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Bihar: शिक्षा में चुनौतियों से लेकर तकनीक तक के अनुभव- एक नव नियोजित शिक्षिका अमृता शर्मा के साथ संवाद

Bihar में शिक्षा क्षेत्र में कई बदलाव हो रहे हैं, और इनमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हैं उन शिक्षक-शिक्षिकाओं की जो अपने ज्ञान और अनुभव से बच्चों के भविष्य को संवारने का काम कर रहे हैं। ऐसे ही एक शिक्षिका हैं अमृता शर्मा, जिनका समर्पण और शिक्षण के प्रति जुनून हर किसी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। हाल ही में डॉ. वेद प्रकाश ने अमृता शर्मा से उनके अनुभवों, शिक्षण शैली और शिक्षा में वर्तमान चुनौतियों पर विस्तार से बातचीत की। यह बातचीत न केवल उनके व्यक्तिगत अनुभवों को उजागर करती है, बल्कि यह बिहार में शिक्षा की वर्तमान स्थिति को भी दर्शाती है।

1. आपकी शैक्षिक योग्यता क्या है?

“मैंने अपनी शिक्षा एम.एस.सी और बी.एड से पूरी की है, और मेरा विशेष विषय जूलॉजी है,” अमृता शर्मा ने गर्व से बताया। उनका कहना था कि विज्ञान के प्रति उनका प्रेम उन्हें हमेशा से ही इस क्षेत्र की ओर खींचता रहा है।

2. क्या आप अन्य विषयों से भी लगाव रखती हैं?

“हां, मुझे भूगोल और मनोविज्ञान से भी खासा लगाव है। हालांकि, मेरे विषय के रूप में मैंने जूलॉजी चुना है, लेकिन मनोविज्ञान में मेरी रुचि भी गहरी है। मैं मानती हूं कि किसी भी इंसान की मनोदशा को समझना, उनकी भावनाओं और सोच को जानना एक शिक्षिका के लिए बहुत जरूरी है।”

3. आपके पास कितना अनुभव है?

“मैं एक साइंस की टीचर हूं और पिछले कुछ वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मैं अपनी ट्रेनिंग और सरकार द्वारा दिए गए विशेष कार्यशालाओं का भी उपयोग करती हूं ताकि बच्चों को बेहतर तरीके से शिक्षित कर सकूं।”

4. आपने किन विषयों में विशेषज्ञता हासिल की है?

“मेरी विशेषज्ञता जूलॉजी और विज्ञान के अन्य क्षेत्रों में है।”

5. आपकी शिक्षण शैली क्या है?

“मेरी शिक्षण शैली छात्रों के साथ संवाद और सहभागिता पर आधारित है। मैं उन्हें समूह चर्चा और प्रोजेक्ट-आधारित शिक्षण के माध्यम से सीखने के लिए प्रोत्साहित करती हूं।”

6. आपके शिक्षक दर्शन क्या हैं?

“एक शिक्षक का सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य है कि वह अपनी शिक्षा को छात्रों तक प्रभावी ढंग से पहुंचा सके। जो शिक्षक अपने ज्ञान को छात्रों तक नहीं पहुंचा सकता, वह शिक्षक के नाम पर एक कलंक है।”

7. आप अपने छात्रों से क्या उम्मीदें रखती हैं?

“मैं उम्मीद करती हूं कि मेरे बच्चे जो कुछ भी सीखें, उसका उपयोग सही समय पर करें और अपने जीवन में ऊंचाइयों तक पहुंचें। मैं चाहती हूं कि वे ऐसे नागरिक बनें, जो समाज में योगदान दे सकें।”

8. आपके अनुसार एक अच्छे शिक्षक के क्या गुण होने चाहिए?

“एक अच्छे शिक्षक में दो प्रमुख गुण होना चाहिए – व्यक्तिगत गुण और शैक्षणिक गुण।”

9. व्यक्तिगत और शैक्षणिक गुणों पर विस्तार से बताएं।

व्यक्तिगत गुण:

  • सहानुभूति और करुणा: छात्रों की भावनाओं को समझने की क्षमता।
  • धैर्य और सहनशीलता: छात्रों को धैर्य से समझाना।
  • निष्पक्षता और समानता: सभी छात्रों को समान दृष्टि से देखना।

शैक्षणिक गुण:

  • विषय की जानकारी: अपने विषय में गहरी जानकारी।
  • स्पष्ट और प्रभावी शिक्षण: विषय को प्रभावी ढंग से समझाना।
  • प्रगति का मूल्यांकन: छात्रों की प्रगति पर नजर रखना और उनकी सहायता करना।

10. आप कौन सी शिक्षण पद्धतियों का उपयोग करती हैं?

“मैं समूह चर्चा, प्रोजेक्ट-आधारित सीखने, और व्यावहारिक अनुभव को अपनाती हूं। डिजिटल टूल्स और ऑनलाइन संसाधनों का भी उपयोग करती हूं ताकि छात्रों को एक इंटरैक्टिव अनुभव मिल सके।”

11. आप तकनीक का उपयोग कैसे करती हैं?

