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Bangladesh में वैध देह व्यापार: कानून, सच्चाई और विवादों की पड़ताल

Bangladesh उन कुछ मुस्लिम बहुल देशों में से एक है जहां देह व्यापार को कानूनी मान्यता प्राप्त है। यहाँ कोई भी महिला यदि इस पेशे से जुड़ना चाहती है, तो उसे सरकारी रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इसके अलावा, एक शपथपत्र (एफिडेविट) जमा करना आवश्यक होता है, जिसमें यह लिखा होता है कि वह अपनी इच्छा से इस पेशे में आ रही है और किसी भी प्रकार की जबरदस्ती नहीं हुई है।

2000 में बांग्लादेश की सरकार ने इसे कानूनी दर्जा दिया, ताकि सेक्स वर्कर्स को कुछ हद तक सुरक्षा मिल सके और उनका शोषण कम हो। हालांकि, इसके बावजूद वेश्यावृत्ति से जुड़े कई अपराध और अवैध गतिविधियाँ जारी हैं, जिन पर सरकार का पूरा नियंत्रण नहीं है।

बांग्लादेश के प्रमुख वेश्यालय क्षेत्र

बांग्लादेश में लगभग 2 लाख से अधिक महिलाएँ इस पेशे से जुड़ी हुई हैं। इनमें से सबसे बड़ा वेश्यालय क्षेत्र दौलतदिया है, जहाँ करीब 1,300 से अधिक महिलाएँ देह व्यापार में संलिप्त हैं। यह क्षेत्र सिर्फ बांग्लादेश ही नहीं, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया के सबसे बड़े रेड लाइट इलाकों में से एक माना जाता है।

इसके अलावा, बांग्लादेश के अन्य प्रमुख वेश्यालय क्षेत्रों में फरिदपुर, तंगाइल और चापाई नवाबगंज शामिल हैं। इन इलाकों में बड़ी संख्या में सेक्स वर्कर्स काम करती हैं, जिनमें कई नाबालिग लड़कियाँ भी शामिल होती हैं, जिन्हें जबरदस्ती इस दलदल में धकेल दिया जाता है।

बाल देह व्यापार और तस्करी की बढ़ती समस्या

हालांकि बांग्लादेश में देह व्यापार को कानूनी मान्यता प्राप्त है, लेकिन यहाँ बाल वेश्यावृत्ति और मानव तस्करी एक गंभीर समस्या बनी हुई है। कई गरीब परिवार आर्थिक तंगी के कारण अपनी बेटियों को बेच देते हैं, और कई मामलों में एजेंट (दलाल) शादी का झांसा देकर लड़कियों को फँसाते हैं और फिर उन्हें वेश्यालयों में बेच देते हैं।

एक अनुमान के मुताबिक, बांग्लादेश में लगभग 29,000 से अधिक नाबालिग लड़कियाँ देह व्यापार में फँसी हुई हैं। इनमें से कई को नशीली दवाएँ देकर इस पेशे में झोंक दिया जाता है, ताकि वे भागने या विरोध करने में असमर्थ हो जाएँ।

अन्य देशों में देह व्यापार की कानूनी स्थिति

बांग्लादेश के अलावा, दुनिया के कुछ अन्य देशों में भी देह व्यापार कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त है। हालांकि, हर देश में इसके नियम और शर्तें अलग-अलग हैं।

  • ऑस्ट्रिया: यहाँ सेक्स वर्कर्स को टैक्स भरना पड़ता है, और उन्हें सरकार की ओर से स्वास्थ्य सेवाएँ भी मिलती हैं।
  • नीदरलैंड्स (एम्सटर्डम का रेड लाइट एरिया): यहाँ सेक्स वर्कर्स को कानूनी अधिकार प्राप्त हैं और वे सरकारी निगरानी में काम करती हैं।
  • जर्मनी: 1927 से यहाँ यह पेशा कानूनी है। सेक्स वर्कर्स को पेंशन, बीमा और अन्य सरकारी सुविधाएँ भी मिलती हैं।
  • न्यूजीलैंड: यहाँ 2003 से देह व्यापार को कानूनी मान्यता दी गई है। सेक्स वर्कर्स को बाकी पेशों की तरह सामाजिक सुरक्षा दी जाती है।

