Iran के हिजाब समर्थक नेता Ali Shamkhani की बेटी की शादी में Strapless ड्रेस और बिना हिजाब की महिलाओं का हंगामा, वीडियो ने मचाई हलचल
Iran में जहां एक ओर हिजाब को लेकर सरकार सख्त कानून लागू करती है, वहीं दूसरी ओर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसने इस पूरे विवाद को नया मोड़ दे दिया है। यह वीडियो ईरान के पूर्व रक्षा मंत्री और सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई के करीबी सलाहकार अली शमखानी की बेटी फातिमा की शादी का है। शादी में दिखाए गए दृश्य ने ईरान के सख्त हिजाब नियमों पर सवाल उठा दिया है।
स्ट्रैपलेस ड्रेस और बिना हिजाब महिलाओं का प्रदर्शन
वायरल वीडियो में शमखानी की बेटी फातिमा बिना हिजाब और स्ट्रैपलेस वेडिंग गाउन में नजर आ रही हैं। यह दृश्य न केवल ईरान के हिजाब नियमों के खिलाफ है, बल्कि ईरान में महिलाओं के लिए सार्वजनिक जीवन में बिना हिजाब के नजर आना एक बड़ा साहसिक कदम माना जाता है। इसके साथ ही शादी में कई अन्य महिलाएं भी बिना हिजाब के दिखाई दे रही हैं, जो इस्लामी नियमों का उल्लंघन कर रही हैं।
विरोध और आरोपों का सिलसिला
इस वीडियो के वायरल होते ही, सोशल मीडिया पर बवाल मच गया। महिला अधिकार कार्यकर्ताओं और ईरानी जनता ने शमखानी परिवार पर तंज कसते हुए इसे ‘पाखंड’ करार दिया। एक महिला अधिकार कार्यकर्ता ने इस पर टिप्पणी करते हुए लिखा, “उनकी दुल्हन महल में है, लेकिन हमारी दुल्हन जमीन के नीचे दफन है।” इसी प्रकार कई लोगों ने शमखानी से इस्तीफा देने की मांग की और सार्वजनिक माफी की भी वकालत की।
ईरान के हिजाब कानूनों की सख्ती के बावजूद यह कैसे हुआ?
ईरान में हिजाब कानूनों के पालन के लिए सरकार द्वारा 80,000 नैतिकता पुलिस की तैनाती की योजना बनाई जा रही है। ऐसे में यह वीडियो एक बड़े विरोध का कारण बन गया है। अली शमखानी, जो कि 2013 से 2023 तक ईरान की सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के सचिव रहे हैं, और हिजाब कानूनों के कट्टर समर्थक रहे हैं, उनके परिवार के इस आयोजन ने उनके दावों पर सवालिया निशान लगा दिया है।
ईरान के समाज में असमानता और विरोध का कारण
इस शादी का आयोजन महल में हुआ था, जबकि ईरान के ज्यादातर लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। युवा पीढ़ी में कई लोग इतने गरीब हैं कि वे शादी तक नहीं कर सकते। ऐसे में शमखानी परिवार द्वारा किए गए इस भव्य आयोजन ने लोगों का गुस्सा और बढ़ा दिया।
पश्चिमी परंपराओं का प्रभाव: पिता का अपनी बेटी को स्टेज पर लाना
इस शादी का एक और विवादास्पद पहलू था – पिता का अपनी बेटी को स्टेज तक ले जाना। यह पश्चिमी देशों की परंपरा है, जबकि ईरान में आमतौर पर दूल्हा और दुल्हन एक साथ स्टेज पर आते हैं। इस दृश्य ने भी समाज में विरोध को बढ़ाया और शमखानी परिवार पर आरोप लगाए गए कि वे इस्लामी परंपराओं की अवहेलना कर रहे हैं।
अली शमखानी का राजनीतिक इतिहास और विवादों की परतें
अली शमखानी ईरान के सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली नेताओं में से एक हैं। उन्होंने ईरान की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और उनका नाम कई अंतरराष्ट्रीय विवादों में भी सामने आया है। 2020 में, उनके और उनके परिवार पर अमेरिकी प्रतिबंध लगाए गए थे, जिनके खिलाफ आरोप थे कि वे ईरान से रूस तक तेल तस्करी करते थे। इसके अलावा, शमखानी पर इजराइल द्वारा 2022 में मिसाइल हमले का प्रयास किया गया था, जिसमें वह बाल-बाल बच गए थे।
ईरान की राजनीति में जारी संकट और इस्तीफा मांगने की लहर
इस वीडियो के वायरल होने के बाद, कई ईरानी नागरिकों और कार्यकर्ताओं ने शमखानी से इस्तीफा देने की मांग की है। एक ईरानी पत्रकार ने सोशल मीडिया पर लिखा, “यह वीडियो दिखाता है कि अधिकारी अपने ही बनाए नियमों में विश्वास नहीं करते, वे केवल जनता का जीवन कठिन बनाना चाहते हैं।” कई विशेषज्ञों ने इसे ईरानी शासन के पाखंड की सबसे बड़ी मिसाल बताया है।
महसा अमीनी के बाद हिजाब विरोधी आंदोलन
सितंबर 2022 में, महसा अमीनी की पुलिस हिरासत में मौत के बाद, पूरे ईरान में हिजाब विरोधी आंदोलन ने जोर पकड़ा था। इस आंदोलन में सैकड़ों लोग मारे गए थे, लेकिन इसके बावजूद सरकार ने अपनी सख्त नीतियों को जारी रखा। इस वीडियो ने उन सब घटनाओं को और ताजा कर दिया है, जिससे यह साबित होता है कि ईरान में शासन अपनी सख्त नीतियों में विश्वास करता है, लेकिन उन नीतियों का पालन खुद नहीं करता है।
क्या शमखानी परिवार का यह कदम ईरानी समाज के लिए एक संकेत है?
शमखानी की बेटी की शादी और इसके साथ जुड़े विवाद ने ईरान के भीतर एक गहरे सामाजिक और राजनीतिक संकट को उजागर किया है। क्या यह एक संकेत है कि ईरान में महिलाओं के अधिकारों की स्थिति में सुधार हो सकता है, या फिर यह शासन के भीतर पाखंड और दोहरे मापदंडों को और अधिक स्पष्ट करता है? यह सवाल अब पूरी दुनिया के सामने है, और आने वाले समय में इसके जवाब सामने आ सकते हैं।
ईरान में महिलाओं के अधिकारों के लिए जारी संघर्ष, इस घटना के बाद और गहरा हो गया है। क्या यह वीडियो ईरान के मौजूदा शासन के खिलाफ एक और विरोध का कारण बनेगा? समय ही बताएगा, लेकिन एक बात तो तय है – इस मुद्दे पर बहस खत्म नहीं होने वाली है।

