सरकार की बनती है तो राष्ट्रीय स्तर पर जाति आधारित जनगणना करवाई जाएगी-Congress working committee
Congress working committee ने सोमवार को संकल्प लिया कि अगर अगले साल लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र में पार्टी की सरकार की बनती है तो राष्ट्रीय स्तर पर जाति आधारित जनगणना करवाई जाएगी तथा अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी), अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा को कानून के माध्यम से खत्म किया जाएगा.
Congress working committee की चार घंटे की बैठक के बाद पारित प्रस्ताव में यह भी कहा कि कांग्रेस ओबीसी महिलाओं की भागीदारी के साथ महिला आरक्षण लागू करने के लिए संकल्पित है. प्रस्ताव में बिहार की जाति आधारित गणना के आंकड़ों का स्वागत करते हुए कहा गया, “सर्वे में सामने आए आंकड़ों में प्रतिनिधित्व और जनसंख्या में हिस्सेदारी के बीच जो असमानता दिख रही है, वो सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने की तत्काल आवश्यकता को सामने लाती है.”
Congress working committee का कहना है, “सीडब्ल्यूसी ओबीसी के भीतर उप-वर्गीकरण के रोहिणी आयोग के उद्देश्य का भी स्वागत करती है, लेकिन साथ ही साथ यह रेखांकित करती है कि विभिन्न समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति पर विस्तृत डेटा के बिना यह अधूरा होगा. यह डेटा वर्ष 2011 की सामाजिक, आर्थिक और जाति जनगणना से प्राप्त किया जा सकता है, जिसके आंकड़े अभी तक जारी नहीं किए गए है. इस डेटा को प्राप्त करने का दूसरा तरीका अद्यतन जाति जनगणना है.”
Congress working committee ने प्रस्ताव में कहा, “कांग्रेस गारंटी देती है कि हमारे नेतृत्व वाली सरकार सामान्य रूप से होने वाली दशकीय जनगणना के तहत राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना करवाएगी. लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिश आरक्षण को जल्द से जल्द लागू किया जाएगा. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के साथ ही साथ ओबीसी समुदायों की महिलाओं के लिए भी इसमें पर्याप्त प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाएगा.”
उसने कहा कि कांग्रेस सत्ता में आने पर जनसंख्या के अनुरूप हिस्सेदारी के लिए कानून के माध्यम से ओबीसी, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण के लिए 50 प्रतिशत की सीमा को हटाएगी. कांग्रेस कार्य समिति ने ‘न्यूजक्लिक’ के मामले में कुछ पत्रकारों के खिलाफ दिल्ली पुलिस की कार्रवाई का उल्लेख करते हुए कहा गया है, “यह कानून के दुरुपयोग और सवाल पूछने वालों के ख़िलाफ़ केंद्रीय एजेंसियों को छोड़ देने का और भी ज़्यादा भयावह रूप है. इस तरह की कार्रवाई स्वतंत्र प्रेस को नुक़सान पहुंचाती है एवं पत्रकारों और राजनेताओं के मौलिक अधिकारों में बाधा डालती है. साथ ही दुनिया भर में एक लोकतंत्र के रूप में भारत की साख को नीचे गिराती है.”
Congress working committee ने पार्टी नेताओं का आह्वान किया कि वे पांच राज्यों के विधानसभा और लोकसभा चुनावों में एकजुटता, समर्पण और दृढ़ संकल्प के साथ लड़ें. उसने हिमाचल प्रदेश और सिक्किम की हालिया प्राकृतिक आपदाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि इन्हें राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए.
इजरायल और हमास के बीच संघर्ष में आम नागरिकों के मारे जाने पर दुख जताते हुए कांग्रेस कार्य समिति ने कहा कि वर्तमान संघर्ष को जन्म देने वाले अपरिहार्य मुद्दों सहित सभी लंबित मुद्दों पर बातचीत शुरू करने की जरूरत है. उसने तत्काल संघर्ष विराम का भी आह्वान किया और कहा कि वह फिलिस्तीनी लोगों के जमीन, स्वशासन और आत्म-सम्मान के साथ जीने के अधिकारों के लिए अपने दीर्घकालिक समर्थन को दोहराती है.