भारतीय उच्चायोग के कर्मचारियों के साथ हुई बदसलूकी: तरह-तरह की यातनाएं दी
पाकिस्तान में स्थित भारतीय उच्चायोग के दो कर्मचारियों को सोमवार को एक दिन हिरासत में रखने के बाद इस्लामाबाद में छोड़ दिया गया। वहीं, अब हिरासत में कर्मचारियों के साथ हुई बदसलूकी को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। सूत्रों ने बताया है कि हिरासत में कर्मचारियों के साथ मारपीट की गई और इन्हें यह कबूल करने को कहा गया कि ये लोग एक दुर्घटना में शामिल हैं।
सूत्रों ने बताया है कि भारतीय उच्चायोग में ड्राइवर के रूप में काम करने वाले दो कर्मचारियों को लगभग 15 से 16 हथियारबंद लोगों द्वारा लगभग 8.30 से 8.45 बजे सुबह के बीच उच्चायोग के करीब पेट्रोल पंप से उठाया गया। फिर उनकी आंखों पर पट्टी और हाथों में हथकड़ी लगाई गई।
सूत्रों ने इस बात का खुलासा किया कि कैसे इन लोगों को उठाया गया और पांच से छह वाहनों में सवार हथियारबंद लोग इन्हें अंजान जगह पर ले गए। उन्होंने बताया कि अपहरणकर्ताओं ने कई वीडियो बनाए, जिसमें उच्चायोग के कर्मचारियों को यह स्वीकार करने के लिए मजबूर किया गया कि उन्होंने एक दुर्घटना को अंजाम दिया था।
सूत्रों ने बताया है कि उनसे दो बजे दोपहर तक पूछताछ की गई, इस दौरान उन्हें तरह-तरह की यातनाएं दी गईं। दोनों कर्मचारियों को रॉड और लकड़ी के डंडे से पीटा गया। उन्हें घूंसे मारे गए और गंदा पानी पीने को मजबूर किया गया। उनसे उच्चायोग के शीर्ष अधिकारी से लेकर निचली रैंक के कर्मचारी के कार्यों को लेकर पूछताछ की गई।
पूछताछ के दौरान उन्हें बार-बार यह धमकी दी जा रही थी कि उच्चायोग के हर एक कर्मचारी और अधिकारी के साथ भी भविष्य में ऐसा ही किया जाएगा, जैसा उनके साथ किया जा रहा है। पूछताछ के बाद, ड्राइवरों को एक चिकित्सा जांच के लिए ले जाया गया, जहां उन्हें टिटनस का इंजेक्शन दिया गया।
सोमवार को रात 9 बजे उन्हें उच्चायोग को वापस सौंप दिया गया। हालांकि, दोनों ही कर्मचारी चल पा रहे थे, लेकिन उनके गले, चेहरे, जांघ पर चोट के निशान इस बात का सबूत थे कि उनके साथ मारपीट की गई है। सूत्रों ने बताया कि उन्हें कोई भी ऐसी चोट नहीं लगी है, जिनसे उनके जीवन को कोई खतरा हो।
