मुस्लिम लीग से सपा की तुलना: CM Yogi के बयान ने उपचुनाव में मचाई हलचल
अलीगढ़ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक जनसभा में अपने तीखे बयानों से सियासी माहौल गरमा दिया। उन्होंने कहा, “1906 में भारत के विभाजन की नींव रखने वाली मुस्लिम लीग की स्थापना अलीगढ़ में हुई थी। अलीगढ़ ने उनके इरादों को तुरंत नकार दिया, लेकिन समाज को सांप्रदायिक आधार पर बांटने के उनके प्रयास सफल हो गए।” CM Yogi ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए समाजवादी पार्टी की तुलना सीधे मुस्लिम लीग से कर दी। उन्होंने जनता को आगाह किया कि सपा के इरादे भी वैसा ही नुकसान पहुंचा सकते हैं जैसा मुस्लिम लीग ने कभी किया था।
समाजवादी पार्टी पर सीधा हमला
CM Yogi ने समाजवादी पार्टी और उनके अध्यक्ष अखिलेश यादव पर सीधा निशाना साधा। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “कुछ लोगों की प्रवृत्ति होती है, जो जिंदगी भर उनके साथ जुड़ी रहती है। बबुआ (अखिलेश यादव) अभी बालिग नहीं हुआ है और इसलिए कभी-कभी ऐसा काम कर देता है, जिससे मैनपुरी वालों के सामने भी संकट खड़ा हो जाता है।”
सपा कार्यकर्ताओं की लाल टोपी पर भी योगी ने करारा हमला किया। उन्होंने इसे काले कारनामों का प्रतीक बताते हुए कहा, “लाल टोपी-काले कारनामे को पनपने मत दीजिए। यह लोग षड्यंत्र कर रहे हैं और उत्तर प्रदेश को फिर से अराजकता के दौर में धकेलना चाहते हैं।”
बीजेपी के लिए प्रचार, सपा पर लगातार निशाना
रैली के बाद सीएम योगी ने गाजियाबाद विधानसभा उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार संजीव शर्मा के समर्थन में रोड शो किया। 20 नवंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए भाजपा के इस रोड शो ने पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने का काम किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सपा का आचरण पार्टी के संस्थापक दिवंगत मुलायम सिंह यादव की विचारधारा के खिलाफ है। उन्होंने अखिलेश यादव पर कटाक्ष करते हुए कहा, “मुलायम सिंह यादव ने एक विचारधारा के तहत पार्टी बनाई थी, लेकिन आज उनके बेटे और पार्टी अध्यक्ष ने पार्टी को अपने निजी स्वार्थों के लिए बर्बाद कर दिया है।”
उपचुनाव में कड़ी टक्कर की तैयारी
उत्तर प्रदेश में फूलपुर, गाजियाबाद, मझवां, खैर, मीरापुर, सीसामऊ, कटेहरी, करहल और कुंदरकी विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को उपचुनाव होंगे। 23 नवंबर को मतगणना होगी। इन नौ सीटों के नतीजे यह तय करेंगे कि भाजपा और सपा के बीच राजनीतिक संघर्ष कहां तक जाएगा।
मुस्लिम लीग और सपा की तुलना: राजनैतिक विश्लेषण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुस्लिम लीग का जिक्र कर न सिर्फ सपा को निशाने पर लिया, बल्कि भारतीय राजनीति में ऐतिहासिक संदर्भ जोड़कर जनता को सचेत करने की कोशिश की। मुस्लिम लीग के 1906 में अलीगढ़ में गठन और 1947 में भारत के विभाजन तक की राजनीति ने देश पर गहरा असर डाला।
योगी का दावा है कि समाजवादी पार्टी भी समाज को बांटने की वही रणनीति अपनाने की कोशिश कर रही है। विश्लेषकों का मानना है कि योगी का यह बयान आगामी चुनावों के लिए भाजपा की हिंदुत्व आधारित राजनीति को मजबूत करने का प्रयास है।
अखिलेश यादव और सपा की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री के इस बयान पर समाजवादी पार्टी की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई है। सपा नेताओं ने योगी आदित्यनाथ पर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा केवल सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति करती है और विकास के मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए ऐसे बयान दिए जा रहे हैं।
सीएम योगी की अपील और जनता का संदेश
CM Yogi ने जनता से अपील की कि वे ऐसी ताकतों को सत्ता में न आने दें जो उत्तर प्रदेश को फिर से अपराध और अराजकता के दौर में ले जाएं। उनका दावा है कि भाजपा ने प्रदेश को विकास और सुशासन के पथ पर आगे बढ़ाया है, और उपचुनाव में भाजपा को वोट देकर इस विकास को बनाए रखना चाहिए।
क्या होगा उपचुनाव का असर?
उत्तर प्रदेश के इस उपचुनाव में भाजपा और सपा के बीच सीधी टक्कर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तीखे बयान और उनके रोड शो ने भाजपा के कार्यकर्ताओं में उत्साह भर दिया है। वहीं, सपा और अन्य विपक्षी दलों ने भाजपा पर तीखे हमले किए हैं।
सीएम योगी का बयान और मुस्लिम लीग से सपा की तुलना न सिर्फ राजनीतिक रणनीति है बल्कि आगामी चुनावों में भाजपा के लिए लाभ उठाने का एक प्रयास भी है। अब देखना होगा कि जनता किसके पक्ष में अपना निर्णय देती है। 20 नवंबर को मतदान और 23 नवंबर को मतगणना के नतीजे इस सियासी लड़ाई की दिशा तय करेंगे।