उत्तर प्रदेश

बड़ी बहन से मां को बताया खतरा, सत्तालोभ के लिए आपस में लड़ते Apna Dal परिवार की अजब कहानी

Apna Dal परिवार में चला आ रहा विवाद सुलझने के बाद उलझता ही जा रहा है। कुछ दिनों पहले Anupriya Patel की पहल से उम्मीद जगी थी कि शायद इस परिवार के तार फिर से जुड़ जाए लेकिन अपना दल (कमेरावादी) की अध्यक्ष Krishna Patel के अपने दामाद Ashish singh patel (Anupriya Patel के पति) पर उनकी सम्पत्ति हथियाने के आरोप लगाने के बाद विवाद अब और गहराया गया है।

अपना दल (सोनेलाल) की अध्यक्ष और केन्द्रीय राज्यमंत्री Anupriya Patel की मां कृष्णा पटेल ने उनके पति आशीष पटेल पर आरोप लगाया कि वह उनकी सम्पत्ति पर कब्जा करना चाह रहे हैं। वहीं एमएलसी आशीष पटेल का कहना है कि कृष्णा पटेल के दूसरे दामाद (पल्लवी पटेल) के पति के बहकावे में आकर उनकी सास झूठे आरोप लगा रही है।

इस बीच कृष्णा पटेल की छोटी बेटी Aman patel ने मां कृष्णा पटेल की सुरक्षा को लेकर डीजीपी को पत्र लिखा हैं। पत्र में अमन पटेल ने अपनी बड़ी बहन पल्लवी पटेल से मां को खतरा बताया है। जबकि अनुप्रिया पटेल और पल्लवी पटेल के पहले से ही मतभेद हैं।

केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की छोटी बहन अमन ने डीजीपी को लिखी गई अपनी चिट्ठी में पैतृक संपत्ति की वसीयत को लेकर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने पल्लवी पटेल पर आरोप लगाया कि बगैर बहनों की सहमति के सभी संपत्तियों को खुद के नाम वसीयत करा लिया है। उन्होंने व्यवसायिक ट्रस्ट में बगैर परिवार की सहमति के पल्लवी पटेल पर पति पंकज निरंजन को सदस्य बनाने की भी बात कही है.।

अपना दल के संस्थापक डॉ. सोनेलाल पटेल की 2009 में जब एक एक्सीडेंट में मौत हो गयी तो उनकी चार बेटियों पारूल पटेल, पल्लवी पटेल, अनुप्रिया पटेल और अमन पटेल में सबसे अधिक राजनीतिक समझ अनुप्रिया पटेल में दिखाई दी। जिसके बाद पदाधिकारियों कार्यकर्ताओं और नाते रिश्तेदारों ने कृष्णा पटेल को पार्टी का अध्यक्ष और अनुप्रिया पटेल को पार्टी का महासचिव बनाया।

पार्टी ने 2012 का विधानसभा चुनाव लड़ा। इसमें अनुप्रिया पटेल को रोहनियां सीट पर विजय मिली। पहली बार सोनेलाल परिवार का कोई सदस्य विधानसभा पहुंचा था। लेकिन 2014 के चुनाव आते ही पार्टी में टूट की नींव पड़नी शुरू हो गयी। पार्टी की अध्यक्ष कृष्णा पटेल और बेटी अनुप्रिया पटेल के बीच पल्लवी पटेल को पार्टी का महासचिव बनाने को लेकर मतभेद उभरना शुरू हो गए।

अगले साल ही यानी 2015 में अनुप्रिया पटेल के पति आशीष पटेल की राजनीति में दिलचस्पी बढ़नी शुरू हुई। सरकारी नौकरी में होने के बाद भी वह अपनी पत्नी के राजनीतिक कामों में हस्तक्षेप करने लगे। जो परिवार के लोगों को नहीं भाया। इसके बाद पार्टी कार्यालय पर कब्जे को लेकर विवाद शुरू हुआ। वहीं मामला चुनाव आयोग तक भी पहुंचा। इस पर चुनाव आयोग ने कृष्णा पटेल को अपना दल की मान्यता दे दी, जबकि अनुप्रिया पटेल अपना दल (एस) की अध्यक्ष बन गयी।

इस बीच जब 2017 के विधानसभा चुनाव आए, तो नाते रिश्तेदारों ने मां बेटी को एक करने के कई प्रयास किए पर सारे प्रयास असफल हो गए। इस बीच विधानसभा चुनाव में मिली सफलता ने अनुप्रिया पटेल का कद और बढ़ा दिया। जबकि मां कृष्णा का अपना दल कमजोर होता गया और वह चुनाव भी हार गयी।

 अनुप्रिया पटेल के पति और विधानपरिषद सदस्य आशीष पटेल, पल्लवी पटेल के पति आशीष निरंजन और मां कृष्णा पटेलके अलावा उनकी तीसरी बेटी अमन पटेल को समझाने बुझाने के प्रयास लगातार जारी हैं। 

News Desk

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