खाकी पर दाग: Amroha में दरोगा चला रहा था वसूली गैंग, रेप के फर्जी मुकदमे के डर से कारोबारी से ऐंठे सवा लाख
Amroha जिले से पुलिस महकमे को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है, जहां खाकी वर्दी की आड़ में एक दरोगा वसूली गैंग चला रहा था। गजरौला थाना पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो दुष्कर्म के फर्जी मुकदमे में फंसाने का डर दिखाकर कारोबारियों से मोटी रकम वसूल रहा था।
इस सनसनीखेज Amroha police extortion case में पुलिस ने एक महिला समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जबकि गैंग का मास्टरमाइंड बताया जा रहा दरोगा नितिन कुमार वर्मा और उसका साथी नवीन वर्मा फिलहाल फरार हैं।
एसपी का खुलासा: गैंग में दरोगा, पीआरडी जवान, हिस्ट्रीशीटर और महिला शामिल
अमरोहा के पुलिस अधीक्षक अमित कुमार आनंद ने रविवार शाम इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए बताया कि वसूली गैंग में शामिल लोगों की भूमिका बेहद संगठित और सुनियोजित थी।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में—
एक पीआरडी जवान
दो हिस्ट्रीशीटर अपराधी
एक महिला शामिल है
जबकि हापुड़ जिले में तैनात दरोगा नितिन कुमार वर्मा इस गैंग का सरगना बताया जा रहा है। पुलिस के अनुसार, यह गैंग पुलिसिया रौब और फर्जी केस के डर का इस्तेमाल कर लोगों को ब्लैकमेल करता था।
कारोबारी की शिकायत से खुली पूरी साजिश
इस Amroha police extortion case की परतें तब खुलीं जब गजरौला थाना क्षेत्र के कारोबारी नईम पुत्र अनीस अहमद ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
नईम ने आरोप लगाया कि उसे दुष्कर्म के झूठे मुकदमे में फंसाने, बंधक बनाने और जान से डराने की धमकी देकर 1 लाख 25 हजार रुपये की जबरन वसूली की गई।
पीड़ित के अनुसार, आरोपियों ने पुलिसिया पकड़ और झूठे केस का खौफ दिखाकर उसे पूरी तरह तोड़ दिया और मजबूरन रकम देनी पड़ी।
दोस्ती के नाम पर रची गई साजिश, दरोगा को दी गई पूरी जानकारी
जांच में सामने आया कि पीड़ित नईम, आरोपी नवीन वर्मा का दोस्त था।
नवीन ने ही पूरा प्लान बनाकर दरोगा नितिन कुमार वर्मा को बताया कि किस तरह झूठे रेप केस का डर दिखाकर नईम से पैसे ऐंठे जा सकते हैं।
नईम को फोन कर यह कहकर बुलाया गया कि उसे एक प्लॉट दिखाना है। जैसे ही वह अमरोहा पुलिस लाइन के पास पहुंचा, दरोगा ने उसे जबरन अपनी गाड़ी में बैठा लिया और रेप के फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी देकर सवा लाख रुपये वसूल लिए।
CCTV फुटेज से हुई आरोपियों की पहचान
पीड़ित की शिकायत के बाद गजरौला पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू की।
CCTV फुटेज, कॉल डिटेल और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने गैंग के सदस्यों की पहचान की और कार्रवाई करते हुए—
खालिद (हिस्ट्रीशीटर, निवासी सिंभावली)
दीपक (हिस्ट्रीशीटर, निवासी खेम सिंह कॉलोनी, गजरौला)
लाखन (पीआरडी जवान)
कौशर (महिला, निवासी गांव रझेड़ा)
को गिरफ्तार कर लिया।
दरोगा फरार, गिरफ्तारी के लिए गठित की गई विशेष टीम
इस Amroha police extortion case में सबसे बड़ा सवाल खुद पुलिसकर्मी की संलिप्तता को लेकर खड़ा हुआ है।
फरार चल रहे दरोगा नितिन कुमार वर्मा और उसके सहयोगी नवीन वर्मा की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने अलग-अलग टीमें गठित कर दी हैं।
एसपी अमित कुमार आनंद ने साफ कहा है कि—
“कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। चाहे आरोपी पुलिसकर्मी ही क्यों न हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा।”
खाकी की साख पर सवाल, पुलिस महकमे में मचा हड़कंप
इस मामले के सामने आने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।
एक तरफ जहां आम लोग पुलिस पर भरोसा करते हैं, वहीं इस तरह के मामले खाकी की साख को गहरा नुकसान पहुंचाते हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब रक्षक ही भक्षक बन जाए, तो आम नागरिक कहां जाए।
फर्जी मुकदमों का डर: ब्लैकमेलिंग का खतरनाक तरीका
विशेषज्ञों का मानना है कि दुष्कर्म जैसे गंभीर आरोपों का डर दिखाकर वसूली करना अपराधियों का नया और बेहद खतरनाक तरीका बनता जा रहा है।
इस तरह के मामलों में पीड़ित सामाजिक बदनामी के डर से अक्सर चुप रह जाते हैं, जिसका फायदा ऐसे गैंग उठाते हैं।
आगे की कार्रवाई पर टिकी निगाहें
अब इस Amroha police extortion case में सभी की नजरें फरार दरोगा की गिरफ्तारी पर टिकी हैं।
पुलिस अधिकारियों का दावा है कि जल्द ही दोनों फरार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा और पूरे नेटवर्क की परतें खोली जाएंगी।

