भारत का शानदार प्रदर्शन! पर्थ टेस्ट में बुमराह, Yashasvi Jaiswal और राहुल ने रच डाले कई इतिहास
पर्थ में चल रहे भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट मैच के दूसरे दिन भारतीय क्रिकेट टीम ने एक से बढ़कर एक शानदार प्रदर्शन किया। भारत की सलामी जोड़ी Yashasvi Jaiswal और केएल राहुल ने मिलकर पारी का मजबूत आगाज़ किया और दोनों ने मिलकर 172 रन की नाबाद साझेदारी की। इस जोड़ी के शानदार प्रदर्शन के बाद भारत ने कुल 218 रन की बढ़त हासिल की है।
पर्थ टेस्ट के इस दूसरे दिन कुछ शानदार रिकॉर्ड्स बने, जिनका जिक्र क्रिकेट प्रेमियों के बीच चर्चा का विषय बन चुका है। इस लेख में हम इन रिकॉर्ड्स को विस्तार से जानेंगे और देखेंगे कि भारत ने कैसे इस टेस्ट मैच में इतिहास रचा।
Yashasvi Jaiswal ने न केवल अपनी बल्लेबाजी से भारतीय टीम को शानदार शुरुआत दी, बल्कि टेस्ट क्रिकेट में एक नया रिकॉर्ड भी बना दिया। जायसवाल ने नाथन लायन के खिलाफ एक शानदार 100 मीटर का छक्का मारा और इसी के साथ उन्होंने 2024 में सबसे ज्यादा छक्के लगाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया। उन्होंने इस साल अब तक कुल 34 छक्के मारे हैं, जो टेस्ट क्रिकेट के किसी एक साल में सबसे अधिक छक्के मारने का नया रिकॉर्ड है। इससे पहले यह रिकॉर्ड न्यूजीलैंड के ब्रेंडन मैकुलम के नाम था, जिन्होंने 2014 में 33 छक्के लगाए थे।
यह आंकड़ा न केवल जायसवाल की बल्लेबाजी कौशल को दिखाता है, बल्कि टेस्ट क्रिकेट में सिक्स लगाने के मामले में भी भारतीय क्रिकेट का एक नया कीर्तिमान स्थापित करता है। जायसवाल ने अपनी पारी में दो छक्के लगाकर यह उपलब्धि हासिल की, और साथ ही उन्होंने इस साल के 34 छक्कों के साथ यह रिकॉर्ड तोड़ा। अब वह टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में एक साल में सबसे ज्यादा छक्के लगाने वाले बल्लेबाज बन गए हैं।
दूसरी ओर, पर्थ टेस्ट के दूसरे दिन एक और बड़ी खबर सामने आई, जब जसप्रीत बुमराह ने ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में 5 विकेट लेकर एक नया रिकॉर्ड अपने नाम किया। इस जीत के साथ ही बुमराह ने SENA देशों (साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया) में सबसे ज्यादा 5 विकेट हॉल लेने का रिकॉर्ड कपिल देव के बराबरी पर ला खड़ा किया है। बुमराह ने इस मैच में अपनी गेंदबाजी से साबित कर दिया कि वे भारत के सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाजों में से एक हैं। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में शानदार गेंदबाजी करते हुए 5 विकेट झटके और अपने करियर में 11वीं बार 5 विकेट हॉल हासिल किया।
यह भारतीय क्रिकेट के लिए एक ऐतिहासिक पल था, क्योंकि बुमराह ने इस रिकॉर्ड के साथ कपिल देव की बराबरी की है। अब वह SENA देशों में 7 बार 5 विकेट हॉल लेने वाले भारतीय गेंदबाज बन गए हैं, और उन्होंने कपिल देव को इस रिकॉर्ड में बराबरी पर ला खड़ा किया। यह रिकॉर्ड बुमराह की गेंदबाजी में निरंतरता और उनकी कड़ी मेहनत का परिणाम है। उनके पास बुमराह जैसे गेंदबाज भारतीय क्रिकेट को मजबूती देने के लिए हैं।
