Bareilly रेल हादसा: ट्रेन पलटाने की साजिश, 31 किलो लोहे का टुकड़ा और पत्थर ट्रैक पर रखे गए
उत्तर प्रदेश के Bareilly-पीलीभीत रेलखंड पर एक बड़ा हादसा होते-होते बचा। रेलवे ट्रैक पर खतरनाक साजिश के तहत 31 किलो वजनी लोहे का टुकड़ा और पत्थर रखकर ट्रेन पलटाने की कोशिश की गई। गनीमत रही कि एक सतर्क लोको पायलट की तत्परता ने बड़ा हादसा टाल दिया।
साजिश का पूरा घटनाक्रम
दिवनापुर हाल्ट के पास रात 9:18 बजे बरेली से गुजर रही एक मालगाड़ी को अचानक रेलवे ट्रैक पर रुकना पड़ा। लोको पायलट ने देखा कि ट्रैक पर भारी-भरकम लोहे का टुकड़ा और पत्थर के स्लीपर रखे गए थे। जैसे ही इंजन इनसे टकराया, लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक लिया। अगर यह ट्रेन रुकती नहीं, तो पटरी से उतरकर बड़े हादसे का कारण बन सकती थी।
पुलिस और रेलवे की सक्रियता
घटना की सूचना मिलते ही रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी और पुलिस मौके पर पहुंच गई। रेलवे इंजीनियर नेत्रपाल सिंह ने हाफिजगंज थाने में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। रेलवे और पुलिस की टीम अब यह जांच कर रही है कि इस साजिश के पीछे कौन लोग हैं। आसपास के क्षेत्रों में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है और स्थानीय लोगों से पूछताछ भी की जा रही है।
सावधानी से बचा बड़ा हादसा
मालगाड़ी का लोको पायलट इस घटना के असली हीरो हैं। उनकी सतर्कता के चलते एक बड़ा हादसा टल गया। रेलवे प्रशासन ने उनकी कार्रवाई की सराहना की है और इस क्षेत्र में ट्रैक की सुरक्षा को और मजबूत बनाने का निर्णय लिया है।
ऐसी घटनाओं के पीछे की मंशा
यह पहली बार नहीं है जब रेलवे ट्रैक पर इस तरह की साजिश रची गई हो। पिछले कुछ वर्षों में, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में इस तरह की कई घटनाएं सामने आई हैं। ऐसी साजिशें न केवल जान-माल की हानि का कारण बनती हैं, बल्कि यह राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से की जाती हैं।
कुछ अन्य घटनाएं जो चौंकाती हैं
- कानपुर रेल हादसा (2016): 2016 में कानपुर के पास पटना-इंदौर एक्सप्रेस के पटरी से उतरने की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इस हादसे में 150 से ज्यादा लोग मारे गए थे। बाद में यह सामने आया कि यह एक सुनियोजित साजिश थी।
- धनबाद-गोमो रेलखंड: 2020 में झारखंड के धनबाद-गोमो रेलखंड पर एक मालगाड़ी के सामने ट्रैक पर लोहे की रॉड और बोल्डर रख दिए गए थे। गनीमत रही कि ड्राइवर की सतर्कता से हादसा टल गया।
रेलवे सुरक्षा पर सवाल
बार-बार ऐसी घटनाएं यह सवाल खड़ा करती हैं कि आखिर रेलवे सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक क्यों हो रही है। रेलवे ट्रैक की निगरानी के लिए अब तकनीक का सहारा लिया जा रहा है। ड्रोन और आधुनिक सर्विलांस सिस्टम के जरिए रेलवे ट्रैक की निगरानी की जा रही है। इसके बावजूद इस तरह की घटनाएं रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न लगाती हैं।
जनता की जिम्मेदारी
रेलवे केवल सरकारी विभाग नहीं, बल्कि यह हर नागरिक की जिम्मेदारी है। अगर कोई संदिग्ध गतिविधि या ट्रैक पर कुछ असामान्य दिखे, तो इसकी सूचना तुरंत रेलवे अथवा पुलिस को दी जानी चाहिए। यह न केवल जान-माल की सुरक्षा का सवाल है, बल्कि यह पूरे देश की संपत्ति और संरक्षा का मुद्दा है।
सरकार और रेलवे की नई रणनीति
रेलवे बोर्ड ने इस घटना के बाद रेल सुरक्षा को लेकर कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने का निर्णय लिया है। इनमें प्रमुख हैं:
- हर 10 किलोमीटर पर रेलवे ट्रैक की जांच के लिए ड्रोन तैनात करना।
- रेलवे पटरियों के आसपास सुरक्षा गश्त बढ़ाना।
- जनता को रेलवे सुरक्षा के प्रति जागरूक करना।
बरेली-पीलीभीत रेलखंड पर हुई इस घटना ने एक बार फिर रेल सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। यह घटना न केवल रेलवे के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक चेतावनी है। समय रहते उचित कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।