Jaipur Masters Tennis Tournament में भारत-पाक मुकाबले से कम नहीं था फाइनल! विजय वर्मा और अवनीश रस्तोगी ने दिल जीत लिया, जानिए रोमांचक सफर
Jaipur Masters Tennis Tournament राजस्थान की राजधानी जयपुर इन दिनों खेल प्रेमियों के लिए किसी मेले से कम नहीं रही। जय क्लब की ऐतिहासिक टेनिस कोर्ट्स पर आयोजित 400 पॉइंट का इंटरनेशनल मास्टर्स टेनिस टूर्नामेंट एक ऐसा आयोजन साबित हुआ, जिसने न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी छाप छोड़ी। इस भव्य टूर्नामेंट में कुल 187 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया, जिनमें भारत सहित कई देशों के नामचीन पुरुष और महिला खिलाड़ी शामिल थे।
विजय वर्मा और अवनीश रस्तोगी की जोड़ी बनी चर्चा का विषय
50 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में हिस्सा लेने वाले विजय वर्मा और उनके साथी अवनीश रस्तोगी ने टूर्नामेंट में ऐसा प्रदर्शन किया जिसने दर्शकों को सीट से उठने पर मजबूर कर दिया। मैच दर मैच दोनों ने अपने अनुभव और खेल भावना का ऐसा संगम दिखाया कि हर कोई इनके खेल का दीवाना हो गया।
क्वार्टरफाइनल और सेमीफाइनल मुकाबलों में दोनों खिलाड़ियों ने अपने प्रतिद्वंदियों को शानदार अंदाज में हराकर फाइनल का टिकट कटाया। उनका हर शॉट, हर रिटर्न, और हर सर्व दर्शकों के बीच तालियों की गूंज बन गया।
फाइनल: जगदीश तंवर और दीपक भगोरा के खिलाफ रोमांचक भिड़ंत
फाइनल मुकाबले की बात करें तो ये किसी भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच से कम नहीं था। सामने थे देश के टॉप रैंकिंग खिलाड़ी जगदीश तंवर (India No.1) और दीपक भगोरा, जिनकी जोड़ी के सामने आना किसी भी खिलाड़ी के लिए आसान नहीं होता। लेकिन विजय वर्मा और अवनीश रस्तोगी की टीम ने मुकाबले की शुरुआत में ही यह जता दिया था कि वे ट्रॉफी लेने ही आए हैं।
पहला सेट कड़ा मुकाबला रहा, लेकिन 3-6 से विजय वर्मा पीछे रह गए। दूसरे सेट में उन्होंने जबरदस्त वापसी की कोशिश की, लेकिन 4-6 से हार झेलनी पड़ी। हालांकि मुकाबले के बाद स्टेडियम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा, क्योंकि हार के बावजूद उन्होंने फैंस का दिल जीत लिया।
विजय वर्मा: देश के लिए खेल चुके धुरंधर खिलाड़ी
विजय वर्मा का नाम भारत के टेनिस इतिहास में पहले भी स्वर्ण अक्षरों में लिखा जा चुका है। 2014 में उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व अमेरिका में किया था, जहां उन्होंने मास्टर्स प्रतियोगिता में भाग लिया। वहीं 2019 में इटली में आयोजित मास्टर्स गेम्स में सिल्वर मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन किया।
उनकी मेहनत, जुनून और देशभक्ति का जज्बा आज भी वैसा ही है जैसा किसी युवा खिलाड़ी में होता है। उम्र को मात देते हुए उनका कोर्ट पर प्रदर्शन युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा देता है।
टूर्नामेंट का वातावरण: खेल के साथ संस्कृति का संगम
जयपुर का जय क्लब इस दौरान खेल और संस्कृति का संगम स्थल बन गया था। शहर की गर्माहट, राजस्थानी संस्कृति की छाप, और टेनिस के प्रति जुनून ने इस इवेंट को और भी खास बना दिया। विदेशी खिलाड़ियों ने भी आयोजन की जमकर तारीफ की और कहा कि भारत में इस तरह के टेनिस इवेंट का अनुभव अविस्मरणीय है।
टेनिस प्रेमियों के लिए ट्रीट
टूर्नामेंट के दौरान दर्शकों का उत्साह देखने लायक था। 50+ आयु वर्ग के खिलाड़ियों ने अपने अनुभव और फुर्ती से यह दिखा दिया कि “Age is just a number” महज एक कहावत नहीं बल्कि हकीकत है। युवा दर्शकों ने इन खिलाड़ियों से काफी कुछ सीखा और सोशल मीडिया पर उनकी वीडियो वायरल होती रही।
आयोजकों को मिला भरपूर सराहना
आयोजन समिति, खासतौर पर जय क्लब प्रबंधन और राजस्थान टेनिस संघ ने इस भव्य आयोजन को सफल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। खिलाड़ियों के रहने, खाने और मैच व्यवस्थाओं का स्तर इंटरनेशनल रहा। आयोजकों ने बताया कि अगले साल और भी बड़े स्तर पर यह टूर्नामेंट आयोजित किया जाएगा।
क्या कहते हैं विजय वर्मा?
मैच के बाद विजय वर्मा ने मीडिया से कहा,
“हार-जीत खेल का हिस्सा है। हमने अपना 100% दिया और जो तालियां हमें मिलीं, वो किसी ट्रॉफी से कम नहीं। मेरी कोशिश रहेगी कि अगली बार हम फाइनल जीतें और ट्रॉफी लेकर लौटें।”
उन्होंने आगे कहा,
“भारत में टेनिस का ग्राफ तेजी से ऊपर जा रहा है और ऐसे टूर्नामेंट्स खिलाड़ियों को मौका देते हैं खुद को साबित करने का।”
दिल से बात:
जयपुर में आयोजित हुआ ये मास्टर्स टेनिस टूर्नामेंट न केवल खिलाड़ियों के लिए एक चुनौती था बल्कि दर्शकों के लिए एक रोमांचक अनुभव भी। इस टूर्नामेंट ने साबित कर दिया कि जुनून, अनुभव और मेहनत का मेल किसी भी उम्र में खेल को जीवंत बना सकता है। विजय वर्मा और अवनीश रस्तोगी भले ही उपविजेता रहे हों, लेकिन उनके खेल ने लाखों दिल जीत लिए।
भारत के पास ऐसे खिलाड़ी हैं जो उम्र की परवाह किए बिना सिर्फ खेलते नहीं, बल्कि प्रेरणा बनते हैं।