ट्रम्प-एपस्टीन रहस्य: ‘गर्ल्स स्कैंडल फाइल’ में अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump का नाम, पार्टीज़, प्राइवेट जेट्स और ‘क्लाइंट लिस्ट’ का सनसनीखेज खुलासा!
Donald Trump ट्रम्प एक बार फिर चर्चा के केंद्र में हैं। इस बार उनका नाम नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण के आरोपी जेफ्री एपस्टीन की विवादित फाइलों में सामने आया है, जिसने राजनीतिक गलियारों में तहलका मचा दिया है। CNN और वॉल स्ट्रीट जर्नल जैसी प्रतिष्ठित मीडिया संस्थाओं ने सूत्रों के हवाले से इस चौंकाने वाले खुलासे की पुष्टि की है।
अमेरिका की अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी ने मई माह में खुद ट्रम्प को इस मामले की जानकारी दी, लेकिन व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने कहा कि ट्रम्प का नाम पहले से ही दस्तावेजों में था, इसलिए यह कोई नया तथ्य नहीं है। यह खुलासा उस समय सामने आया है जब ट्रम्प और एपस्टीन की पुरानी तस्वीरें सार्वजनिक हुईं, जिनमें 1993 में ट्रम्प की दूसरी शादी में एपस्टीन की मौजूदगी दिख रही है।
ट्रम्प-एपस्टीन की पुरानी दोस्ती और पार्टीज की तस्वीरें
1990 के दशक से जुड़ी यह कहानी बताती है कि ट्रम्प और एपस्टीन एक-दूसरे को लंबे समय से जानते थे। 1992 में फ्लोरिडा के मार-ए-लागो रिसोर्ट में दोनों एक पार्टी में साथ नजर आए थे। 2002 में ट्रम्प ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वे एपस्टीन को करीब 15 साल से जानते हैं और दोनों को “कम उम्र की खूबसूरत लड़कियों” में रुचि है। यह बयान बाद में राजनीतिक विवादों का कारण बना।
मीडिया में 1997 में फ्लोरिडा में ली गई एक तस्वीर भी सामने आई है जिसमें ट्रम्प और एपस्टीन साथ खड़े हैं। यह तस्वीर और उनके बीच की कई पार्टियों और सामाजिक आयोजनों में साथ में होने के सबूत इस दोस्ती की गहराई को दर्शाते हैं।
एपस्टीन की ‘क्लाइंट लिस्ट’ का क्या मतलब है?
एपस्टीन की ‘क्लाइंट लिस्ट’ वह कथित सूची है जिसमें उन सभी लोगों के नाम होते हैं, जो उसके यौन शोषण के नेटवर्क से जुड़े हो सकते हैं। यह सूची चर्चित इसलिए रहती है क्योंकि इसमें राजनीतिक, कारोबारी और सामाजिक प्रभावशाली नाम शामिल बताए जाते हैं।
हालांकि FBI और अमेरिकी न्याय विभाग ने कई बार कहा है कि कोई आधिकारिक ‘क्लाइंट लिस्ट’ मौजूद नहीं है, लेकिन अफवाहें लगातार बढ़ती जा रही हैं। किसी भी नाम के सामने आने से उसका दोषी ठहरना जरूरी नहीं, लेकिन जब यह नाम किसी प्रभावशाली शख्सियत का हो तो समाज में सवाल उठना स्वाभाविक है।
ट्रम्प का बचाव और फर्जी खबर का आरोप
CNN ने जब ट्रम्प से इस मामले पर प्रतिक्रिया मांगी, तो उन्होंने सवाल को मज़ाक करार देते हुए बार-बार इसे ‘फर्जी खबर’ बताया और बातचीत बंद कर दी। व्हाइट हाउस के कम्युनिकेशन डायरेक्टर स्टीवन चेउंग ने इसे ‘गलत संदर्भ में तस्वीरों का गलत इस्तेमाल’ करार दिया और कहा कि यह डेमोक्रेट्स और लिबरल मीडिया की साजिश है।
ट्रम्प ने साफ किया कि उन्होंने एपस्टीन को अपने क्लब से निकाल दिया था और दोनों के बीच व्यवहार ठीक नहीं था। वे इसे राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों द्वारा फैलाई गई झूठी खबरें मानते हैं।
ट्रम्प और एपस्टीन के बीच दरार
दोनों की दोस्ती में तब दरार आई जब 2004 में फ्लोरिडा के पाम बीच में स्थित ‘हाउस ऑफ फ्रेंडशिप’ नामक संपत्ति को लेकर विवाद हुआ। यह 6 एकड़ की संपत्ति नर्सिंग होम मैग्नेट एबे गोस्मैन की थी और दिवालियापन के कारण नीलामी में थी। ट्रम्प और एपस्टीन दोनों इसके खरीदार बनने की कोशिश कर रहे थे।
ट्रम्प ने 356 करोड़ रुपये की बोली लगाकर संपत्ति हासिल कर ली। इसके बाद दोनों के बीच बातचीत बंद हो गई। 2019 में ट्रम्प ने कहा कि वे एपस्टीन को अपना दोस्त नहीं मानते और 15 साल से उनसे बात नहीं की।
एपस्टीन की मौत और छुपे सवाल
एपस्टीन की जेल में मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए। जांच एजेंसियों पर आरोप लगे कि उन्होंने जानबूझकर उसकी सुरक्षा कमज़ोर की। जेल में लगे कैमरे बंद थे, गार्ड सो रहे थे, और कई अहम सबूत गायब थे। पीड़ित महिलाओं और मीडिया ने ‘ग्रैंड जूरी’ के सीक्रेट दस्तावेज सार्वजनिक करने की मांग की है।
इलॉन मस्क समेत कई नामी हस्तियों ने दावा किया है कि एपस्टीन फाइलों में ट्रम्प सहित कई हाई-प्रोफाइल लोगों के नाम हैं, और इसीलिए इसे अब तक सार्वजनिक नहीं किया गया।
क्या ट्रम्प और एपस्टीन की दोस्ती ने अमेरिका की राजनीति को प्रभावित किया?
ट्रम्प ने राष्ट्रपति पद संभालते वक्त वादा किया था कि वे एपस्टीन फाइलों को सार्वजनिक करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब जब वॉल स्ट्रीट जर्नल ने रिपोर्ट छापी है, तो लोगों का गुस्सा बढ़ गया है। ट्रम्प के समर्थकों में भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या ट्रम्प के करियर पर इस मामले का असर पड़ेगा।
नोट: अमेरिकी न्याय विभाग ने 2025 में यह कहकर दस्तावेजों को सार्वजनिक करने का निर्णय लिया है, लेकिन इसकी टाइमिंग और विस्तार अभी स्पष्ट नहीं है।

