मतदाता सूची की ‘डीप क्लीनिंग’ शुरू: रोहाना के अमृत इंटर कॉलेज Muzaffarnagar में 100 बीएलओ को दिया गया बड़ा प्रशिक्षण, चुनावी सटीकता की नई मुहिम तेज
Muzaffarnagar–सहारनपुर स्टेट हाईवे-59 पर बसे रोहाना कस्बे में सोमवार को अमृत इंटर कॉलेज का माहौल पूरी तरह प्रशासनिक गतिविधियों से भर गया। सदर तहसीलदार राधेश्याम गौड़ के नेतृत्व में आयोजित स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (विशेष गहन पुनरीक्षण) अभियान के तहत चुनावी तैयारियों को मजबूत करने के लिए लगभग 100 बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLO) को महत्वपूर्ण प्रशिक्षण दिया गया।
इस महत्वपूर्ण voter list revision कार्यक्रम में क्षेत्रीय प्रशासन की मौजूदगी ने स्पष्ट कर दिया कि आगामी चुनावों में किसी भी प्रकार की त्रुटि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और मतदाता सूची को पूरी तरह “सटीक, पारदर्शी और अपडेटेड” रखने पर विशेष बल दिया जा रहा है।
विशेष गहन पुनरीक्षण क्यों? निर्वाचन आयोग की सटीकता की नई रणनीति
मतदाता सूची की शुद्धता भारत निर्वाचन आयोग के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रशिक्षण के दौरान लेखपाल सौरव ठाकुर ने बहुत स्पष्ट रूप से बताया कि “विशेष गहन पुनरीक्षण एक संवेदनशील प्रक्रिया है, जिसे चुनाव आयोग पूरे देश में एक समान पद्धति से लागू करता है। इसका उद्देश्य मतदाता सूची को किसी भी प्रकार की त्रुटि, दोहराव या फर्जी प्रविष्टि से मुक्त करना है।”
उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया के तहत—
मृत व्यक्तियों के नाम हटाए जाते हैं
जिन लोगों ने स्थायी रूप से घर बदला है, उनके नाम सही स्थानांतरित किए जाते हैं
फर्जी या डुप्लिकेट प्रविष्टियों को सुधारकर हटाया जाता है
नए योग्य युवाओं को सूची में शामिल किया जाता है
बीएलओ को घर-घर सत्यापन की विशेष जिम्मेदारी सौंपी जाती है
voter list revision प्रक्रिया को इस वर्ष पहले से अधिक गंभीरता से लागू किया जा रहा है ताकि भविष्य के चुनावों में विवादों, शिकायतों और गलत प्रविष्टियों की संभावना को बेहद कम किया जा सके।
पुरकाजी विधानसभा क्षेत्र की बड़ी चुनौती—300 बूथ, तीन भागों में प्रशिक्षण
लेखपाल सौरव ठाकुर ने बताया कि पुरकाजी विधानसभा क्षेत्र में कुल लगभग 300 बूथ आते हैं।
इन बूथों को तीन भागों में बांटकर अलग-अलग चरणों में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, ताकि किसी भी अधिकारी को किसी प्रकार की तकनीकी या प्रक्रियात्मक दिक्कत न हो।
आज का प्रशिक्षण उन पहले 100 बीएलओ अधिकारियों के लिए था, जो आगामी कुछ हफ्तों में घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन करेंगे।
इस प्रशिक्षण के दौरान बीएलओ को यह भी सिखाया गया—
फॉर्म-6, फॉर्म-7, फॉर्म-8 के सही उपयोग की प्रक्रिया
मोबाइल एप्स और ऑनलाइन पोर्टल्स पर अपडेट एंट्री की तकनीक
गलत प्रविष्टियों की पहचान कैसे करें
बूथवार दस्तावेज तैयार करने के मानक
मतदाता पहचान सत्यापन के पूर्ण दिशानिर्देश
प्रशासनिक अधिकारियों ने कई उदाहरण देकर बताया कि छोटी-सी गलती चुनाव प्रक्रिया को कैसे प्रभावित कर सकती है, और क्यों voter list revision सटीकता का सबसे बड़ा आधार है।
चुनाव आयोग की नई तकनीकी पहल: ‘डिजिटल वेरिफिकेशन मॉडल’ पर विशेष जोर
इस बार के प्रशिक्षण की खास बात यह रही कि अधिकारियों को पारंपरिक सूची अपडेट प्रक्रिया के साथ-साथ डिजिटल वेरिफिकेशन मॉडल पर भी प्रशिक्षित किया गया।