ऑस्ट्रेलिया की टीम पर्थ टेस्ट के दूसरे दिन फिर से भारतीय गेंदबाजों के सामने झुकती दिखी। कंगारू टीम अपनी पहली पारी में सिर्फ 104 रन पर सिमट गई, जो कि भारत के खिलाफ उनके घरेलू मैदान पर दूसरा सबसे कम स्कोर है। इससे पहले, 1981 में मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया ने भारत के खिलाफ 81 रन पर अपनी पारी समेटी थी। इस बार भी भारतीय गेंदबाजों ने कंगारू टीम को आसान नहीं लिया और उन्हें रन बनाने का कोई मौका नहीं दिया। बुमराह के शानदार प्रदर्शन और अन्य भारतीय गेंदबाजों की बेहतरीन गेंदबाजी ने ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी को जल्दी समेट दिया और भारत को महत्वपूर्ण बढ़त दिलाई।
जब हम भारतीय ओपनिंग जोड़ी की बात करते हैं, तो पर्थ टेस्ट के दूसरे दिन भारत के लिए एक और शानदार पल आया। यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल ने मिलकर 172 रन की साझेदारी की, जो भारत के लिए एक ऐतिहासिक पल था। यह तीसरी बार था जब भारतीय ओपनर्स ने ऑस्ट्रेलिया में 100 से ज्यादा रन की साझेदारी की हो। इससे पहले 2003-04 में वीरेंद्र सहवाग और आकाश चोपड़ा ने यह कारनामा किया था। इस साझेदारी ने भारतीय क्रिकेट के लिए न केवल मजबूत शुरुआत दी, बल्कि यह भारत के लिए एक नई उम्मीद का संकेत भी था।
यही नहीं, भारतीय ओपनर्स ने न केवल एक मजबूत साझेदारी की, बल्कि दोनों बल्लेबाजों ने ऑस्ट्रेलिया में 50 रन से अधिक की साझेदारी की। यह घटना 1986 के बाद पहली बार हुई, जब भारतीय ओपनर्स ने ऑस्ट्रेलिया में अर्धशतक बनाया। उस समय सुनील गावस्कर और कृष्णमाचारी श्रीकांत ने यह उपलब्धि हासिल की थी। अब, यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल ने इस परंपरा को जीवित रखा और ऑस्ट्रेलिया में 50 रन से अधिक की साझेदारी की। यह दोनों के लिए और भारतीय क्रिकेट के लिए गर्व का विषय है।
जब हम बुमराह की गेंदबाजी की बात करते हैं, तो यह स्पष्ट है कि बुमराह ने SENA देशों में बेहतरीन गेंदबाजी औसत रखा है। 50 या उससे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाजों में बुमराह का औसत 22.63 है, जो एशियाई गेंदबाजों में सबसे बेहतरीन है। पाकिस्तान के वसीम अकरम के बाद बुमराह का यह रिकॉर्ड क्रिकेट जगत में एक नई पहचान बना रहा है। यह औसत बुमराह की कड़ी मेहनत और गेंदबाजी के तकनीकी पहलुओं को दर्शाता है। उनका गेंदबाजी औसत यह साबित करता है कि वे हर 23वें रन पर एक विकेट झटकने की क्षमता रखते हैं, जो किसी भी गेंदबाज के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
पर्थ टेस्ट में भारतीय क्रिकेट टीम का प्रदर्शन न केवल शानदार था, बल्कि यह टीम के प्रत्येक सदस्य के लिए गर्व का विषय बन चुका है। यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल, और जसप्रीत बुमराह ने अपने व्यक्तिगत और टीम के रिकॉर्ड्स के साथ भारतीय क्रिकेट को एक नया ऊंचाई दी है। यह टेस्ट मैच भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मुकाम साबित हो सकता है, और अगर भारतीय टीम इस लय को बनाए रखती है, तो ऑस्ट्रेलिया में यह सीरीज जीतने की संभावना काफी बढ़ जाएगी।