नही उपलब्ध हो गई एम्बुलेंस: बिजनौर पुलिस ने बचाई गर्भवती महिला और बच्चे की जान , सराहना
बिजनौर में पुसड़क पर दर्द से कराह रही महिला की पुलिस ने इतनी मदद की, कि लोग पुलिस की वाह-वाह कर रहे हैं। गर्भवती महिला को पुलिस ने इलाज के लिए अपनी जीप से जिला अस्पताल भिजवाया है। पुलिस के इस काम को लेकर अब पुलिस के दोनों सिपाही सहित थाने के कोतवाल की क्षेत्र में सराहना हो रही है।
पीड़ित परिवार वालों का कहना है कि जब सरकारी अस्पताल के एम्बुलेंस संचालक हड़ताल पर थे तो पुलिस उनके सामने फरिश्ता बनकर सामने आई और जच्चा-बच्चा दोनों की जान समय से बचा ली गई।
दरअसल हुआ यूं कि बिजनौर जिले के किरतपुर थाना इलाके के सराय इम्मा गांव की रहने वाली फरहीन गर्भवती थी और उसके बच्चा पैदा होने के लिए दर्द होना शुरू हो गया । फरहीन के परिजन उसको बीती रात में ही किरतपुर सीएचसी में लेकर चले गए।
लेकिन सीएचसी पर मौजूद महिला नर्स ने पीड़ित फरहीन और उसके परिजनों को ये कहकर भेज दिया कि बच्चा ऑपरेशन से होगा। फरहीन को जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। इधर एम्बुलेंस की हड़ताल होने के कारण पीड़ित परिजनों को रात में एम्बुलेंस उपलब्ध नही हो पाई । जिसके कारण फरहीन को उसके परिजन पैदल ही लेकर अपने घर गांव जा रहे थे ।
दर्द से कराह रही पीड़िता जब किरतपुर थाने के सामने से गुजर रही थी। तभी थाने के सामने खड़े दो पुलिस कर्मी संजीव निगम और रजत कुमार अपनी ड्यूटी दे रहे थे । पीड़ित फरहीन के परिजनों ने दोनों सिपाहियों से कहा कि हमारी मदद करो। तुरन्त ही सिपाही संजीव निगम भी एम्बुलेंस चालक को फोन किया, लेकिन चालक ने मना कर दिया।
फिर आनन फानन में सिपाही संजीव निगम ने थाने की गाड़ी से पीड़िता को अपनी गाड़ी से लेकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया और महिला ने सुबह नार्मल तरीके से बच्चे को जन्म दिया। ऐसे में जच्चा और बच्चा दोनो बिल्कुल स्वस्थ है और कुछ ही घण्टो बाद पीड़ित महिला की अस्पताल से छुट्टी भी मिल गयी।
महिला के परिजनों का साफ कहना है कि अगर पुलिस समय से महिला को लेकर अस्पताल न जाती तो जच्चा और बच्चा दोनो की जान जा सकती थी। महिला के परिजन और ग्रामीण पुलिस की जमकर सराहना कर रहे है। पीड़िता फरहीन के परिजनों का तो यह कहना है कि पुलिस हमारे लिए फरिश्ता और मसीहा बनकर आई थी।
यूपी डीजीपी ने भी सिपाही और कोतवाल को प्रस्सति पत्र देने की घोषणा की है। इतना ही नही पुलिस ने पीड़ता फरहीन के घर जाकर भी उसका हाल चाल जाना है। कोतवाल राजकुमार शर्मा और उनकी पूरी टीम ने गांव पहुंच कर जच्चा और बच्चा का हाल जाना है।