब्जी की खेती करने वाले बुजुर्ग किसान मोहम्मद उमर ने संवाददाताओं के सामने खेत से आलू निकालकर उसमें लगे चेचक रोग को दिखाया।
आलू की तैयार फसल में लगी इस वाहियात बीमारी के चलते इनकी फसल के जहां खरीदार नहीं मिलने की संभावना है।वहीं उपज में भी 75प्रतिशत का नुकसान होने की आशंका है।आलू की इस बीमारी की सही दवा यदि समय पर उपलब्ध हो जाती तो शायद किसानों का इतना नुकसान ना होता।
बाढ़ क्षेत्र के किसानों के लिए उदाहरण बने किसान मो0 उमर ने किराए पर लिए अपने खेतों में सहफसली खेती में मटर व शिमला मिर्च के साथ लहसुन प्याज की फसल को दिखाते हुए बताया कि इस बार पाला गिरने से ये फसलें कुछ प्रभावित हो गई हैं।
किन्तु इस एरिया में पैदा हुई शिमला मिर्च की अच्छी फसल किसानों के लिए बहुत खास खुशखबरी है।तराई के किसान अब आलू मटर टमाटर शिमला मिर्च जैसी तमाम सब्जियां एक साथ उगा सकते हैं व उत्तम फसल चक्र को अपनाकर खुशहाल जीवन गुजार सकते हैं।
फसल बीमा सरलता से उपलब्ध ना होने के कारण ही आर्थिक रूप से कमजोर किसान आत्महत्या को विवश होते हैं।सरकार द्वारा किसानों के हित में सरल बीमा की व्यवस्था कर किसानों के जख्मों पर हमदर्दी का मरहम लगाया जा सकता है।