अमेरिका से निर्वासित भारतीयों का Panama में ठिकाना! 171 ने घर वापसी पर लगाई मुहर, जानिए पूरा मामला
मुख्य बातें:
✔ अमेरिका से निर्वासित भारतीय नागरिक सुरक्षित पनामा पहुंचे।
✔ पनामा सरकार और भारतीय दूतावास उनकी देखभाल में जुटे।
✔ 299 में से 171 भारतीयों ने भारत लौटने पर सहमति जताई।
✔ 98 निर्वासित अभी भी पनामा में शरण लिए हुए हैं।
✔ ट्रंप प्रशासन की सख्ती के चलते निर्वासन में तेजी।
अमेरिका से निष्कासित भारतीयों का पनामा में नया पड़ाव!
Panama सिटी – अमेरिका से निर्वासित भारतीय नागरिकों का एक बड़ा समूह सुरक्षित रूप से पनामा पहुंच चुका है। पनामा सरकार ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा है कि इन अप्रवासियों की सुरक्षा और देखभाल की पूरी व्यवस्था की गई है।
भारतीय मिशन ने भी पनामा प्रशासन के सहयोग से इन निर्वासित भारतीयों की भलाई सुनिश्चित करने की बात कही है। पनामा, कोस्टारिका और निकारागुआ में मौजूद भारतीय दूतावास लगातार इन अप्रवासियों की स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि अमेरिका से भेजे गए भारतीय नागरिक सुरक्षित हैं और उन्हें सभी जरूरी सुविधाओं से युक्त एक होटल में ठहराया गया है।
क्या है मामला? कैसे पहुंचे ये भारतीय पनामा?
अमेरिकी सरकार की ओर से ट्रंप प्रशासन द्वारा अवैध अप्रवासियों पर कड़ी कार्रवाई के तहत 299 भारतीयों को पनामा भेजा गया। यह निर्वासन तीन विशेष उड़ानों के जरिए हुआ, जिसे पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो की सहमति मिली थी।
पनामा ने अमेरिका से निष्कासित अप्रवासियों के लिए ‘ट्रांजिट हब’ बनने की स्वीकृति दी है। अमेरिका ने अप्रवासी नीति को सख्त करते हुए अवैध रूप से प्रवेश करने वालों पर कार्रवाई तेज कर दी है। इसी के तहत कई भारतीयों को पनामा शिफ्ट किया गया, जहां से वे अपने मूल देशों में लौट सकते हैं।
171 भारतीयों ने जताई घर वापसी की इच्छा, बाकी का क्या होगा?
अमेरिका से निर्वासित 299 भारतीयों में से 171 ने स्वेच्छा से भारत लौटने की सहमति दे दी है। हालांकि, 98 भारतीय अभी भी पनामा में रुके हुए हैं और उन्होंने वापसी को लेकर असमंजस जाहिर किया है।
पनामा प्रशासन ने इन 98 अप्रवासियों को डेरियन प्रांत के एक विशेष शिविर में रखा है। यह क्षेत्र पनामा का एक दूरस्थ इलाका है, जहां निर्वासितों को अस्थायी रूप से ठहराया जाता है।
अमेरिका की अप्रवासी नीति को देखते हुए अब पनामा और कोस्टारिका जैसे देश ट्रांजिट सेंटर की भूमिका निभा रहे हैं। कोस्टारिका भी अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने वालों को निर्वासित करने के लिए ‘पुल’ (Transit Hub) बनने पर सहमत हुआ है।
अमेरिका में क्यों बढ़ी निर्वासन की कार्रवाई?
अमेरिका में अवैध अप्रवासियों पर कार्रवाई तेज हो रही है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ही अप्रवासी नीति को सख्त करने की बात कही थी, और अब बाइडन प्रशासन भी कुछ मामलों में उसी दिशा में आगे बढ़ रहा है।
अवैध अप्रवासियों की बढ़ती संख्या और अमेरिका में शरण नीति में बदलाव के चलते अब ज्यादा से ज्यादा लोगों को निर्वासित किया जा रहा है। कई अप्रवासी दक्षिण और मध्य अमेरिकी देशों के रास्ते अमेरिका में प्रवेश करते हैं, लेकिन अब अमेरिका उन्हें वापस भेजने के लिए इन्हीं देशों को ‘ट्रांजिट हब’ के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।
क्या भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित होगी?
भारतीय दूतावास और पनामा प्रशासन इस पूरे मामले पर सक्रिय रूप से नजर बनाए हुए हैं। दूतावास ने कहा है कि जो लोग स्वेच्छा से भारत लौटना चाहते हैं, उनके लिए सभी जरूरी व्यवस्थाएं की जाएंगी।
हालांकि, जिन 98 लोगों ने भारत लौटने से इनकार किया है, उनके भविष्य को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। हो सकता है कि वे किसी और देश में शरण लेने की कोशिश करें या अमेरिका में फिर से प्रवेश की योजना बनाएं।
अब आगे क्या?
1️⃣ 171 भारतीय जल्द भारत लौट सकते हैं।
2️⃣ 98 निर्वासितों को पनामा में शरणार्थी शिविर में रखा गया है।
3️⃣ अमेरिका की ओर से और निर्वासन की संभावना।
4️⃣ भारत सरकार भी इस मामले पर करीबी नजर बनाए हुए है।
5️⃣ पनामा और अन्य देशों को अब और निर्वासितों को संभालने के लिए तैयार रहना होगा।
निष्कर्ष के बजाय… बड़ी तस्वीर!
अमेरिका में अप्रवासी नीति अब और कड़ी होती जा रही है। ट्रंप प्रशासन के कार्यकाल में जो कठोर कदम उठाए गए थे, वे अब भी जारी हैं। ऐसे में हजारों भारतीय अप्रवासियों को अमेरिका छोड़ना पड़ सकता है।
इस मामले से साफ है कि अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने वालों के लिए हालात अब और मुश्किल होते जा रहे हैं। पनामा और कोस्टारिका जैसे देशों को अब अमेरिका से आने वाले निर्वासितों के लिए ट्रांजिट हब के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।
आगे देखने वाली बात होगी कि भारत सरकार इन अप्रवासियों को वापस लाने के लिए क्या कदम उठाती है और जो लोग लौटने से इनकार कर रहे हैं, उनके लिए क्या समाधान निकाला जाता है।