उत्तर प्रदेश

अस्पतालकर्मियों और मेडिकल दवाखानों की मिलीभगत: खुलेआम महंगे इंजेक्शन की कालाबाज़ारी का खेल:

उपमुख्यमंत्री के गृह जनपद कौशाम्बी से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां पर सरकारी अस्पताल के कर्मियों और मेडिकल दवाखानों की मिली भगत से खुलेआम महंगे इंजेक्शन की कालाबाज़ारी का खेल चल रहा है। एक कोरोना पीड़ित के परिजनों ने मामले का खुलासा करते हुए मंझनपुर पुलिस से लिखित शिकायत कर कार्यवाही की मांग की है।

कोविड़ पीड़ित के परिजन अशोक कुमार का आरोप है कि उनका मरीज कोरोना वार्ड में भर्ती है, जिसके इलाज के लिए डॉक्टर ने उन्हें सादी पर्ची पर रेमडेसिविर (Remdesivir) सहित अन्य दवाएं अस्पताल के बाहर मेडिकल स्टोर से खरीद कर लाने को भेजा। जिसके बाद तीमारदार जब 16 सौ रुपये देकर दवा खरीद कर पहुंचा तो डॉक्टर ने अस्पतालकर्मी को इंजेक्शन लगाने को दिया।

परिजन का कहना है कि अस्पताल के स्टाफ ने मरीज को रेमडेसिविर का इंजेक्शन न लगाकर, उसे मेडिकल स्टोर पर वापस कर रुपये लेने पहुंच गया। अस्पतालकर्मी को ऐसा करते हुए तीमारदार अशोक ने रंगे हाथ पकड़ लिया।

जिसके बाद उसने इस बात की शिकायत अस्पताल प्रशासन से की है। वहीं, दूसरी ओर इंजेक्शन की कालाबाज़ारी का मामला सामने आने के बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।

मामला सामने आने पर अस्पताल प्रशासन पीड़ित परिजन पर मामले को खत्म करने का दबाव बना रहा था। लेकिन इस बीच पीड़ित ने अस्पताल परिसर से भाग कर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई और इंसाफ की गुहार लगाई है। अब देखना ये है पुलिस प्रशासन पीडित को इंसाफ दिला पाता है या नहीं।

गौरतलब है कि जनपद कौशाम्बी में लगातार कोरोना मरीजों की संख्या में बढोत्तरी हो रही है। इस बीच मुख्यमंत्री द्वारा ऑक्सीजन प्लांट लागने की सूची जारी की गई लेकिन उसमें कौशाम्बी नदारद रहा। बल्कि कौशाम्बी के तीनों विधायकों ने यह फैसला लिया कि कौशाम्बी में तीनों लोग मिलकर ऑक्सीजन प्लांट बनवाएंगे।

 

News Desk

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