वाराणसी Cough Syrup सिंडिकेट का विस्फोटक खुलासा! मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल भागा दुबई, 50 करोड़ गायब—बाहुबलियों और गोदामों की कड़ी तक पहुंची जांच
उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा नशीले Cough Syrup तस्करी रैकेट इन दिनों पूरे राज्य की राजनीति, प्रशासन और सोशल मीडिया का केंद्र बना हुआ है। यह UP cough syrup case अब साधारण छापेमारी का मामला नहीं रहा—बल्कि करोड़ों रुपये के अवैध व्यापार, हाई-प्रोफाइल कनेक्शनों, फर्जी गोदामों, बाहुबली नेटवर्क और फरार मास्टरमाइंड के अनोखे प्लान का खुलासा बना हुआ है।
इस नशीले Cough Syrup रैकेट का मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल देश छोड़कर दुबई भाग चुका है। वहीं उसके पिता और कई करीबी साथियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है—जिनमें आलोक प्रताप सिंह और अमित सिंह टाटा जैसे नाम शामिल हैं।
शुभम जायसवाल और अमित टाटा की फोटो वायरल—पूर्व सांसद धनंजय सिंह का नाम आया चर्चा में
इस कांड का राजनीतिक तापमान अचानक बढ़ गया जब शुभम जायसवाल और अमित सिंह टाटा की एक तस्वीर जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह के साथ वायरल हो गई।
हालांकि धनंजय सिंह ने तुरंत सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि—
“मेरे खिलाफ चलाया जा रहा यह सब राजनीतिक प्रचार है।”
फिर भी, सोशल मीडिया पर इस तस्वीर ने इस मामले को हाई-प्रोफाइल बना दिया।
कौन है शुभम जायसवाल?—’शैली ट्रेडर्स’ का मालिक, लाखों शीशियों की तस्करी का आरोपी
शुभम जायसवाल वाराणसी का रहने वाला और शैली ट्रेडर्स नाम की फर्म का संचालक है।
उसके पार्टनर गौरव जायसवाल और वरुण सिंह भी दुबई भाग चुके हैं।
शुभम के पिता भोला प्रसाद जायसवाल को पुलिस ने 30 नवंबर को कोलकाता एयरपोर्ट पर धर दबोचा।
जांच एजेंसियों के अनुसार—
पश्चिमी उत्तर प्रदेश
पूर्वांचल
और कई अन्य जिलों
में इस सिंडिकेट की गहरी पैठ थी।
राज्यभर में लगातार एफआईआर दर्ज हो रही हैं और अब तक कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, लेकिन मुख्य आरोपी शुभम अभी तक गिरफ्त से बाहर है।
सोनभद्र से गाजियाबाद तक—कफ सिरप का करोड़ों का खेल
इस बड़े नेटवर्क का पहला खुलासा 18 अक्टूबर को सोनभद्र में हुआ, जहां पुलिस को 3 करोड़ रुपये की कफ सिरप बरामद हुई।
इसके बाद—
4 नवंबर को गाजियाबाद पुलिस ने शुभम जायसवाल को नामजद किया
5 नवंबर को वह दुबई भाग गया
उसी दौरान समानांतर रूप से दिवेश और प्रशांत उपाध्याय नाम का दूसरा बड़ा गिरोह भी पकड़ा गया, जो इसी प्रकार का तस्करी नेटवर्क चला रहा था।
अमित टाटा की गिरफ्तारी—100 करोड़ के कफ सिरप सिंडिकेट का पर्दाफाश
27 नवंबर को यूपी एसटीएफ ने कुख्यात तस्कर अमित कुमार सिंह उर्फ अमित टाटा को गिरफ्तार किया।
दो मोबाइल
एक फॉर्च्यूनर कार
आधार कार्ड
बरामद हुए।
एसटीएफ के अनुसार टाटा ने लखनऊ और देश के अन्य हिस्सों में लगभग 100 करोड़ रुपये मूल्य की कोडीन युक्त कफ सिरप सप्लाई की है।
