नशे की चपेट में युवा पीढ़ी: अभिनेत्री Sapna के पुत्र की दर्दनाक मौत ने खड़े किए सवाल
आज के युवा किस तरह नशे की लत के शिकार हो रहे हैं, इसका एक हृदय विदारक उदाहरण हाल ही में अभिनेत्री Sapna Singh के पुत्र सागर की मृत्यु से सामने आया है। बरेली में हुई इस दर्दनाक घटना ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। सागर, जो मात्र नाबालिग था, गलत संगत और नशेड़ी दोस्तों की चपेट में आ गया, जिसने अंततः उसकी जान ले ली।
कैसे हुआ हादसा?
सागर, जो कभी अपनी मां के पास मुंबई में रहता था और कभी अपने ननिहाल बरेली में, माता-पिता की निगरानी से दूर होते हुए गलत संगत में पड़ गया। पुलिस जांच के अनुसार, सागर को क्रिकेट खेलने के दौरान अर्जुन और सनी नाम के दो लड़कों से दोस्ती हुई। ये दोनों युवक पहले से ही नशे की गिरफ्त में थे और उन्होंने सागर को भी इस दलदल में धकेल दिया।
सूत्रों के अनुसार, अर्जुन और सनी ने पहले खुद का खर्चा करके सागर को नशे का आदी बनाया और बाद में उससे पैसे खर्च करवाने लगे। दोनों स्नातक के विद्यार्थी हैं और सागर अभी नाबालिग था।
मौत की वजह और विरोध प्रदर्शन
सागर का शव बरेली के इज्जतनगर क्षेत्र में संदिग्ध परिस्थितियों में मिला। शव पर कटने के निशान और अन्य संदिग्ध चोटें देखकर परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया। अभिनेत्री सपना सिंह ने पुलिस पर लापरवाही और आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी कहा कि आरोपियों में से एक का पिता मुरादाबाद पुलिस में हेड कांस्टेबल है, जिससे जांच प्रभावित हो सकती है।
शव के पास प्रदर्शन करते हुए सपना सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाई। उन्होंने मांग की कि उनके बेटे के हत्यारों का एनकाउंटर किया जाए या उन्हें फांसी की सजा दी जाए।
नशे का बढ़ता खतरा
यह घटना नशे की समस्या को लेकर समाज में गहराते संकट की ओर इशारा करती है। खासकर छोटे शहरों और कस्बों में नशे का बढ़ता चलन चिंता का विषय बन गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, युवा वर्ग के बीच ड्रग्स का प्रसार तेजी से हो रहा है और यह उन्हें अपराध की ओर भी धकेल रहा है।
पुलिस की कार्रवाई पर सवाल
बारादरी थाना पुलिस ने इस मामले में हत्या की रिपोर्ट दर्ज की है और जांच जारी है। एसपी उत्तरी मुकेश चंद्र मिश्रा ने कहा कि मामले की तह तक जाने के लिए साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। हालांकि, परिवार का आरोप है कि पुलिस इस मामले को कमजोर करने का प्रयास कर रही है, खासकर क्योंकि आरोपियों में से एक पुलिसकर्मी का बेटा है।
माता-पिता और समाज की भूमिका
सागर की मौत के बाद यह सवाल उठता है कि माता-पिता और समाज युवा पीढ़ी को इस संकट से बचाने के लिए क्या कर सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों की गतिविधियों पर ध्यान देना और उन्हें सही मार्गदर्शन देना बेहद जरूरी है।
योगी सरकार के लिए चुनौती
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए यह घटना एक बड़ी चुनौती बन गई है। उनकी सरकार नशे और अपराध के खिलाफ कड़े कदम उठाने के लिए जानी जाती है, लेकिन इस मामले में आरोपियों को सजा दिलाना सरकार के लिए परीक्षा साबित होगा।
नशे के खिलाफ जन-जागरूकता की जरूरत
इस घटना ने नशे के खिलाफ जन-जागरूकता अभियान की आवश्यकता को उजागर किया है। स्कूलों और कॉलेजों में जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन, युवाओं के लिए खेल और अन्य सकारात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देना, और ड्रग्स माफिया पर सख्त कार्रवाई जैसे कदम समय की मांग हैं।
समाज के लिए चेतावनी
सपना सिंह के बेटे सागर की मौत केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है। अगर समय रहते नशे की समस्या को रोकने के लिए कदम नहीं उठाए गए, तो यह समस्या आने वाली पीढ़ियों को और गहराई तक जकड़ लेगी।
इस घटना से सबक लेते हुए समाज और प्रशासन को मिलकर काम करना होगा ताकि युवा पीढ़ी को नशे की दलदल से बाहर निकाला जा सके और ऐसी त्रासदी दोबारा न हो।

