उत्तर प्रदेश

Meerut मवाना रोड पर हंगामा: रालोद जिलाध्यक्ष मतलूब गौड़ के भाइयों की रिहाई पर निकला जुलूस, भीड़ पर पुलिस का एक्शन

Meerut जिले में सोमवार की शाम उस समय तनावपूर्ण माहौल पैदा हो गया जब रालोद जिलाध्यक्ष मतलूब गौड़ के भाइयों की रिहाई के बाद उनके समर्थकों ने कस्बे में जुलूस निकाल दिया।
जुलूस में शामिल लोग दर्जनों गाड़ियों के काफिले के साथ निकलकर मवाना रोड की ओर बढ़े। भारी भीड़, नारेबाजी और आतिशबाजी के कारण सड़क पर लंबा जाम लग गया।

Matloob Gaud case से जुड़े इस कार्यक्रम ने कुछ ही देर में पूरे इलाके का माहौल गर्म कर दिया, जिसका वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
सूचना पाते ही पुलिस-प्रशासन हरकत में आया और जुलूस को खत्म कराने के लिए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया।


दो दशकों से चल रहा है तनाव—मतलूब गौड़ और पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर के बीच राजनीतिक खींचतान गहरी

इस विवाद की पृष्ठभूमि लगभग दो दशक पुरानी है, जब रालोद नेता मतलूब गौड़ और प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री व विधायक शाहिद मंजूर के बीच राजनीतिक प्रतिस्पर्धा खुलकर सामने आई थी।

साल 2003 में शाहिद मंजूर पर जानलेवा हमला होने के बाद स्थिति और तनावपूर्ण हो गई।
मामले में मतलूब गौड़ के भाइयों—

  • फारूख

  • नन्नो

  • नदीम

  • कलवा

  • मारूफ

  • सलीम

पर आरोप लगा और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
इसके बाद कोर्ट ने उन्हें 6–6 वर्ष की सजा सुनाई थी।


सजा के दौरान नन्नो की मौत, सलीम पहले रिहा—अब चार और भाई जेल से बाहर आए

समय के साथ यह मामला कानूनी रूप से लगातार चर्चा में बना रहा।
सजा काटते हुए—

  • नन्नो की मौत हो गई,
    जबकि

  • सलीम 6 नवंबर को जेल से रिहा हो चुका था।

सोमवार को जैसे ही फारूख, कलवा, मारूफ और नईम सजा पूरी कर जेल से बाहर आए, उनके समर्थकों में उत्साह उमड़ पड़ा।
रिहाई को “जीत” की तरह मनाते हुए समर्थकों ने पूरे इलाके में शोर-शराबे और भारी भीड़ के साथ शक्ति प्रदर्शन जैसा माहौल बना दिया।


दर्जनों वाहनों का काफिला, तेज नारेबाजी और आतिशबाजी—जाम से परेशान हुए लोग

जैसे ही समर्थकों का काफिला मवाना रोड पर पहुंचा, जुलूस ने मुख्य मार्ग को पूरी तरह घेर लिया।
लोग—

  • गाड़ियों की छतों पर खड़े होकर नारे लगा रहे थे

  • कई जगह आतिशबाजी की गई

  • ट्रैफिक लगभग आधे घंटे तक ठप पड़ गया

मौके पर मौजूद स्थानीय लोग बताते हैं कि सड़क पर ऐसा माहौल बन गया था मानो किसी बड़े राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन की तैयारी हो।

हालांकि यह जुलूस बिना अनुमति के निकाला गया था, जिसके कारण पुलिस-प्रशासन ने काफी गंभीरता से कार्रवाई की।


जुलूस का वीडियो वायरल—प्रशासन तुरंत हरकत में आया, कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची

जुलूस का वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड होते ही विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर वायरल होने लगा।
संवेदनशील राजनीतिक इतिहास को देखते हुए प्रशासन सतर्क हो गया।
मौके पर—

  • एसपी देहात

  • स्थानीय पुलिस

  • आसपास के थानों की टीमें

तेजी से पहुंचीं।
पुलिस अधिकारियों ने पहले समझाने की कोशिश की, लेकिन जब भीड़ नहीं मानी तो बल प्रयोग करते हुए लोगों को दौड़ाकर जुलूस खत्म कराया गया।

कुछ लोगों को मौके से हिरासत में भी लिया गया, ताकि माहौल फिर से न बिगड़े।


CO प्रमोद कुमार का बयान—वीडियो फुटेज से पहचान, जल्द होगी कार्रवाई

मौके का जायजा लेने के बाद सीओ प्रमोद कुमार ने साफ कहा कि—
“जुलूस निकालने वालों की पहचान वीडियो के आधार पर की जा रही है। किसी भी व्यक्ति को कानून तोड़ने नहीं दिया जाएगा। जल्द ही सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”

इस बयान से यह स्पष्ट है कि प्रशासन इस घटना को हल्के में नहीं ले रहा है और आगे और सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।


राजनीतिक तापमान एक बार फिर बढ़ा—कस्बे में चर्चा, क्या लौटेगा पुराना विवाद?

इस घटना के बाद कस्बे में एक बार फिर यह चर्चा तेज हो गई है कि Matloob Gaud case का पुराना तनाव दोबारा सिर उठा सकता है।
शाहिद मंजूर और मतलूब गौड़ के बीच लंबे समय से चली आ रही राजनीतिक खींचतान अब फिर सुर्खियों में है।

स्थानीय लोगों में इस बात को लेकर चिंता है कि जुलूस और हिंसक नारेबाजी जैसे दृश्य भविष्य में स्थिति को और जटिल न बना दें।
हालांकि पुलिस फिलहाल पूरी तरह सतर्क है और क्षेत्र में निगरानी बढ़ा दी गई है।


Meerut में सामने आई यह पूरी घटना न सिर्फ पुराने राजनीतिक विवादों की परतें फिर उघाड़ती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि ‘Matloob Gaud case’ अब भी स्थानीय राजनीति में कितना गहरा असर रखता है। समर्थकों का जुलूस, वायरल वीडियो, और पुलिस की त्वरित कार्रवाई—इन सभी ने हालात को गंभीर मोड़ पर ला दिया है। प्रशासन की सतर्कता और जांच की रफ्तार से अब यह साफ है कि आने वाले दिनों में इस प्रकरण पर और कड़े कदम देखने को मिल सकते हैं।

 

News-Desk

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