स्वास्थ्य सेवाओं को पलीता लगा रहे गांव के उपकेंद्र: स्वास्थ्यकर्मियों की कमी
मुजफ्फरनगर। सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को पटरी पर लाने के लिए चाहे जितने जतन कर ले, लेकिन स्वास्थ्यकर्मियों की कमी के चलते इन्हें पटरी पर लाना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।
जानसठ क्षेत्र में गांवों में बने उपकेंद्र रखरखाव व स्वास्थ्यकमियों की कमी के चलते बदहाल अवस्था में पहुंच रहे हैं। इससे जरूरतमंदों को सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
सरकार ने गांव-गांव तक स्वास्थ्य सेवाओं को आमजन तक पहुंचाने के लिए हर गांव में स्वास्थ्य उपकेंद्र बना दिए। सरकार ने एक उपकेंद्र बनाने में लाखों रुपये तो खर्च कर दिए, लेकिन उसे पटरी पर लाने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों की कमी को पूरा नहीं कर सकी। गांवों में बने उपकेंद्रों पर कर्मचारियों की तैनाती के बिना वह बदहाल अवस्था में हैं।
जानसठ सीएचसी पर गांवों में कुल 35 उपकेंद्र खुले हुए हैं, लेकिन उसमें से मात्र 17 पर ही एएनएम तैनात हैं। बाकी सब जगह पर स्वास्थ्य केंद्र बंद पड़े हुए हैं, जिसके चलते वह बदहाल अवस्था में पहुंच चुके है।
इन उपकेंद्रों पर आवार पशु डेरा डाले रहते हैं। सीएचसी प्रभारी डा. अशोक कुमार ने बताया कि 17 उपकेंद्रों पर एएनएम की तैनाती न होने के कारण खाली पड़े होने पर बदहाल हो रहे हैं।
वह कई बार इस बाबत जिला कार्यालय पर पत्र लिखकर उनकी तैनाती की मांग कर चुके है, लेकिन स्टाफ की कमी के कारण तैनाती नहीं हो पा रही है, जिसके कारण उपकेंद्र खाली पड़े हुए हैं। जैसे ही नई तैनाती मिलेगी उपकेंद्रों पर साफ-सफाई करके वहां कार्य शुरू किया जा सकेगा।