Donald Trump का ग्रीनलैंड, पनामा नहर और कनाडा पर कब्जे का सपना: दुनिया में खलबली
Donald Trump, जो 20 जनवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले हैं, ने दुनिया भर में एक बार फिर से भू-राजनीतिक हलचल मचा दी है। ग्रीनलैंड को खरीदने की उनकी पुरानी योजना ने डेनमार्क को चिंता में डाल दिया है। ट्रंप ने न केवल ग्रीनलैंड पर कब्जा करने की बात कही है, बल्कि पनामा नहर और कनाडा जैसे मुद्दों पर भी विवादास्पद बयान दिए हैं। यह घटनाक्रम अंतरराष्ट्रीय राजनीति में चर्चा का केंद्र बन गया है।
ग्रीनलैंड पर अमेरिकी कब्जे की चाहत: डेनमार्क का बड़ा कदम
ग्रीनलैंड, दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप, डेनमार्क का स्वायत्त क्षेत्र है। डेनमार्क ने ट्रंप के हालिया बयानों के बाद ग्रीनलैंड की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। डेनमार्क ने इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सुरक्षा बढ़ाते हुए नई योजनाओं की घोषणा की है। डेनमार्क के रक्षा मंत्री ट्रॉल्स लुंड पॉल्सेन ने ग्रीनलैंड की सुरक्षा के लिए 1.5 बिलियन डॉलर (करीब 12-15 बिलियन क्रोन) का पैकेज घोषित किया है। इसमें दो नए निरीक्षण जहाज, लंबी दूरी के ड्रोन, और अतिरिक्त डॉग स्लेज टीमें शामिल हैं।
डेनमार्क ने ग्रीनलैंड की राजधानी नूक में आर्कटिक कमांड के कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने और वहां के हवाई अड्डों को एफ-35 सुपरसोनिक लड़ाकू विमानों के अनुकूल बनाने की योजना बनाई है। यह फैसला ट्रंप के उस बयान के बाद लिया गया, जिसमें उन्होंने ग्रीनलैंड को अमेरिका के लिए रणनीतिक रूप से “परम आवश्यकता” बताया था।
डेनमार्क की प्रतिक्रिया: ‘ग्रीनलैंड बिकाऊ नहीं’
डेनमार्क के प्रधानमंत्री म्यूटे बोरुप एगेडे ने ट्रंप की इस मांग को खारिज करते हुए कहा, “ग्रीनलैंड हमारा है, और इसे किसी कीमत पर बेचा नहीं जाएगा। हमें अपनी स्वतंत्रता की लड़ाई को कमजोर नहीं पड़ने देना चाहिए।” उन्होंने ट्रंप के पहले कार्यकाल में भी इस प्रकार की मांग को “निरर्थक” बताया था।
ट्रंप की ग्रीनलैंड योजना का भू-राजनीतिक महत्व
ग्रीनलैंड अपने विशाल प्राकृतिक संसाधनों और भू-स्थानिक स्थिति के कारण अमेरिका के लिए रणनीतिक महत्व रखता है। यह अटलांटिक और आर्कटिक महासागरों के बीच स्थित है और थुले एयर बेस जैसे महत्वपूर्ण अमेरिकी सैन्य अड्डे का घर है। इस द्वीप के पास खनिज भंडार और अक्षय ऊर्जा संसाधन हैं, जो ट्रंप की नजरों में इसे बेहद आकर्षक बनाते हैं।
पनामा नहर पर ट्रंप की नजर: विवाद और चिंताएं
ट्रंप ने हाल ही में पनामा नहर पर दोबारा अमेरिकी नियंत्रण की बात कही है। उन्होंने कहा कि अगर बढ़ती पोत परिवहन लागत को नियंत्रित नहीं किया गया, तो अमेरिका को इसे वापस लेना पड़ सकता है। यह बयान पनामा और अमेरिका के बीच तनाव को बढ़ा सकता है।
कनाडा पर मजाक या गंभीर इरादा?
ट्रंप ने मजाकिया लहजे में कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने की बात कही। उन्होंने यहां तक सुझाव दिया कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को “ग्रेट स्टेट ऑफ कनाडा” का गवर्नर बना दिया जाए। हालांकि, इस बयान को लेकर कनाडा और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंता बढ़ गई है।
ग्रीनलैंड की सुरक्षा में स्लेज डॉग की तैनाती
डेनमार्क ने ग्रीनलैंड की सुरक्षा के लिए स्लेज डॉग टीमों की तैनाती की है। आर्कटिक क्षेत्र की कठोर जलवायु में ये टीमें गश्त के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। डेनमार्क की सेना ने ग्रीनलैंड के तटीय क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाने के लिए अतिरिक्त संसाधनों को सक्रिय किया है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और आलोचना
ट्रंप के इन बयानों ने न केवल डेनमार्क बल्कि पूरे यूरोप और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चिंता में डाल दिया है। यूरोपीय संघ ने डेनमार्क के साथ एकजुटता जताते हुए कहा है कि ग्रीनलैंड को लेकर ट्रंप की नीति आक्रामक है।
ट्रंप की विवादास्पद विदेश नीति
यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप की विदेश नीति ने विवाद खड़ा किया है। उनके कार्यकाल में उत्तर कोरिया, चीन, और ईरान जैसे मुद्दों पर उनकी आक्रामक रणनीति पहले ही सवालों के घेरे में आ चुकी है। अब ग्रीनलैंड, पनामा नहर और कनाडा के मामले ने उनके आलोचकों को और मुखर कर दिया है।
निष्कर्ष नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत
Donald Trump की यह नई योजना उनके पहले कार्यकाल के विपरीत और अधिक आक्रामक मानी जा रही है। ग्रीनलैंड पर कब्जे की उनकी चाहत और पनामा नहर व कनाडा को लेकर उनके बयानों ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है। अब यह देखना होगा कि 20 जनवरी के बाद उनकी नीतियां किस दिशा में जाती हैं और यह दुनिया पर क्या प्रभाव डालती हैं।