प्रवासी मजदूर कोरोना वायरस ले जाने वाले रोगवाहक हो सकते हैं- विश्व बैंक
विश्व बैंक ने रविवार को कहा कि घर लौट रहे प्रवासी मजदूर अप्रभावित राज्यों एवं गावों में कोरोना वायरस ले जाने वाले रोगवाहक हो सकते हैं। प्रारंभिक परिणाम दिखाते हैं कि भारत के जिन इलाकों में ये लोग लौट रहे हैं वहां भी कोविड-19 के मामले सामने आ सकते हैं।
Government-to-person #G2P cash transfers are critical in recovery, rebuilding livelihoods & future challenges. They can produce long-term benefits like #FinancialInclusion, a key driver of resilience in economic shocks, & economic #womenempowerment. https://t.co/MvPfGNsJ8E
— World Bank (@WorldBank) April 12, 2020
अपनी द्विवार्षिक रिपोर्ट में, विश्व बैंक ने कहा कि दक्षिण एशिया, खासकर उसके शहरी इलाके, विश्व में सबसे घनी आबादी वाला क्षेत्र हैं और घरेलू स्तर पर कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकना क्षेत्र में एक बड़ी चुनौती है। रिपोर्ट में कहा गया कि इससे संक्रमण फैलना आसान हो जाता है, खासकर सबसे कमजोर लोगों के बीच जो कि झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले प्रवासी मजदूर हैं।
भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान में अंतर्देशीय यात्री परिवहन साधनों पर रोक की घोषणा और इसे लागू करने के बीच एक दिन से भी कम समय लगा जिससे अव्यवस्था उत्पन्न हो गई, क्योंकि प्रवासी मजूदर आनन-फानन में घर लौटने लगे, इससे भीड़ बढ़ गई और सामाजिक दूरी का नियम लागू करना नामुमकिन हो गया।
How the @WorldBank Group is deploying emergency #COVID19 resources to support people and strengthen recovery. An update from @DavidMalpassWBG: https://t.co/W0OotJTwXA
— World Bank (@WorldBank) April 11, 2020
विश्व बैंक ने रविवार को जारी अपनी दक्षिण एशिया आर्थिक अपडेट, कोविड-19 का प्रभाव रिपोर्ट में कहा कि प्रवासी मजदूरों का हुजूम अन्य राज्यों एवं गावों में कोरोना वायरस का आसानी से रोगवाहक बन सकता है।
इसमें कहा गया कि दक्षिण एशिया के लिए एक छोटी सी राहत यह है कि यहां 65 साल से ज्यादा की आबादी अमेरिका और चीन की तुलना में कम है जो मृत्यु दर को भी सीमित करती है।