Muzaffarnagar में ब्रह्माकुमारीज के 56वीं पुण्यतिथि पर आध्यात्मिक आयोजन, ब्रह्मा बाबा के योगदान पर हुआ विचार विमर्श
Muzaffarnagar के पचेड़ा रोड स्थित बारात घर में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के साकार संस्थापक पिता श्री ब्रह्मा बाबा की 56वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में एक विशेष आध्यात्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन ब्रह्माकुमारीज के केशव पुरी और गांधी कॉलोनी सेवा केंद्रों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक कुमार डोडा उपस्थित रहे, जिन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्था से जुड़कर ही व्यक्ति अपने जीवन को विकारों से मुक्त कर सकता है।
अशोक कुमार डोडा ने कहा, “काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद से दूर रहना ही सच्चे जीवन की कुंजी है। ब्रह्मा बाबा ने मानवता के उत्थान के लिए ब्रह्माकुमारी संस्था की स्थापना की, जो आज पूरी दुनिया में आध्यात्मिक शिक्षा और जीवन जीने की सच्ची राह दिखा रही है।” उनका यह संदेश कार्यक्रम में उपस्थित सभी श्रोताओं के लिए एक प्रेरणा बन गया।
राजयोगिनी जयंती दीदी ने किया ब्रह्मा बाबा के जीवन पर प्रकाश
कार्यक्रम की मुख्य वक्ता, केशव पुरी सेवाकेन्द्र की इंचार्ज, राजयोगिनी जयंती दीदी ने ब्रह्मा बाबा और ब्रह्माकुमारीज संस्था के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ब्रह्मा बाबा, जिनका जन्म 15 दिसंबर 1876 को सिंध के हैदराबाद शहर में हुआ था, का वास्तविक नाम दादा लेखराज था। बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि और ईमानदार रहे दादा लेखराज को परमात्मा मिलन का गहरा आह्वान था।
राजयोगिनी जयंती दीदी ने कहा, “मैं खुद को ब्रह्माकुमारीज के संस्थापक ब्रह्मा बाबा की पुत्री मानती हूं। शिवबाबा, जो कि ज्योतिर्बिंदू हैं, वह सर्व आत्माओं के पिता हैं। ब्रह्मा बाबा का जीवन हम सभी के लिए एक आदर्श है, क्योंकि उन्होंने अपने जीवन को परमात्मा के आशीर्वाद से पूरी तरह बदल दिया।”
ब्रह्मा बाबा के जीवन का अद्भुत संघर्ष और तप
जयंती दीदी ने आगे बताया, “60 वर्ष की आयु में, दादा लेखराज ने एक अद्भुत अनुभव किया। उन्हें इस समय दुनिया के महाविनाश और नई सृष्टि का साक्षात्कार हुआ। इस अनुभव के बाद उन्होंने अपने सारे सम्पत्ति और चल अचल संपत्तियों को बेचकर एक ट्रस्ट की स्थापना की, और इस ट्रस्ट का नाम ‘ओम मंडली’ रखा। यह संस्था बाद में माउंट आबू स्थानांतरित हुई और 1950 में इसका नाम प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय रखा गया।”
उन्होंने बताया कि दादा लेखराज श्री नारायण के अनन्य भक्त थे और परमपिता शिव ने उन्हें विश्व परिवर्तन हेतु पावन सृष्टि की स्थापना के लिए अपना साकार माध्यम बनाया। इस प्रकार, ब्रह्मा बाबा ने न केवल अपने जीवन में आध्यात्मिकता को अपनाया, बल्कि एक पूरी संस्था की नींव भी रखी, जो आज पूरी दुनिया में मानवता की सेवा कर रही है।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय का वर्तमान रूप और वैश्विक कार्य
आज प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की शाखाएं पूरे विश्व में 140 देशों में फैली हुई हैं। इस समय 6000 से अधिक सेवा केंद्रों पर लगभग 46000 से ज्यादा ब्रह्माकुमारी बहनें समर्पण भाव से तन, मन, धन से अपनी सेवाएं दे रही हैं। इनमें से 20 लाख से अधिक लोग नियमित रूप से संस्थान के सत्संग और मुरली क्लास में भाग लेते हैं।
इसके अलावा, 2 लाख से अधिक युवा बाल ब्रह्मचारी बनकर इस संस्थान से जुड़कर समाज सेवा में अपना योगदान दे रहे हैं। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय को 7 ‘पीस मैसेंजर अवार्ड’ भी यूएनओ से मिल चुके हैं। संस्थान ने समाज के सभी वर्गों की सेवा के लिए 20 से अधिक प्रभागों के माध्यम से निरंतर कार्य किया है।
कार्यक्रम में अन्य महत्वपूर्ण वक्ताओं का योगदान
कार्यक्रम में बीके उर्मिला बहिन, अभिलाषा बहिन, तोशी बहिन, और विधि बहिन ने भी अपने विचार साझा किए। सभी वक्ताओं ने ब्रह्माकुमारी संस्था के कार्यों और ब्रह्मा बाबा की शिक्षाओं की महिमा पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर बीके नवीन भाई ने मंच का संचालन किया।
कार्यक्रम में बीके सरला, संतोष, शालिनी, पूजा, अंजलि, रीता, और बीके गुलशन, वरुण, राजेंद्र जैसे कई सदस्य भी उपस्थित रहे, जिन्होंने इस भव्य आयोजन को सफल बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मीडिया प्रभारी केतन कर्णवाल ने इस अवसर पर मीडिया के माध्यम से कार्यक्रम की विशेषता को उजागर किया।
संदेश: जीवन में आध्यात्मिकता की आवश्यकता
इस कार्यक्रम का मुख्य संदेश यह था कि आज के इस व्यस्त और तनावपूर्ण जीवन में आध्यात्मिकता को अपनाना बेहद जरूरी है। ब्रह्मा बाबा की शिक्षाओं का पालन करके व्यक्ति न केवल अपने जीवन को बेहतर बना सकता है, बल्कि समाज में भी सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है। ब्रह्माकुमारीज संस्था का योगदान आज केवल आध्यात्मिक क्षेत्र तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह एक व्यापक समाज सेवा संगठन के रूप में कार्य कर रहा है।
इस आयोजन ने यह साबित किया कि ब्रह्मा बाबा की शिक्षाओं और ब्रह्माकुमारीज संस्था के कार्यों के माध्यम से हम अपने जीवन में सच्चे सुख और शांति प्राप्त कर सकते हैं।

