Lucknow News: जल जीवन मिशन में हजारों करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार, बगैर स्टीमेट बनाए टेंडर जारी कर दिया- संजय सिंह
Lucknow News: गोमती नगर स्थित आम आदमी पार्टी प्रदेश कार्यालय पर राज्यसभा सांसद व प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह को जल जीवन मिशन योजना पर घेरा। उन्होंने इस योजना में हज़ारों करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया। साथ ही, उन्होंने कहा कि इसका टेंडर बिना एस्टीमेट बनाए जारी कर दिया गया।
संजय सिंह ने मंत्री महेंद्र सिंह के उस बयान को कोट करते हुए बयान दिया, जिसमें मंत्री ने रश्मि मेटैलिक की तारीफ की थी। उन्होंने बताया कि आपको याद होगा मंत्री ने दलीलें देते हुआ कहा था, “हमने थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन की व्यवस्था कर रखी है, हमने उच्च कोटि की कंपनियों को लगा रखा है, हमने जल निगम को इसलिए किनारे किया कि जल निगम अच्छा काम नहीं करती। जल जीवन मिशन में हमने जो कंपनियां शामिल की हैं वह बड़ी अच्छी कंपनियां हैं।” रश्मि मैटेलिक के पक्ष में मंत्री कसीदे पढ़ रहे थे, उसे सबसे अच्छा बता रहे थे।
राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि ‘जब मैंने ये तमाम आरोप रश्मि मैटेलिक पर लगाए थे, तब उन्होंने मुझे 5000 करोड़ का मानहानि का नोटिस भेज दिया। जब न्यायालय में मुकदमा किया, तो रश्मि मैटेलिक ने दस हज़ार करोड़ रुपए कर दिया। यानी चार हजार 999 करोड़ 90 लाख की मानहानि न्यायालय जाने से पहले ही खत्म हो गई।’ उन्होंने कहा कि ’10 लाख रुपए की मानहानि का नोटिस उन्होंने भेजा है। न्यायालय की तरफ से जो तारीख रखी गई है।उसमें मुझे या मेरे वकील को न्यायालय की तरफ से आने के लिए कहा गया है। तो मेरे वकील साहब हाजिर होंगे और जवाब देंगे।
संजय सिंह ने कहा कि ‘मैं फिर दोहराना चाहता हूं, इस देश का संविधान, इस देश का कानून, सच बोलने की हजार ताकत देता है। जल जीवन मिशन में जो मैंने आरोप लगाया था कि बगैर स्टीमेट बनाएं हजारों करोड़ रुपए का टेंडर करा दिया गया। मेरे ख्याल से यह इकलौता उदाहरण होगा, जहां पर स्टीमेट बना ही नहीं यानी किस कार्य को कितने मूल्य में कराना है, यह निर्धारित ही नहीं हुआ और उसके पहले टेंडर करा दिया गया। 40-50 परसेंट 2 गुना 3 गुना दाम बढ़ा कर हजारों करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार किया गया।
प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने बताया कि ‘जब मैंने यह खुलासा किया, तो आपको याद होगा कि एक चिट्ठी 21 अगस्त को अखंड प्रताप सिंह अधिशासी निदेशक के द्वारा जल निगम के प्रबंध निदेशक को जारी की गई कि आप सारे कामों का रेट तय करके बताइए। अपने आप में अखंड प्रताप सिंह की चिट्ठी साबित करती है कि आप ने बगैर स्टीमेट बनाए टेंडर जारी कर दिया। बगैर दाम तय किए अनाप-शनाप दामों पर टेंडर कर दिया।’
संजय सिंह ने बताया कि ‘अब मैं बात कर रहा हूं, उन कंपनियों की, जिनके कार्य की समीक्षा की गई कि इसमें भ्रष्टाचार हुआ है। उनके लिए बार-बार कहा गया कि उन्होंने उच्च कोटि का काम किया है। थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन की व्यवस्था कर रखी है, सारे काम अव्वल दर्जे के उच्च कोटि के हो रहे हैं, यह महेंद्र सिंह ने कहा था।