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Qatar Airways में मौत का सफर: ऑस्ट्रेलियाई कपल के लिए 14 घंटे की फ्लाइट बनी डरावना अनुभव

Qatar Airways की मेलबर्न से दोहा जा रही फ्लाइट QR-905 में सफर कर रहे ऑस्ट्रेलियाई कपल मिशेल रिंग और जेनिफर कॉलिन के लिए यह सफर किसी बुरे सपने से कम नहीं था। उन्हें उम्मीद थी कि यह 14 घंटे की उड़ान एक सामान्य यात्रा होगी, लेकिन वे नहीं जानते थे कि उनके ठीक बगल में एक ऐसी घटना घटने वाली है जो उनकी ज़िंदगी भर की यादों में सबसे भयावह बन जाएगी।

मध्य उड़ान में हुई मौत, लेकिन यात्रा जारी रही

यह दर्दनाक घटना तब हुई जब फ्लाइट के दौरान एक महिला यात्री की अचानक तबीयत बिगड़ गई और कुछ ही मिनटों बाद उसकी मौत हो गई। मिशेल रिंग ने बताया कि जैसे ही क्रू को इस बात की जानकारी मिली, उन्होंने पहले महिला को बिजनेस क्लास में ले जाने की कोशिश की, लेकिन उसका वजन ज्यादा होने के कारण ऐसा संभव नहीं हो पाया। इसके बाद, शव को उनकी सीट पर ही बैठा दिया गया और ऊपर से एक कंबल डाल दिया गया।

रिंग ने कहा, “वे (क्रू) काफी परेशान और असमंजस में लग रहे थे। मुझे एक दूसरी सीट पर शिफ्ट कर दिया गया, और मेरे पीछे बैठी महिला को मेरी पुरानी सीट पर रख दिया गया। कंबल डालकर उसे ढक दिया गया, लेकिन हम जानते थे कि वह अब इस दुनिया में नहीं रही।”

कई घंटे शव के साथ बैठने को मजबूर

इस घटना के बाद कपल को उम्मीद थी कि क्रू किसी तरह इस स्थिति को हल करेगा, लेकिन उनके लिए सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि उन्हें शव के बगल में ही बैठाए रखा गया। मिशेल और जेनिफर ने दावा किया कि फ्लाइट में कई खाली सीटें थीं, लेकिन फिर भी उन्हें शव के पास से हटाया नहीं गया।

जेनिफर कॉलिन ने बताया, “मुझे वैसे भी फ्लाइट का डर रहता है, और इस घटना ने मुझे और भी ज्यादा डरा दिया। चार घंटे तक शव के पास बैठना एक असहनीय स्थिति थी। हमें यह भी नहीं बताया गया कि हमें क्या करना चाहिए, बस कहा गया कि वहीं बैठे रहें।”

लैंडिंग के बाद भी जारी रहा डरावना अनुभव

जब फ्लाइट ने दोहा में लैंड किया, तब भी मिशेल को वहीं बैठने के लिए कहा गया, जब तक कि मेडिकल स्टाफ और पुलिस नहीं आ गई। जब अधिकारियों ने कंबल हटाया, तो मिशेल ने जो देखा, उसने उन्हें झकझोर कर रख दिया।

“वह नजारा बहुत ही असहज और डरावना था। यह मेरी ज़िंदगी का सबसे खराब अनुभव था,” मिशेल ने कहा।

कतर एयरवेज की सफाई और यात्रियों की शिकायतें

घटना के बाद कतर एयरवेज ने एक आधिकारिक बयान जारी किया जिसमें कहा गया, “हम इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना से दुखी हैं और मृतक के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं। हम किसी भी असुविधा या परेशानी के लिए माफी मांगते हैं।”

लेकिन इस बयान से मिशेल और जेनिफर संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि एयरलाइन ने उनसे अब तक संपर्क नहीं किया और न ही किसी तरह की सहायता प्रदान की।

एयरलाइनों में मौत के मामलों को कैसे संभाला जाता है?