प्रशिक्षण में निम्न प्रमुख बिंदुओं पर जोर दिया गया—
ई-रोल प्रबंधन
ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम
पोर्टल आधारित शिकायत निवारण
डुप्लिकेट डेटा का डिजिटल स्कैन
GIS आधारित बूथ मैपिंग
अधिकारियों ने बताया कि तकनीक के आने से बीएलओ का काम आसान तो हुआ है पर साथ ही जिम्मेदारी भी बढ़ी है। गलत डेटा अपलोड होने पर तुरंत डिजिटली अलर्ट जारी हो जाता है, जिसे सुधारना अनिवार्य होता है।
voter list revision में डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर ने इस बार सटीकता और पारदर्शिता दोनों को नई मजबूती दी है।
मतदाता जागरूकता से जुड़े नए निर्देश—युवा मतदाताओं को फ़ोकस में रखा गया
प्रशिक्षण के दौरान यह भी बताया गया कि पुरकाजी विधानसभा क्षेत्र में युवा मतदाताओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है, और इसी वजह से 18+ नए मतदाताओं की सही प्रविष्टि अत्यंत महत्वपूर्ण है।
बीएलओ को निर्देश दिया गया कि—
कॉलेजों में जाकर जानकारी दें
युवाओं को पहली बार वोटर बनने के अधिकार से अवगत कराएं
फर्जीवाड़े और गलत जानकारी से बचने की सलाह दें
पहचान दस्तावेजों की सत्यता की पूरी जांच करें
रोहाना के अमृत इंटर कॉलेज में यह प्रशिक्षण ऐसे समय हुआ है जब क्षेत्र में युवाओं की राजनीतिक जागरूकता लगातार बढ़ रही है और मतदाता सूची का सटीक होना आगामी चुनावों के लिए निर्णायक योगदान देगा।
कार्यक्रम में प्रशासनिक टीम की प्रभावी मौजूदगी—अमृत इंटर कॉलेज का स्टाफ भी सक्रिय
इस प्रशिक्षण सत्र में अमृत इंटर कॉलेज का पूरा स्टाफ, सदर तहसील की टीम, और स्थानीय प्रशासन के कई अधिकारी मौजूद रहे।
कॉलेज प्रशासन ने भी चुनाव आयोग के इस प्रयास को बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए शिक्षाप्रद सहयोग दिया।
कस्बे के शिक्षकों और कर्मचारियों ने भी कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण से बूथ स्तर पर काम करने वाले अधिकारियों की समझ और दक्षता बढ़ती है, जो सीधे-सीधे लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत बनाता है।
विशेष गहन पुनरीक्षण का सामाजिक प्रभाव—गाँवों और कस्बों में नई चर्चा
रोहाना, भोपा, पुरकाजी और आसपास के क्षेत्रों में voter list revision अभियान के चलते लोगों के बीच मतदाता सूची के महत्व को लेकर चर्चा बढ़ गई है।
कई घरों में बीएलओ की विज़िट शुरू हो चुकी है और लोग अपने दस्तावेज तैयार रख रहे हैं।
मीडिया और सोशल प्लेटफ़ॉर्म्स पर भी यह जागरूकता फैल रही है कि—
सही मतदाता सूची ही निष्पक्ष चुनाव की नींव है
फर्जी वोटिंग को रोकने में यह प्रक्रिया महत्वपूर्ण है
ग्रामीण क्षेत्रों में बूथवार जागरूकता अब पहले से अधिक बढ़ गई है
चुनावों के दौरान अक्सर ग़लत नाम जुड़ने या सही नाम हटने की शिकायतें आती रही हैं, लेकिन इस बार प्रशासन का सख्त और तकनीकी रूप से उन्नत रवैया स्पष्ट तौर पर दिखाई दे रहा है।
अगले कुछ हफ्तों में बड़े बदलाव—बीएलओ की गतिविधियों से क्षेत्र में चुनावी तैयारियाँ तेज होंगी
अगले 30 दिनों तक क्षेत्र में voter list revision अभियान पूरी क्षमता से चलाया जाएगा। बीएलओ को यह भी निर्देश मिला है कि वह रोज़ाना अपने कार्य का अपडेट पोर्टल पर अपलोड करें और किसी भी संदिग्ध प्रविष्टि पर तुरंत तहसील प्रशासन को सूचित करें।
कई बूथों पर विशेष कैम्प भी लगाए जाएंगे, जहाँ लोग स्वयं जाकर अपने दस्तावेज़ और विवरण अपडेट कर सकेंगे।
इससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और मजबूती बढ़ेगी।

