“मार्क बाउचर नहीं होते तो आज Virat Kohli नहीं होता!” – RCB पॉडकास्ट में खुलासा
भारतीय क्रिकेट के चमकते सितारे Virat Kohli ने हाल ही में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के पॉडकास्ट ‘बोल्ड एंड बेयॉन्ड’ में एक बेहद इमोशनल और प्रेरणादायक किस्सा साझा किया, जिसने फैंस के दिलों को छू लिया। विराट कोहली ने उस इंसान का नाम लिया जिसने उनके करियर को बदलने में सबसे बड़ी भूमिका निभाई — साउथ अफ्रीका के पूर्व विकेटकीपर और दिग्गज खिलाड़ी मार्क बाउचर।
विराट कोहली ने अपने इंटरव्यू की शुरुआत में ही कहा, “मार्क बाउचर नहीं होते तो शायद आज मैं भारतीय टीम में होता ही नहीं।” उन्होंने बताया कि IPL के पहले सीजन में बाउचर ने उन्हें पहचान लिया था और बिना कुछ कहे उनकी कमजोरी पर काम शुरू करवा दिया।
जब बाउचर ने विराट कोहली की कमजोरी पर रखा हाथ
Virat Kohli के अनुसार, IPL 2008 में जब वह शुरुआती दौर में RCB के साथ जुड़े थे, तब बाउचर जैसे अनुभवी खिलाड़ी ने उन्हें गहराई से देखा और तुरंत समझ लिया कि उनकी एक गंभीर कमजोरी है – शॉर्ट बॉल।
“उन्होंने मुझसे कहा कि अगर तुम शॉर्ट बॉल पर काम नहीं करोगे तो तुम्हें इंटरनेशनल क्रिकेट में टिकने नहीं देंगे।” – कोहली ने बताया। बाउचर उन्हें नेट्स पर ले गए और खासतौर पर पुल शॉट पर घंटों मेहनत करवाई। वह सिर्फ आलोचना करने तक सीमित नहीं रहे, उन्होंने गाइड किया, ट्रेन किया और हौसला बढ़ाया।
बाउचर की वो बात जो कोहली को हमेशा याद रही
विराट कोहली ने कहा कि बाउचर ने एक बात कही जो उनके दिल में बस गई – “जब मैं चार साल बाद भारत आऊंगा और कमेंट्री करूंगा, तब मैं तुम्हें भारतीय टीम में देखना चाहता हूं। अगर ऐसा नहीं हुआ तो तुम खुद के साथ धोखा करोगे।”
यही वो मोमेंट था जब विराट कोहली को अपनी जिम्मेदारी का एहसास हुआ और उन्होंने खुद से वादा किया कि अब पीछे मुड़कर नहीं देखेंगे।
अफसोस भरी रात – शाहिद अफरीदी के खिलाफ वह कैच
RCB पॉडकास्ट में कोहली ने 2009 की चैंपियंस ट्रॉफी में खेले गए अपने पहले भारत-पाक मैच का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि उस दिन उन्होंने शाहिद अफरीदी को लॉन्ग ऑफ पर छक्का मारने की कोशिश की, लेकिन कैच आउट हो गए।
उस गलती के बाद विराट कोहली पूरी रात जागते रहे, छत की ओर देखते हुए सोचते रहे कि क्या गलती हुई। “मैं सुबह 5 बजे तक सो नहीं पाया। वह मेरी जिंदगी की सबसे बेचैन रातों में से एक थी।”
इस मैच ने विराट कोहली को क्रिकेट के असली प्रेशर और जिम्मेदारी का एहसास कराया। और यहीं से उनके खेल में एक नया बदलाव शुरू हुआ।
RCB के साथ अटूट रिश्ता
विराट कोहली IPL के पहले सीजन से लेकर आज तक RCB का हिस्सा हैं। वह इस फ्रेंचाइजी से भावनात्मक रूप से इतने जुड़े हुए हैं कि उन्होंने साफ कहा – “जो प्यार मुझे RCB के फैंस से मिला है, वो किसी भी ट्रॉफी या सिल्वरवेयर से कहीं ज्यादा है।”
RCB के साथ विराट का यह रिश्ता सिर्फ खिलाड़ी और टीम तक सीमित नहीं, बल्कि यह एक परिवार और उसके मूल्यों का प्रतिनिधित्व करता है।
मार्क बाउचर: सिर्फ विकेटकीपर नहीं, एक सच्चे मेंटर
मार्क बाउचर ने 2008 से 2010 तक RCB के लिए 27 मैच खेले थे और 388 रन बनाए। उस समय तक विराट कोहली ने इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम भी नहीं रखा था। बाउचर ने एक सीनियर की भूमिका निभाते हुए युवा खिलाड़ियों की सहायता की और उन्हें सिखाया कि सिर्फ प्रतिभा से नहीं, मेहनत और सही दिशा से ही सफलता मिलती है।
कोहली की कहानी – युवाओं के लिए प्रेरणा
यह किस्सा सिर्फ विराट कोहली और मार्क बाउचर की बातचीत नहीं, बल्कि यह हर युवा खिलाड़ी के लिए एक सीख है। यह दिखाता है कि एक सच्चा मेंटर आपके अंदर की कमजोरी को भी ताकत बना सकता है।
विराट कोहली आज जो भी हैं, उसमें उनकी खुद की मेहनत, परिवार का सहयोग और बाउचर जैसे गुरु का आशीर्वाद शामिल है।