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Muzaffarnagar पुलिस लाइन में ध्वजारोहण: झंडा दिवस के अवसर पर कर्तव्यनिष्ठा और शौर्य की गाथा

Muzaffarnagar। पुलिस झंडा दिवस के मौके पर पुलिस लाइन में आयोजित ध्वजारोहण समारोह में एक नया इतिहास रचा गया। सहायक पुलिस अधीक्षक/क्षेत्राधिकारी नगर/लाइंस, व्योम बिंदल ने इस मौके पर पुलिस ध्वज को सम्मानित करते हुए एक विशेष संदेश दिया, जो पुलिस बल की समर्पण, कर्तव्यनिष्ठा और वीरता का प्रतीक बना। यह अवसर केवल पुलिस बल के लिए गर्व और सम्मान का नहीं था, बल्कि पूरे राज्य में उत्तर प्रदेश पुलिस की गौरवशाली परंपरा और योगदान को याद करने का एक सशक्त माध्यम बना।

ध्वजारोहण के साथ शुरु हुआ विशेष समारोह

यह कार्यक्रम मुजफ्फरनगर के पुलिस लाइन परिसर में हुआ, जहां सहायक पुलिस अधीक्षक व्योम बिंदल ने पुलिस ध्वज का सम्मान करते हुए इसे फहराया। इस अवसर पर प्रतिसार निरीक्षक उदल सिंह सहित तमाम पुलिस अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे। सभी ने ध्वज के प्रति सम्मान जताते हुए सलामी दी और पुलिस बल के योगदान को सराहा।

ध्वजारोहण के बाद, सहायक पुलिस अधीक्षक ने पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश द्वारा भेजे गए संदेश को पढ़कर सुनाया। संदेश में पुलिस कर्मियों से पूरी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ अपनी ड्यूटी निभाने की अपील की गई थी। साथ ही, उन्होंने पुलिस ध्वज के प्रतीक चिन्ह (स्टीकर) को अपनी वर्दी पर लगाकर सभी पुलिस कर्मियों को झंडा दिवस की बधाई दी।

पुलिस झंडा दिवस का ऐतिहासिक महत्व

सहायक पुलिस अधीक्षक व्योम बिंदल ने अपने संबोधन में बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस देश का पहला राज्य पुलिस बल है, जिसे इसके उत्कृष्ट कार्य और कर्तव्यनिष्ठा के चलते ‘पुलिस कलर’ अर्थात पुलिस ध्वज प्रदान किया गया। यह सम्मान न केवल पुलिस बल की कठिन मेहनत और शौर्य को दर्शाता है, बल्कि पूरे राज्य के लिए गर्व का कारण है।

उन्होंने पुलिस कर्मियों को याद दिलाया कि यह ध्वज भारत के पहले प्रधानमंत्री, पं. जवाहरलाल नेहरू ने 23 नवंबर 1952 को उत्तर प्रदेश पुलिस और पीएसी को सम्मानित करते हुए दिया था। यह ध्वज उनके शौर्य प्रदर्शन और समर्पण का प्रतीक है। जब भी यह ध्वज फहराया जाता है, तो हमें यह अहसास होता है कि हम एक ऐसे संगठन का हिस्सा हैं, जो देश की सेवा में निरंतर जुटा रहता है और अपनी जान की परवाह किए बिना कर्तव्य निभाता है।

पुलिस की वीरता और कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक

पुलिस झंडा दिवस न केवल एक प्रतीक है, बल्कि यह हर पुलिस कर्मी के दिल में समर्पण और गौरव की भावना का उत्सर्जन करता है। सहायक पुलिस अधीक्षक ने आगे कहा कि, “यह ध्वज हमारे लिए गर्व का प्रतीक है और हमें इसकी शान और प्रतिष्ठा को हमेशा बनाए रखना चाहिए। यह ध्वज हमारे वीर पुलिस कर्मियों की शौर्य गाथाओं और कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक है। यह हमें हर दिन अपने कार्यों को पूरी ईमानदारी से निभाने की प्रेरणा देता है।”

उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों को यह याद रखना चाहिए कि उनके कार्यों से समाज में सुरक्षा और शांति बनी रहती है। प्रत्येक पुलिस कर्मी की जिम्मेदारी होती है कि वह इस ध्वज को सम्मान दे और अपनी ड्यूटी को पूरी निष्ठा और उत्साह के साथ निभाए।

पुलिस के योगदान को सराहा गया

सहायक पुलिस अधीक्षक के संदेश के बाद, समारोह में उपस्थित सभी पुलिस कर्मियों को अपनी वर्दी पर पुलिस ध्वज के प्रतीक चिन्ह (स्टीकर) लगाने के लिए प्रेरित किया गया। इस प्रतीक चिन्ह को लगाने से हर पुलिस कर्मी को यह एहसास हुआ कि वह न केवल अपने विभाग, बल्कि पूरे समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है।

यह अवसर पुलिस बल की एकजुटता, शौर्य और कर्तव्य के प्रति समर्पण की भावना को जागरूक करने का था। पुलिस कर्मियों के उत्साह और ऊर्जा को देखते हुए यह कार्यक्रम एक विशेष महत्व का बन गया।

समाज में पुलिस का महत्वपूर्ण स्थान

झंडा दिवस के इस विशेष आयोजन ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि पुलिस बल केवल कानून व्यवस्था बनाए रखने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज की सेवा में अपनी पूरी जान झोंक देता है। प्रत्येक पुलिस कर्मी, चाहे वह किसी भी रैंक का हो, समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाता है। इस दिन, सभी पुलिस कर्मियों को उनके कठिन कार्यों के लिए सम्मानित किया गया, और साथ ही उन्हें यह याद दिलाया गया कि वे समाज के लिए सच्चे नायक हैं।

यह अवसर पुलिस बल के समर्पण और कठिन कार्यों की सराहना करने का था। जब कोई पुलिस कर्मी अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ता है, तो वह अपने ध्वज और प्रतीक चिन्ह को लेकर चलता है, जो उसकी वीरता और शौर्य का प्रतीक है।

समाज में पुलिस बल के योगदान की जरूरत

अंत में, सहायक पुलिस अधीक्षक ने सभी पुलिस कर्मियों से अपील की कि वे पुलिस ध्वज के प्रति अपनी श्रद्धा और सम्मान को बनाए रखें और पूरी निष्ठा के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करें। उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों को सुरक्षा देने का कार्य सिर्फ पुलिस बल के पास ही है, और इसके लिए प्रत्येक पुलिस कर्मी को अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहिए।

पुलिस झंडा दिवस का यह आयोजन न केवल पुलिस बल की गौरवगाथा को याद करने का था, बल्कि यह हमारे समाज में पुलिस बल की भूमिका को फिर से रेखांकित करने का भी था। पुलिस कर्मियों की कड़ी मेहनत, वीरता और कर्तव्यनिष्ठा के कारण ही हमारे समाज में सुरक्षा बनी रहती है। इस दिन, हमें यह कृतज्ञता और सम्मान के साथ याद रखना चाहिए कि हमारे पुलिस कर्मी दिन-रात हमारी सुरक्षा में जुटे रहते हैं।

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