उत्तर प्रदेशवैश्विक

राज्यों मे वैक्सीन की कमीः वाराणसी में पहले डोज का टीकाकरण पर तीन दिन तक रोक

नई दिल्ली। महाराष्ट्र समेत कई अन्य राज्यों मे कोरोना वैक्सीन की कमी की बात सामने आने के बाद केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच टकराव बढ़ गया है। जहां राज्यों सरकारों ने केन्द्र सरकार पर गैर-भाजपा सरकार वाले राज्यों पर उपेक्षा का आरोप लगाया हे।

वहीं केन्द्र सरकार ने ऐसे राज्यों पर अपनी विफलताएं छिपाने की बात कही है। दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी कोरोना वैक्सीन की कमी हो गयी है। स्थानीय प्रशासन ने इसको देखते हुए पहले डोज का टीकाकरण पर तीन दिन तक रोक लगा दी है।

दरअसल, ऐसे कई राज्य हैं जहां पर कोरोना वैक्सीनेशन की रफ्तार काफी धीमी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने तीन राज्यों महाराष्ट्र, पंजाब और दिल्ली को चिट्ठी लिखकर टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने को कहा था। इन राज्यों में टीकाकरण राष्ट्रीय औसत से भी कम है।

दूसरी तरफ इन राज्यों ने केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर कोरोना वैक्सीन की मांग की हे। आंध्र प्रदेश ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर एक करोड़ डोज वैक्सीन की मांग की है। प्रदेश सरकार का कहना है कि उसके पास महज 3.7 लाख डोज बचे हैं। झारखंड में भी वैक्सीन की कमी हो गई है। इस राज्य ने वैक्सीनेशन को रफ्तार देने के लिए 4 से 14 अप्रैल के बीच विशेष अभियान शुरू किया था, लेकिन वैक्सीन की कमी सामने आने के बाद वैक्सीनेशन का काम रोक दिया गया है।

 

वहीं एक और गैर-भाजपाई सरकार वाले पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कोरोना वैक्सीन की कमी को लेकर केन्द्र सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाया है। जबकि दिल्ली के मंत्री गोपाल राय ने कहा, दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि देशवासियों को ज्यादातर वैक्सीन न देकर वैक्सीन निर्यात की जा रही है।

केन्द्र सरकार पर लग रहे इन आरोपों के जवाब में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा हर्षवर्धन ने राज्यों पर वैक्सीन लगवाने के योग्य लोगों को टीका लगाए बिना सभी के लिए टीकों की मांग कर लोगों में दहशत फैलाने और अपनी विफलताएं छिपाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, 10 राज्यों ने 90 प्रतिशत स्वास्थ्यकर्मियों को पहली डोज दी है।

जबकि महाराष्ट्र में 86 प्रतिशत, दिल्ली में 72 प्रतिशत और पंजाब में सिर्फ 64 प्रतिषत स्वास्थ्यकर्मियों का ही टीकाकरण हुआ है। वहीं 12 राज्य एवं केन्द्र शासित प्रदेश ऐसे है। जिन्होंने 60 प्रतिशत से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों को दूसरी डोज दे दी है। लेकिन महाराष्ट्र और दिल्ली ने केवल 41 प्रतिशत और पंजाब में 27 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों को दूसरी डोज मिली है।

यही हाल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी का भी है। वैक्सीन की किल्लत से बुधवार को शहर के कई पीएचसी, सीएचसी और अस्पतालों में टीका नहीं लग सका। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक स्टॉक में महज 499 वॉयल वैक्सीन शेष है। इससे सिर्फ 4990 लोगों का टीकाकरण किया जा सकता है। अगर समय पर वैक्सीन नहीं आई तो शुक्रवार को टीकाकरण बंद हो सकता है।

डीएम कौशलराज शर्मा ने बताया कि दूसरे डोज के लिए वैक्सीन उपलब्ध है। इसलिए इन लोगों का टीकाकरण जारी रहेगा। उन्होंने उम्मीद जताई है कि अगले दो से तीन दिन के अंदर वैक्सीन की खेप लखनऊ से आ जाएगी।

News Desk

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