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ट्विटर को आईटी ऐक्ट के तहत मिली कानूनी सुरक्षा वापस: केंद्र सरकार

केंद्र सरकार ने बुधवार को पुष्टि की कि ट्विटर को आईटी ऐक्ट के तहत मिली कानूनी सुरक्षा को वापस ले लिया गया है। यानी अब ट्विटर से मध्यस्थ प्लेटफॉर्म होने का दर्ज छीन लिया गया है और इसे किसी अन्य वेबसाइट की तरह ही इसके कंटेंट के लिए जिम्मेदार माना जाएगा। बताया गया है कि यह कदम ट्विटर की ओर से नए आईटी नियमों के तहत अधिकारी की नियुक्ति की जानकारी न किए जाने की वजह से उठाया गया है।

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को कहा कि ट्विटर मध्यस्थ नियमों का पालन करने में विफल रहा और उसने कई अवसर मिलने के बावजूद ‘‘जानबूझकर’’ इनका पालन ना करने का रास्ता चुना। नियमों का पालन ना करने को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर निशाना साधते हुए प्रसाद ने कहा कि यह ‘‘आश्चर्यजनक’’ है कि स्वयं को स्वतंत्र अभिव्यक्ति के ध्वजवाहक के रूप में पेश करने वाला ट्विटर, जब मध्यस्थ दिशानिर्देशों की बात आती है तो जानबूझकर अवज्ञा का रास्ता चुनता है।

प्रसाद ने स्वेदशी सोशल मीडिया मंच ‘कू’ (Koo) पर सिलसिलेवार पोस्ट में कहा, ‘‘इस बात को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं कि क्या ट्विटर संरक्षण प्रावधान का हकदार है। हालांकि, इस मामले का सामान्य तथ्य यह है कि ट्विटर 26 मई से लागू हुए मध्यस्थ दिशानिर्देशों का पालन करने में विफल रहा है।’’

 

Ravi Shankar Prasadgi@ravishankarprasad

Further, what is perplexing is that Twitter fails to address the grievances of users by refusing to setting up process as mandated by the law of the land. Additionally, it chooses a policy of flagging manipulates media, only when it suits, its likes and dislikes.(4/7)


संरक्षण (हार्बर) प्रावधान, एक कानून या विनियम का प्रावधान है जो निर्दिष्ट करता है कि किसी निश्चित आचरण को, दिए गए नियम का उल्लंघन करने वाला ना माना जाए। मंत्री ने इस मामले के संबंध में ट्वीट भी किया। प्रसाद ने कहा कि ट्विटर को कई अवसर दिए गए, लेकिन उसने जानबूझकर इनका पालन ना करने का रास्ता चुना।

सरकार की तरफ से जारी गाइडलाइन को नहीं मानने के हालत में सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों को आईटी एक्ट के तहत मिली सुरक्षा छीनने की चेतावनी दी थी।  ट्विटर ने इन नियमों का पालन नहीं किया, जिसके चलते ट्विटर को तीन बार चेतावनी भी दी थी।

Ravi Shankar Prasadgi@ravishankarprasad

There are numerous queries arising as to whether Twitter is entitled to safe harbour provision. However, the simple fact of the matter is that Twitter has failed to comply with the Intermediary Guidelines that came into effect from the 26th of May. Further, it was given multiple opportunities to comply with the same, however it has deliberately chosen the path of non compliance.(1/7)


हालांकि, सोशल मीडिया कंपनी ने अब तक नोडल ऑफिसर की नियुक्ति नहीं की। ऐसे में आईटी मंत्रालय ने ट्विटर पर बड़ी कार्रवाई करने की धमकी दी थी। बताया गया है कि भारतीय आईटी एक्ट की धारा 79 के तहत मिली सुरक्षा का अधिकार अब ट्विटर से छिन गया है।

 ट्विटर ने मंगलवार को कहा कि उसने भारत के लिये अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी नियुक्त कर लिया है और जल्द ही अधिकारी का ब्यौरा सीधे सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ साझा किया जाएगा। हालांकि, सरकार ने पलटवार करते हुए कहा कि ट्विटर लगातार देरी करने के बाद भी नियमों का पालन करने में असफल रहा है।

News Desk

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