दिल्ली में AAP की करारी हार: Swati Maliwal के ‘चीरहरण’ पोस्ट से गरमाई सियासत!
दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ा झटका लगा है। पिछले दस वर्षों से सत्ता पर काबिज AAP को इस बार जनता ने पूरी तरह नकार दिया। नतीजा यह हुआ कि पार्टी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा, जिससे केजरीवाल सरकार का राजधानी में शासन समाप्त हो गया। इस चुनाव में सबसे बड़ा उलटफेर तब हुआ जब खुद अरविंद केजरीवाल अपनी पारंपरिक सीट नई दिल्ली से हार गए। बीजेपी के उम्मीदवार प्रवेश वर्मा ने उन्हें बड़े अंतर से हराकर सनसनी मचा दी।
प्रवेश वर्मा की इस जीत को केवल एक सीट की जीत नहीं माना जा रहा, बल्कि इसे दिल्ली में भाजपा की सत्ता वापसी का प्रतीक माना जा रहा है। 26 साल बाद दिल्ली में भाजपा ने सत्ता की चाबी अपने हाथ में ली है, और अब इस जीत के बाद प्रवेश वर्मा को दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री के रूप में देखा जा रहा है।
Swati Maliwal का ‘चीरहरण’ पोस्ट और सियासी बवंडर
चुनावी नतीजों के बीच, सोशल मीडिया पर एक पोस्ट तेजी से वायरल हो रही है। यह पोस्ट किसी और की नहीं, बल्कि आम आदमी पार्टी की पूर्व सहयोगी और मौजूदा राज्यसभा सांसद Swati Maliwal की है। उन्होंने महाभारत के प्रसिद्ध ‘चीरहरण’ प्रसंग से जुड़ी एक पेंटिंग साझा की, जिसे लेकर राजनीतिक गलियारों में जबरदस्त हलचल मची हुई है।
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) February 8, 2025
इस पोस्ट को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। क्या स्वाति मालीवाल इस पोस्ट के जरिए खुद को द्रौपदी और केजरीवाल को कौरव सभा का कोई पात्र बता रही हैं? या फिर वह सत्ता संघर्ष में खुद के साथ हुए अन्याय को दर्शा रही हैं?
ट्विटर (अब X) पर इस पोस्ट के सामने आते ही सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। भाजपा समर्थकों ने इसे AAP के अंत का प्रतीक बताया, वहीं आप समर्थकों ने इसे स्वाति मालीवाल की व्यक्तिगत नाराजगी का नतीजा करार दिया।
कभी करीबी, अब कट्टर विरोधी!
स्वाति मालीवाल और अरविंद केजरीवाल की राजनीतिक यात्रा कभी साथ-साथ शुरू हुई थी। मालीवाल को केजरीवाल का सबसे करीबी सहयोगी माना जाता था। वह दिल्ली महिला आयोग (DCW) की अध्यक्ष भी बनीं और इस दौरान उन्होंने महिलाओं के अधिकारों के लिए कई कड़े फैसले लिए। लेकिन धीरे-धीरे उनके और AAP के बीच दूरियां बढ़ने लगीं।
मई 2024 में, स्वाति मालीवाल ने केजरीवाल के करीबी सहयोगी बिभव कुमार पर मारपीट का आरोप लगाया था। उन्होंने आरोप लगाया कि जब वह मुख्यमंत्री आवास पर मुलाकात के लिए गईं, तो उनके साथ बुरी तरह मारपीट की गई। उनका कहना था कि इस घटना के दौरान अरविंद केजरीवाल भी वहीं मौजूद थे, लेकिन उन्होंने कोई हस्तक्षेप नहीं किया।
इसके बाद से ही स्वाति मालीवाल पूरी तरह AAP के विरोध में आ गईं। उन्होंने लगातार पार्टी की कार्यशैली पर सवाल उठाए और मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरना भी दिया। उन्होंने दिल्ली में जलभराव, यमुना की सफाई, खराब बुनियादी ढांचे जैसे मुद्दों को लेकर AAP सरकार पर जमकर हमला बोला।
क्या स्वाति मालीवाल बीजेपी में जा सकती हैं?
अब सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि क्या स्वाति मालीवाल भविष्य में भाजपा का दामन थाम सकती हैं? कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि वह जल्द ही बीजेपी में शामिल हो सकती हैं। इसकी वजह यह है कि उन्होंने लगातार AAP सरकार पर हमले किए हैं और अब भाजपा को सत्ता में वापसी का पूरा फायदा मिल रहा है।
भाजपा के कुछ नेता पहले ही संकेत दे चुके हैं कि स्वाति मालीवाल अगर पार्टी में आना चाहें, तो उनका स्वागत किया जाएगा। हालांकि, मालीवाल ने इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। लेकिन जिस तरह से उन्होंने दिल्ली चुनावों के दौरान AAP के खिलाफ मोर्चा खोला था, उसे देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि वह अब इस पार्टी का हिस्सा नहीं रहना चाहतीं।
AAP के लिए बड़ा सबक!
दिल्ली चुनावों के नतीजों ने यह साफ कर दिया है कि जनता अब AAP की नीतियों से नाखुश हो चुकी है। सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप, केजरीवाल की गिरफ्तारी, शराब नीति घोटाला और अंदरूनी कलह ने पार्टी को कमजोर कर दिया। ऐसे में स्वाति मालीवाल जैसी मजबूत शख्सियत का अलग होना AAP के लिए एक और बड़ा झटका साबित हुआ।
अब सवाल यह है कि आम आदमी पार्टी इस हार से क्या सबक लेगी? क्या पार्टी फिर से जनता का भरोसा जीत पाएगी? या फिर दिल्ली की राजनीति में अब भाजपा का एकछत्र राज होगा?
इस पूरे घटनाक्रम से एक बात तो साफ हो गई है—दिल्ली की राजनीति में अब नया अध्याय शुरू हो चुका है, और इसका सबसे बड़ा उदाहरण स्वाति मालीवाल का बगावती तेवर है!