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South Africa: रंगभेद के खिलाफ संघर्ष करने वाले Archbishop Emeritus Desmond Tutu का 90 साल में निधन

South Africa: रंगभेद के खिलाफ संघर्ष करने वाले और नोबेल शांति पुरस्कार जीतने वाले दक्षिण अफ्रीका के आर्चबिशप एमेरिटस डेसमंड टूटू (Archbishop Desmond Tutu) का रविवार को 90 साल की उम्र में निधन हो गया. उन्हें देश का नैतिक कम्पास ( Country’s Moral Compass) कहा जाता है. डेसमंड टूटू को दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद विरोधी प्रतीक के रूप में जाना जाता है.

South Africa के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने आर्चबिशप के निधन पर शोक जताते हुए कहा, “आर्चबिशप एमेरिटस डेसमंड टूटू का निधन दक्षिण अफ्रीका की एक बहादूर पीढ़ी का अंत है जिन्होंने रंगभेद के खिलाफ संघर्ष कर हमें एक नया दक्षिण अफ्रीका दिया है.”

https://twitter.com/CyrilRamaphosa/status/1475007061293420550?ref_src=twsrc%5Etfw

रामफोसा ने कहा, “उन्होंने खुद को एक गैर-सांप्रदायिक, मानवाधिकारों के यूनिवर्सल चैंपियन के रूप में प्रतिष्ठित किया है.” हालांकि राष्ट्रपति ने डेसमंड टूटू के मौत के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी.

वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने भी ने भी शोक जताते हुए कहा, “आर्चबिशप एमेरिटस डेसमंड टूटू विश्व स्तर पर अनगिनत लोगों के लिए एक मार्गदर्शक थे. मानवीय गरिमा और समानता पर उनका जोर हमेशा याद किया जाएगा. मैं उनके निधन से बहुत दुखी हूं और उनके सभी प्रशंसकों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं. भगवान उसकी आत्मा को शांति दे.”

 1990 के दशक के अंत में टूटू को प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer) का पता चला था और पिछले कुछ सालों में इलाज के लिए उन्हें कई बार अस्पताल में भर्ती कराया गया था. टूटू को अक्सर दक्षिण अफ्रीका के नैतिक विवेक और दशकों की नस्लवादी राजनीति से विभाजित राष्ट्र के महान सुलहकर्ता के रूप में देखा जाता है. टूटू ने साल 1984 में, रंगभेद के अहिंसक विरोध के लिए नोबेल शांति पुरस्कार जीता था. 

News Desk

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