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Muzaffarnagar में व्यापारियों का फूटा गुस्सा: करोड़ों के नुकसान पर मुआवजे की मांग, नगरपालिका की लापरवाही पर भड़के व्यापारी

Muzaffarnagar में भारी बरसात के बाद उत्पन्न हालातों ने नगर पालिका की व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है। तहसील क्षेत्र स्थित नगरपालिका मार्किट में दुकानदारों की हालत खराब हो गई है। व्यापारियों ने मंगलवार को डीएम कार्यालय पहुंचकर सिटी मजिस्ट्रेट पंकज प्रकाश राठौर को एक ज्ञापन सौंपते हुए मुआवजे की मांग की और नगरपालिका की लापरवाही पर तीखी नाराज़गी जताई।


बरसात ने बरबाद किया व्यापार: दुकानों और गोदामों में भरा पानी, करोड़ों का हुआ नुकसान

व्यापारियों का कहना है कि नगर पालिका की लचर जल निकासी व्यवस्था के चलते बरसात के पानी ने तहसील मार्किट के बेसमेंट में जमा होकर भारी नुकसान पहुंचाया। दुकानों और गोदामों में जलभराव के कारण लाखों नहीं, बल्कि करोड़ों रुपये का माल बर्बाद हो गया। व्यापारी नेता राकेश त्यागी के नेतृत्व में व्यापारियों ने प्रशासन से शीघ्र ठोस कदम उठाने की अपील की।


व्यापारियों ने चेताया: मांग पूरी न होने पर होगा उग्र आंदोलन

ज्ञापन सौंपने के दौरान व्यापारियों ने सिटी मजिस्ट्रेट को स्पष्ट कर दिया कि यदि तत्काल प्रभाव से जल निकासी की व्यवस्था नहीं की गई और मुआवजा नहीं दिया गया, तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। उनका कहना था कि बारिश के हर मौसम में ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है, और नगरपालिका सिर्फ आश्वासन देकर पल्ला झाड़ लेती है।


जलनिकासी व्यवस्था का बुरा हाल: हर साल दोहराई जाती है तबाही की कहानी

नगरपालिका मार्किट के दुकानदारों का आरोप है कि बारिश से पहले नालों की सफाई तक नहीं कराई जाती। बेसमेंट में जलभराव की समस्या कोई नई नहीं है, लेकिन इसके स्थायी समाधान के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। हर साल बारिश के दौरान दुकानदारों को भारी आर्थिक क्षति झेलनी पड़ती है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी आंख मूंदे रहते हैं।


राजस्व का बड़ा स्रोत है नगरपालिका मार्केट, फिर भी नहीं मिलती सुविधा

व्यापारियों का तर्क है कि नगरपालिका मार्केट न केवल शहर के आर्थिक ढांचे की रीढ़ है, बल्कि राजस्व का बड़ा स्रोत भी है। इसके बावजूद, इस क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं की चौंकाने वाली कमी है। जलनिकासी जैसी प्राथमिक व्यवस्था तक ठीक नहीं है, जो इस बात का संकेत है कि नगर पालिका अपनी ज़िम्मेदारियों को लेकर कितनी गंभीर है।


व्यापारिक प्रतिष्ठानों में भरा गंदा पानी: स्वास्थ्य संकट भी गहराया

जलभराव के कारण सिर्फ आर्थिक नुकसान ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी खतरे भी बढ़ गए हैं। गोदामों में भरे गंदे पानी से दुर्गंध और मच्छरों का प्रकोप शुरू हो गया है। कई दुकानों में फफूंद लगने से सामान पूरी तरह खराब हो गया है। इससे दुकानदारों को न सिर्फ नुकसान हुआ, बल्कि ग्राहकों का विश्वास भी डगमगाया है।


नगरपालिका पर गंभीर आरोप: जिम्मेदारों के खिलाफ हो कार्रवाई की मांग

व्यापारियों ने नगरपालिका के संबंधित अधिकारियों पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि जब तक दोषियों पर ठोस कार्रवाई नहीं की जाएगी, तब तक हालात नहीं सुधरेंगे। उन्होंने ज्ञापन में स्पष्ट तौर पर लिखा कि जलनिकासी व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए नगर पालिका को स्थायी योजना बनानी होगी।


राजनीतिक हस्तक्षेप और प्रशासनिक उदासीनता बनी समस्या की जड़

इस पूरे मामले में व्यापारियों ने राजनीतिक हस्तक्षेप और प्रशासन की उदासीनता को मुख्य कारण बताया। उनका कहना है कि कई बार स्थानीय नेताओं और पार्षदों को समस्या से अवगत कराया गया, लेकिन नतीजा शून्य रहा। अब व्यापारी वर्ग एकजुट होकर आंदोलन की राह पकड़ने को तैयार है।


व्यापारियों की एकजुटता और संघर्ष की हुंकार: प्रशासन की परीक्षा की घड़ी

अब नगरपालिका मार्केट के व्यापारी संगठित होकर अपने हक की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने प्रशासन को अल्टीमेटम दे दिया है कि यदि मुआवजा और जलभराव से निजात दिलाने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो पूरे जनपद स्तर पर आंदोलन छेड़ा जाएगा।


क्या प्रशासन जागेगा या फिर से दोहराई जाएगी बर्बादी?

अब सवाल ये उठता है कि क्या जिला प्रशासन इस चेतावनी को गंभीरता से लेगा या हमेशा की तरह इस बार भी आश्वासन देकर मामला टाल देगा? जलभराव, खराब जलनिकासी और प्रशासनिक उदासीनता जैसे मुद्दों पर तत्काल और प्रभावी कार्रवाई की ज़रूरत है ताकि भविष्य में व्यापारियों को अपनी मेहनत की कमाई इस तरह गंवानी न पड़े।


मुजफ्फरनगर के व्यापारी अब सिर्फ मुआवजा नहीं, बल्कि सम्मान और सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। प्रशासन को चाहिए कि वह समय रहते स्थिति को संभाले, ताकि व्यापारी वर्ग को राहत मिल सके और शहर की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती रहे।

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