“मैं व्हाट्सएप और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से छात्रों से जुड़ने की कोशिश करती हूं। स्कूलों में प्रोजेक्टर का उपयोग भी करती हूं ताकि छात्रों को बेहतर समझ मिल सके।”

12. क्या आप प्रैक्टिकल गतिविधियों का भी आयोजन करती हैं?

“बिल्कुल, मैं विज्ञान प्रयोग, रोबोटिक्स, चित्रकला और अन्य व्यावहारिक गतिविधियों को शामिल करती हूं। इससे छात्रों की रुचि और सीखने की प्रक्रिया में सुधार होता है।”

13. तकनीक की कमी वाले स्कूलों में आप बच्चों को कैसे पढ़ाती हैं?

“जब तकनीक की कमी हो, तो मैं प्रयोगशाला प्रयोगों, चित्रों और मॉडल का उपयोग करती हूं। कभी-कभी कहानी और नाटक के माध्यम से भी छात्रों को शिक्षित करती हूं।”

14. शिक्षण में तकनीक का क्या महत्व है?

“तकनीक शिक्षा को रोचक और प्रभावी बनाती है। यह छात्रों की रुचि बढ़ाती है और उनकी समझ को बेहतर बनाती है।”

15. शिक्षा विभाग में सरकार की तरफ से क्या कमी नजर आती है?

“तकनीकी संसाधनों की कमी, इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या और तकनीकी समर्थन की कमी जैसी चुनौतियां हैं।”

16. आप अपने छात्रों के साथ कैसा संबंध बनाती हैं?

“मैं अपने छात्रों के साथ एक सकारात्मक और सहायक संबंध बनाए रखने की कोशिश करती हूं।”

17. आप छात्रों की समस्याओं का समाधान कैसे करती हैं?

“मैं उनकी समस्याओं को समझती हूं, उनकी बातों को सुनती हूं और मिलकर समाधान खोजने का प्रयास करती हूं।”

18. आपके अनुसार छात्रों के साथ संबंध बनाने का महत्व क्या है?

“रिश्तों की गहरी समझ से छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ता है और वे बेहतर तरीके से सीख सकते हैं।”

19. आपकी भविष्य की योजनाएं क्या हैं?

“मैं नए शिक्षण तरीकों को अपनाकर अपने छात्रों को और बेहतर शिक्षा देना चाहती हूं।”

20. क्या आपके परिवार आपके इस नौकरी से खुश हैं?

“हमारे परिवार के लिए यह नौकरी बहुत मायने रखती है, लेकिन घर से दूर रहने की चुनौती भी बड़ी है।”

21. घर से दूर जॉइनिंग का अनुभव कैसा है?

“यह चुनौतीपूर्ण है, लेकिन मैं अपने परिवार और नौकरी के बीच संतुलन बनाए रखने की कोशिश करती हूं।”

22. महिला शिक्षकों के बारे में क्या कहना चाहेंगी?

“सरकार को महिला शिक्षकों के परिवार की स्थिति को ध्यान में रखते हुए उनके स्थानांतरण की नीति में सुधार करना चाहिए।”

23. क्या किताबी शिक्षा से ज्यादा जरूरी व्यवहारिक शिक्षा है?

“जी हां, व्यवहारिक शिक्षा छात्रों को जीवन के वास्तविक मुद्दों का सामना करने के लिए तैयार करती है।”

24. क्या बच्चों को शिक्षित नहीं बल्कि संस्कारी बनाना ज्यादा जरूरी है?

“मैं मानती हूं कि संस्कार बच्चों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह उन्हें अच्छे नागरिक बनाने में मदद करता है।”

अमृता शर्मा का यह अनुभव न केवल उनके अपने करियर की कहानी बताता है, बल्कि बिहार के शिक्षा क्षेत्र में सुधार और नवाचार की दिशा में भी एक प्रेरणा है। उनके विचार और दृष्टिकोण यह दर्शाते हैं कि यदि शिक्षकों को उचित समर्थन और संसाधन मिलें, तो वे न केवल छात्रों को पढ़ाने में सक्षम हो सकते हैं, बल्कि उन्हें एक मजबूत और सफल भविष्य के लिए तैयार भी कर सकते हैं। उनके योगदान से हमें यह समझने का अवसर मिलता है कि शिक्षा का महत्व केवल पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं है, बल्कि यह छात्रों के समग्र विकास और उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण साधन है।

Dr. Ved Prakash

डा0 वेद प्रकाश विश्वप्रसिद्ध इलेक्ट्रो होमियोपैथी (MD), के साथ साथ प्राकृतिक एवं घरेलू चिकित्सक के रूप में जाने जाते हैं। जन सामान्य की भाषा में स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी को घर घर पहुँचा रही "समस्या आपकी- समाधान मेरा" , "रसोई चिकित्सा वर्कशाप" , "बिना दवाई के इलाज संभव है" जैसे दर्जनों व्हाट्सएप ग्रुप Dr. Ved Prakash की एक अनूठी पहल हैं। इन्होंने रात्रि 9:00 से 10:00 के बीच का जो समय रखा है वह बाहरी रोगियों की नि:शुल्क चिकित्सा परामर्श के लिए रखा है । इनका मोबाइल नंबर है- 8709871868/8051556455

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