मामला इतना बड़ा था कि गोदामों को चार्जिंग स्टेशन, वेयरहाउस, और छिपे हुए शेड की आड़ में संचालित किया जा रहा था।
गोदामों पर पुलिस की दबिश—वाराणसी में 60 लाख की कोडीन की बरामदगी
वाराणसी में पुलिस की विशेष टीम ने रामनगर थाना क्षेत्र के सुजाबाद स्थित एक गुप्त गोदाम से 30 हजार शीशियां, लगभग 60 लाख रुपये की कोडीन कफ सिरप बरामद की।
डीसीपी टी. सरवनन के मुताबिक—
गोदाम मनोज कुमार यादव का था
मनोज, शुभम जायसवाल का करीबी है
ई-रिक्शा चार्जिंग स्टेशन की आड़ में यह गोदाम चल रहा था
टीम को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इससे भी बड़ी रिकवरी और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
50 करोड़ गायब! शुभम जायसवाल की सबसे बड़ी चाल—पुलिस भी रह गई हैरान
वाराणसी पुलिस की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है—
शुभम जायसवाल ने 50 करोड़ रुपये गायब कर दिए!
जब 15 नवंबर को पुलिस उसके बैंक खातों की जांच कर रही थी, तो—
केवल 2 करोड़ रुपये फ्रीज किए जा सके
बाकी रकम या तो कैश में निकाल ली गई
या महाराष्ट्र के एक बैंक में स्थानांतरित की गई
50 करोड़ रुपये की यह मिस्ट्री अब एसटीएफ की अलग जांच का हिस्सा बन गई है।
एसआईटी गठित—मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया सख्त आदेश
कांड बढ़ने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने चलते हुए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया।
इसका नेतृत्व कर रहे हैं—
IGP (कानून-व्यवस्था) एल.आर. कुमार
सदस्य हैं—एसटीएफ एसएसपी सुशील घुले चंद्रभान
सहायक आयुक्त (खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन) अखिलेश कुमार जैन
एक माह में रिपोर्ट सरकार को सौंपनी है।
प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद ने कहा—
“राज्य सरकार इस मामले को अत्यंत गंभीरता से देख रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर ही SIT बनाई गई है।”
गिरफ्तारियां जारी—आलोक सिंह और अमित टाटा जेल भेजे गए
2 दिसंबर को एसटीएफ ने बर्खास्त एसटीएफ कांस्टेबल आलोक सिंह को गिरफ्तार किया।
लखनऊ की सीजेएम अदालत ने—
आलोक सिंह
अमित टाटा
की न्यायिक हिरासत 22 दिसंबर तक बढ़ा दी है।
तस्करी नेटवर्क कई राज्यों तक फैला—जांच में चौंकाने वाली भू-राजनीतिक कड़ियां
इस UP cough syrup case की जांच में सामने आया कि सिंडिकेट पूरे उत्तर भारत में सक्रिय था—
उत्तर प्रदेश
बिहार
झारखंड
उत्तराखंड
दिल्ली
पश्चिम बंगाल
असम
कई जिलों में गोदाम बनाए गए थे, और वाराणसी व गाजियाबाद प्रमुख केंद्र थे।
जौनपुर में ही 57 करोड़ रुपये के कनेक्शन का खुलासा हुआ और 12 मेडिकल स्टोर संचालकों पर केस दर्ज हुआ।
राजनीतिक मोर्चा भी गर्म—अखिलेश यादव का सवाल: “माफिया पर बुलडोजर क्यों नहीं?”
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा—
“कफ सिरप माफियाओं पर बुलडोजर क्यों नहीं चल रहा? सरकार आखिर इन्हें बचा किसलिए रही है?”
राजनीति में यह मुद्दा अब विपक्ष का हथियार बन चुका है।