भारत में देह व्यापार की स्थिति

भारत में देह व्यापार पर स्थिति बांग्लादेश से अलग है। भारतीय कानून के अनुसार, देह व्यापार अवैध नहीं है, लेकिन इससे जुड़ी कई गतिविधियाँ अपराध की श्रेणी में आती हैं। उदाहरण के लिए, किसी व्यक्ति के लिए सेक्स वर्कर के रूप में काम करना गैरकानूनी नहीं है, लेकिन वेश्यालय चलाना, ग्राहक को बुलाने के लिए दलाली करना, या किसी सार्वजनिक स्थान पर इस काम को अंजाम देना गैरकानूनी है

हालांकि, भारत में कई बड़े रेड लाइट एरिया हैं, जिनमें कोलकाता का सोनागाछी, मुंबई का कमाठीपुरा और दिल्ली का जीबी रोड सबसे प्रमुख हैं। इन इलाकों में हजारों महिलाएँ देह व्यापार में संलिप्त हैं, जिनमें से कई को जबरदस्ती इस पेशे में धकेला गया है।

देह व्यापार को कानूनी मान्यता देने के पक्ष और विपक्ष

कानूनी मान्यता के संभावित फायदे

  1. सेक्स वर्कर्स की सुरक्षा: उन्हें पुलिस और माफियाओं के अत्याचार से सुरक्षा मिल सकती है।
  2. स्वास्थ्य सेवाएँ: सेक्स वर्कर्स के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच संभव होगी, जिससे यौन संचारित रोगों (STD) के प्रसार को कम किया जा सकता है।
  3. आर्थिक सुधार: सरकार को कर (टैक्स) के रूप में अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हो सकता है।
  4. मानव तस्करी पर नियंत्रण: यदि यह व्यवसाय सरकारी निगरानी में होगा, तो बच्चों और महिलाओं की जबरन तस्करी को रोकने में मदद मिलेगी।

कानूनी मान्यता के विरोध में तर्क

  1. नैतिक और सामाजिक प्रभाव: कई लोग इसे समाज के नैतिक ताने-बाने के लिए खतरा मानते हैं।
  2. मानव तस्करी की संभावना: कुछ रिपोर्ट्स बताती हैं कि कानूनी मान्यता मिलने से भी देह व्यापार से जुड़े अवैध नेटवर्क पूरी तरह समाप्त नहीं होते।
  3. परिवारिक और सामाजिक संरचना पर असर: कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इसे वैध कर दिया जाए, तो परिवारिक और सामाजिक मूल्यों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

बांग्लादेश सरकार का नजरिया और भविष्य की संभावनाएँ

बांग्लादेश सरकार देह व्यापार को कानूनी मान्यता देकर इसे रेगुलेट करने की कोशिश कर रही है, लेकिन इसे पूरी तरह से सुरक्षित और शोषण-मुक्त बनाने में अब भी कई चुनौतियाँ हैं। मानव तस्करी और बाल वेश्यावृत्ति की बढ़ती घटनाएँ सरकार के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बनी हुई हैं।

अंतरराष्ट्रीय संगठनों और महिला अधिकार समूहों का कहना है कि बांग्लादेश सरकार को कड़े नियम बनाने चाहिए ताकि नाबालिग लड़कियों को इस धंधे में न धकेला जाए और जबरन वेश्यावृत्ति पूरी तरह से समाप्त की जा सके

बांग्लादेश में देह व्यापार कानूनी है, लेकिन इससे जुड़ी कई सामाजिक और कानूनी समस्याएँ आज भी बनी हुई हैं। सरकार की ओर से इसे रेगुलेट करने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन यह देखना बाकी है कि भविष्य में इस पेशे को लेकर देश की नीति कैसी रहती है।

Shyama Charan Panwar

एस0सी0 पंवार (वरिष्ठ अधिवक्ता) टीम के निदेशक हैं, समाचार और विज्ञापन अनुभाग के लिए जिम्मेदार हैं। पंवार, सी.सी.एस. विश्वविद्यालय (मेरठ)से विज्ञान और कानून में स्नातक हैं. पंवार "पत्रकार पुरम सहकारी आवास समिति लि0" के पूर्व निदेशक हैं। उन्हें पत्रकारिता क्षेत्र में 29 से अधिक वर्षों का अनुभव है। संपर्क ई.मेल- [email protected]

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