फ्लाइट में किसी यात्री की मौत होना दुर्लभ है, लेकिन ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। आमतौर पर, एयरलाइंस के पास इस तरह की स्थितियों को संभालने के लिए विशेष प्रोटोकॉल होते हैं। कुछ प्रमुख प्रक्रियाएं इस प्रकार हैं:

  1. सीपीआर (CPR) और मेडिकल इमरजेंसी प्रोटोकॉल – क्रू द्वारा यात्री को बचाने के लिए सभी संभव प्रयास किए जाते हैं।
  2. मेडिकल स्टाफ से संपर्क – फ्लाइट के दौरान किसी डॉक्टर की सहायता ली जाती है।
  3. शव को अलग स्थान पर ले जाना – अगर संभव हो तो, शव को अलग केबिन या खाली सीटों पर शिफ्ट किया जाता है।
  4. लैंडिंग के बाद मेडिकल जांच – लैंडिंग के तुरंत बाद स्थानीय मेडिकल टीम और पुलिस मामले की जांच करती है।

पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं

यह पहली बार नहीं है जब किसी फ्लाइट में यात्री की मौत हुई हो। ऐसे ही कुछ अन्य मामलों पर नजर डालें:

  • 2023 में, एक ब्रिटिश एयरवेज की फ्लाइट में न्यूयॉर्क से लंदन जा रहे एक यात्री की मौत हो गई थी। शव को सीट पर ही छोड़ दिया गया था, और यात्रियों को शव के बगल में बैठने के लिए मजबूर किया गया था।
  • 2016 में, सऊदी एयरलाइंस की फ्लाइट में एक वृद्ध यात्री की मौत हो गई, और उन्हें कंबल से ढककर सीट बेल्ट बांध दिया गया था।
  • 2014 में, सिंगापुर एयरलाइंस की एक उड़ान में यात्री की मृत्यु के बाद, शव को पूरी यात्रा के दौरान इकॉनमी क्लास में ही रखा गया।

क्या एयरलाइंस को इस तरह की स्थितियों को बेहतर ढंग से संभालने की जरूरत है?

मिशेल और जेनिफर का मानना है कि ऐसी घटनाओं के लिए एयरलाइंस को बेहतर प्लानिंग और संवेदनशीलता दिखाने की जरूरत है।

“हम समझते हैं कि फ्लाइट के बीच में लाश को कहीं और ले जाना आसान नहीं होता, लेकिन एयरलाइंस को यात्रियों की भावनाओं का भी ध्यान रखना चाहिए। कम से कम हमें दूसरी सीट दी जा सकती थी,” मिशेल ने कहा।

यात्रियों के लिए सुझाव: अगर फ्लाइट में ऐसा कुछ हो जाए तो क्या करें?

अगर किसी फ्लाइट में ऐसी स्थिति बनती है, तो यात्रियों को निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए:

  1. एयरलाइन स्टाफ से तुरंत संपर्क करें – किसी भी असुविधा के बारे में तुरंत बताएं।
  2. मानसिक रूप से तैयार रहें – यह एक अप्रत्याशित स्थिति होती है, लेकिन शांत रहना आवश्यक है।
  3. अगर जरूरत हो तो सीट बदलने का अनुरोध करें – अगर आप असहज महसूस करते हैं, तो स्टाफ से अनुरोध करें।
  4. कानूनी अधिकारों की जानकारी रखें – कुछ देशों में यात्रियों को ऐसी घटनाओं में मुआवजा दिया जाता है।

यह घटना केवल एक कपल की कहानी नहीं है, बल्कि यह सवाल उठाती है कि एयरलाइंस ऐसे मामलों को कितनी गंभीरता से लेती हैं। यात्रियों की सुरक्षा और मानसिक शांति सुनिश्चित करना किसी भी एयरलाइन की प्राथमिकता होनी चाहिए। इस घटना से यह भी साफ होता है कि उड़ानों में मेडिकल आपातकाल से निपटने के लिए एयरलाइंस को और अधिक बेहतर रणनीति अपनाने की जरूरत है।

अब देखना होगा कि कतर एयरवेज इस मामले में आगे क्या कदम उठाता है और क्या भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए नए नियम बनाए जाएंगे। 🚨✈️

News-Desk

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