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Chhattisgarh में रेल क्रांति! 18,658 करोड़ की मेगा रेलवे परियोजना, 47 लाख लोगों की जिंदगी बदलने वाला फैसला

केंद्र सरकार ने Chhattisgarh, महाराष्ट्र और ओडिशा में रेलवे कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 18,658 करोड़ रुपये की लागत वाली चार मल्टी-ट्रैकिंग रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय इन राज्यों के 15 जिलों में रेलवे के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा और लाखों लोगों की यात्रा को आसान बनाएगा।

क्या है पूरा प्लान?

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने शुक्रवार (4 अप्रैल, 2025) को इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखाई। इसके तहत भारतीय रेलवे के नेटवर्क में 1,247 किलोमीटर की वृद्धि होगी, जिससे 3,350 गांवों को कनेक्टिविटी मिलेगी। इन गांवों की कुल आबादी लगभग 47.25 लाख है, जो अब तक बेहतर रेल सुविधाओं से वंचित थे।

केंद्रीय रेल मंत्री ने बताया कि इस प्रोजेक्ट में 21 नए स्टेशन, 48 पुल, 349 छोटे पुल और 5 रेल फ्लाईओवर शामिल होंगे। इसके अलावा, 8 नई मेल/एक्सप्रेस और सेमी-हाई स्पीड ट्रेनें भी चलाई जाएंगी, जिससे यात्रियों को तेज और आरामदायक सफर का अनुभव मिलेगा।

छत्तीसगढ़ में क्या बदलेगा?

Chhattisgarh के लिए यह परियोजना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां भीड़भाड़ वाले रेल मार्गों पर दबाव कम करने की जरूरत थी। प्रमुख परियोजनाओं में शामिल हैं:

  • संबलपुर-जरापाड़ा तीसरी और चौथी लाइन
  • झारसुगुड़ा-सासन तीसरी और चौथी लाइन
  • खरसिया-नया रायपुर-परमलकासा पांचवीं और छठी लाइन
  • गोंदिया-बल्हारशाह रेल लाइन का दोहरीकरण

इन परियोजनाओं से 21-38 मिलियन टन अतिरिक्त माल ढुलाई की क्षमता बढ़ेगी, जिससे राज्य के आर्थिक विकास को गति मिलेगी।

महाराष्ट्र और ओडिशा में भी बड़ा बदलाव

  • महाराष्ट्र: इगतपुरी-मनमाड रेल लाइन के विस्तार से मुंबई और उत्तर भारत के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी।
  • ओडिशा: बिलासपुर-झारसुगुड़ा दूसरी लाइन से कोयला परिवहन सुगम होगा, जो ऊर्जा क्षेत्र के लिए बड़ी राहत होगी।

PM मोदी ने क्या कहा?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस निर्णय को “देश के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम” बताया। उन्होंने कहा कि यह परियोजना न केवल यात्रियों को सुविधा प्रदान करेगी, बल्कि आपूर्ति श्रृंखला को भी मजबूत करेगी।

कब तक पूरा होगा प्रोजेक्ट?

सरकार का लक्ष्य है कि ये सभी परियोजनाएं 2030-31 तक पूरी हो जाएं। इस दौरान रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।

यह परियोजना न केवल रेलवे के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगी, बल्कि लाखों लोगों की जीवनशैली में सुधार लाएगी। छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और ओडिशा के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है, जो आने वाले वर्षों में इन राज्यों के विकास को नई दिशा देगी।

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