Taiwan के समुद्री संचार केबल पर चीनी जहाज की संदिग्ध तोड़फोड़: क्षेत्रीय सुरक्षा पर गंभीर सवाल
Taiwan के तटरक्षक बल ने हाल ही में एक मालवाहक जहाज ‘होंग ताई’ और उसके चीनी चालक दल को समुद्र के नीचे बिछे संचार केबल को जानबूझकर नुकसान पहुंचाने के संदेह में हिरासत में लिया है। यह घटना ताइवान के पश्चिमी तट के पास स्थित पेंघू द्वीपसमूह के निकट हुई, जहां केबल को काटे जाने की सूचना मिली थी। ताइवान की केंद्रीय समाचार एजेंसी (CNA) के अनुसार, यह जहाज 22 फरवरी से केबल के पास मंडरा रहा था।
चीनी जहाज की संदिग्ध गतिविधियाँ:
होंग ताई, जो टोगो के झंडे के तहत पंजीकृत है, पर चीनी चालक दल सवार था। ताइवान के अधिकारियों ने बताया कि यह जहाज कई दिनों से केबल क्षेत्र के आसपास मंडरा रहा था और तटरक्षक बल के सात बार के रेडियो संदेशों का जवाब नहीं दिया। इसके बाद, तटरक्षक बल ने जहाज पर चढ़ाई की और उसे ताइनान शहर के एक बंदरगाह पर ले गए। जहाज पर आठ चीनी नागरिक सवार थे, जिन्हें हिरासत में लिया गया है।
ताइवान की प्रतिक्रिया और सुरक्षा चिंताएँ:
Taiwan के राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता ली वेन ने कहा कि हाल ही में केबल कनेक्शन में खराबी के लिए चीनी कम्युनिस्ट पार्टी जिम्मेदार हो सकती है। ताइवान के तटरक्षक बल ने इस घटना को राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामला मानते हुए जांच शुरू की है। हालांकि, पेंघू द्वीपसमूह के निवासियों पर इस घटना का तत्काल प्रभाव नहीं पड़ा है, क्योंकि बैकअप सिस्टम के माध्यम से संचार बनाए रखा गया है। केबल की मरम्मत मई तक पूरी होने की उम्मीद है।
चीन की प्रतिक्रिया:
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने इस घटना के बारे में कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है और यह कूटनीतिक मुद्दा नहीं है। हालांकि, ताइवान के अधिकारियों ने इस घटना को चीन की ‘ग्रे ज़ोन’ रणनीति का हिस्सा माना है, जो युद्ध की सीमा से नीचे के दबाव या विध्वंसक कार्यों को संदर्भित करता है।
पिछली घटनाएँ और वैश्विक संदर्भ:
यह पहली बार नहीं है जब ताइवान के समुद्री संचार केबलों को नुकसान पहुंचाया गया है। जनवरी 2025 में, एक चीनी स्वामित्व वाले जहाज ‘शुनक्सिंग 39’ पर भी इसी तरह के आरोप लगे थे, जब उसने कीलुंग बंदरगाह के पास एक अंडरसी केबल को नुकसान पहुंचाया था। यह घटनाएँ यूरोप के बाल्टिक सागर में हुई उन घटनाओं से मिलती-जुलती हैं, जहां संदिग्ध तोड़फोड़ के कारण समुद्री केबलों को नुकसान पहुंचा था। नाटो ने इन घटनाओं में रूस की ‘शैडो फ्लीट’ की संभावित संलिप्तता पर संदेह जताया था।
ताइवान की सुरक्षा रणनीति:
इन घटनाओं के मद्देनजर, ताइवान ने अपनी समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं। तटरक्षक बल ने संदिग्ध जहाजों की निगरानी बढ़ा दी है और समुद्री संचार केबलों की सुरक्षा के लिए नए प्रोटोकॉल लागू किए हैं। इसके अलावा, ताइवान के डिजिटल मंत्रालय ने बैकअप संचार के लिए लो-अर्थ ऑर्बिट सैटेलाइट्स की स्थापना की योजना बनाई है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से निपटा जा सके।
क्षेत्रीय तनाव और भविष्य की दिशा:
ताइवान और चीन के बीच बढ़ते तनाव के बीच, इस घटना ने क्षेत्रीय सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। ताइवान की सरकार ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थन की अपील की है और समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया है। वहीं, चीन ने ताइवान के आरोपों को खारिज करते हुए उन्हें राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया है।
समुद्री संचार केबलों की सुरक्षा न केवल ताइवान के लिए, बल्कि वैश्विक संचार और व्यापार के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस घटना ने समुद्री सुरक्षा, क्षेत्रीय स्थिरता और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता को फिर से उजागर किया है। ताइवान और चीन के बीच बढ़ते तनाव के बीच, अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके और क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनी रहे।